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स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर उपभोक्ताओं का बना जी का जंजाल, हांफ रहे लोग, सुनवाई नहीं 

नवादा : नगर में जहां-जहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं, वहां वहां कई तरह की गंभीर शिकायतें मिल रही हैं। मुख्य तौर पर बहुत ज्यादा मीटर रीडिंग और बैलेंस कटने की शिकायतें है। पत्रकार सुधीर गुप्ता ने पूर्व के मीटर की अपेक्षा डेढ़ से दो गुना तक ज्यादा बिल खर्च होने की शिकायत बिजली विभाग के सहाय अभियंता से की है। उन्हें संतुष्ट करने का आश्वासन दिया गया है। कहा गया है कि पुराने और नए मीटर की रीडिंग कराकर देखेंगे की फर्क क्या आता है।

सीएसपी संचालक गोंदापुर निवासी राजू सिन्हा की भी ऐसी ही शिकायतें है। होटल मनपसंद के संचालक भी परेशान हैं। कोई उपभोक्ता प्रीपेड मीटर से संतुष्ट नहीं मिले हैं। सीमित आय वाले लोग बिजली पर अत्यधिक खर्च से घर का बजट गड़बड़ाने से परेशानी में हैं। कुछ उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि उन्हें रिचार्ज करने में भी परेशानी होती है। रिचार्ज करना आता नहीं है और बैलेंस खत्म होने पर बिजली कट जाती है, जिससे परेशानी होती है।

बिजली कंपनियों पर मनमानी का आरोप

दरअसल, बिजली कंपनियां पर उपभोक्ता मनमानी का आरोप लगाते हैं। यह भी कहना है कि कुछ भी निर्णय थोपकर उसी को परेशान किया जाता है जो सही बिल नियमित चुकता करते हैं। मीटर रीडिंग का पैमाना क्या है इसे बिजली कंपनियों और सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। पुराने मीटर में जिस उपभोक्ता को 700_800 के बीच मासिक बिल आता था, इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगने के बाद डेढ़ से दो गुना ज्यादा खर्च होने लगा था। अब प्रीपेड मीटर में खर्च और बढ़ गया है। मीटर रिडिंग का पैमाना क्या है यह समझ से परे है।

सुधा बूथ पर लगा था पहला मीटर, वे भी संतुष्ट नहीं 

शहर में पहला मीटर कलेक्ट्रेट के पास संचालित सुधा बूथ में लगाया गया था। शुरुआती माह में ही संचालक ने बताया कि 100_150 यूनिट का फर्क प्रतिमाह पड़ रहा है। पहले 2200_2300 रुपये प्रतिमाह में काम हो जाता था। अब 2800_3200 के करीब खर्च आ रहा है। शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है। बता दें कि नगर में 38 हजार मीटर लगाने पर काम चल रहा है। 7 हजार मीटर लग चुका है। 6 हजार मीटर और मंगाया गया है, जिसे लगाने का काम जारी है।

नवादा सहित बिहार के सभी जिलों में लग रहा ऐसा मीटर

बता दें कि नवादा सहित बिहार के सभी जिलों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है। मार्च 2025 तक राज्य के करीब 1 करोड़ 70 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। नगर में करीब 7 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं। पहले व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में फिर घरों में मीटर लगाया जा रहा है।

शिकायत निपटारे के लिए नहीं है फोरम

पटना हाईकोर्ट ने प्रीपेड मीटर लगा रही बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं की शिकायतों के निपटारे के लिए पहले फोरम बनाने फिर प्रीपेड मीटर लगाने का आदेश दिया था। यह आदेश सरकार के ऊर्जा विभाग तथा साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को दिया गया था। लेकिन, नवादा में कोई फोरम अस्तित्व में नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक बिजली मीटर की जांच कराने को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया गया था। बिहार विद्युत (संशोधन) नियमावली, 2020 के अंतर्गत विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम को अनिवार्यतः स्थापित करने का आदेश दिया गया था।

मीटर लगाने में अवैध वसूली

नगर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में अवैध वसूली भी की जा रही है। प्रति मीटर 200 रूपये की वसूली की जा रही है। नहीं देने वालों को कहा जाता है कि कुछ प्रॉब्लम होगा तो आप जानिए। इस थ्रेट का मतलब क्या है? वे लोग ही जानें। दो-तीन माह पूर्व ही पुराने मीटर को बदलने या घर के अंदर लगे मीटर को बाहर करने के नाम पर हर उपभोक्ताओं से 2_2 सौ रूपये की वसूली की गई थी।

कहते हैं अधिकारी

इस मसले पर बिजली विभाग के सहायक अभियंता नवादा से बात की गई। उन्होंने किसी प्रकार की गड़बड़ी को सिरे से खारिज करते हुए कहा मीटर रीडिंग में किसी प्रकार की तकनीकी समस्या नहीं है। मीटर को लैब में जांच परखकर ही खरीदा जाता है, और उपभोक्ताओं के घरों व दुकानों में लगाया जाता है। अबतक जो भी उपभोक्ता शिकायत लेकर पहुंचे हैं, उन्हें संतुष्ट किया गया है। पुराने व नए मीटर में कोई फर्क नहीं है।

अंतर बस इतना है कि पूर्व में उपभोक्ता बिल के आधार पर राशि का भुगतान किया करते थे। अब उन्हें पहले रिचार्ज कराना होता है। किसी उपभोक्ता को कोई शिकायत है तो वे सीधे संपर्क कर सकते हैं। कुछ दिनों के लिए समानांतर मीटर लगाकर चेक कर लिया जाएगा कि फर्क क्या है। वैसे माह में 10-20 यूनिट का फर्क हो सकता है। उपभोक्ता किस रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, इसपर काफी कुछ निर्भर करता है।

अंबुज कुमार, सहायक अभियंता, नवादा: