लगातार बारिश से चम्परण की नदियां खतरे के निशान से ऊपर

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(चम्परण ब्यूरो)

मोतिहारी। चम्परण में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से यहां की सभी नदियां उफान पर हैं। गंडक नदी में वाल्मीकि नगर बैराज से 2 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक फीट 20 सेंटीमीटर ऊपर चला गया है। लालबकेया नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गयी है। बुढ़ी गंडक ( सिकरहना ) नदी का जल स्तर भी खतरे के निशान को पार करने वाला है। नेपाल और उसके तराई इलाके में हो रही लगातार बारिश से चम्पारण की अन्य सभी नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है। इधर, लगातार हो रही बारिश के बढ़ते जलस्तर पर जल संसाधन विभाग ने पश्चिम एवं पूर्वी चंपारण के जिला प्रशासन को अलर्ट किया है। कहा है कि आपदा प्रबंधन विभाग हर स्तर पर अपनी तैयारी रखें।

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अधिकारियों को सरकार ने किया अलर्ट

जल संसाधन विभाग ने बताया है कि नेपाल में कई स्थान पर भारी वर्षा हुई है। मात्रा 300 एमएम से अधिक रिकॉर्ड की गयी है। गंडक बराज से 03 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की आशंका है। सरकार ने पदाधिकारियों से सतर्क रहने और नदियों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी के तहत सभी एसडीएम एवं अंचल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सतत तैयारी जारी रखनी है। संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिए सभी तैयारियां ससमय कर लेनी है, जिससे जान-माल की सुरक्षा की जा सके।

निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को माईकिंग कराकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा जाए। निर्देश है कि सभी एसडीएम संबंधित कार्यपालक अभियंता के साथ संयुक्त रूप से तटबंधों का निरीक्षण करेंगे। बाढ़ शरण स्थल को पूरी तरह से फंक्शनल रखा जाय। जिससे विषम परिस्थिति में उपयोग में लाया जा सके। नाव तथा नाविकों को भी अलर्ट मोड में रखने का निर्देश है। परिचालन की स्थिति में लॉगबुक का संधारण किया जाय।

नाव दुर्घटनाओं से बचाव को सभी अंचल पदाधिकारी कारगर उपाय करेंगे। सामुदायिक रसोई की तैयारी का भी निर्देश है। सिविल सर्जन, संभावित बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई घर सहित बांधों अथवा उंचे स्थानों पर रहने वाले व्यक्तियों के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिला पशुपालन पदाधिकारी पशुओं के लिए पर्याप्त चारा एवं मेडिसिन की व्यवस्था करेंगे।

फ्लड फाइटिंग की रखें तैयारी

पूर्वी एवं पश्चिमी चम्परण के जिलाधिकारियों ने कार्यपालक अभियंताओं को फ्लड फाईटिंग मेटेरियल डिसेन्ट्रलाइज तरीके से स्टॉक कराना सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया है। ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित गति से सुरक्षात्मक कार्य कराया जा सके। उन्होंने कहा है कि जेसीबी, ट्रैक्टर, क्रेन मालिकों की लिस्टिंग कर लें। ट्रैक्टर पर फ्लड लाईट्स, जेनरेटर सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता होनी चाहिए। डिसेन्ट्रलाइज तरीके से गोताखोरों की भी प्रतिनियुक्ति की जाय। एसडीआरएफ की पूरी टीम आवश्यक संसाधनों के साथ हमेशा मुस्तैद रहेगी। आपातकालीन संचालन केन्द्र पूर्णरूपेण 24×7 रहेगा।

मोतिहारी और बेतिया के कई मुहल्ले जलमग्न

लगातार बारिश के कारण मोतिहारी और बेतिया के कई मुहल्ले जलमग्न हो गए हैं। मोतिहारी शहर के कृष्ण नगर, अगरवा, चांदमारी, अंबिका नगर एवं रघुनाथपुर सहित कई इलाकों में जलजमाव के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां बारिश से ही बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। दूसरी तरफ बेतिया के बानुछापर, गांधी नगर, बंसवरिया, संतघाट, खिरिया घाट मोहल्ले में जलजमाव की स्थिति है।

संजय कौशिक, ब्यूरो प्रमुख की रिपोर्ट

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