विश्वविद्यालय देगा शिक्षा विभाग को डेली रिपोर्ट, शिक्षकों की कमी की बात बेमानी
पटना : बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा दी जा रही शिक्षा में सुधार को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अब विश्वविद्यालयों का यह बहाना नहीं चलेगा कि शिक्षकों की कमी है या विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा शिक्षक छात्रों को ठीक से नहीं पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई नियुक्तियां की जाएगी, लेकिन जब तक शिक्षक छात्रों को ढंग से नहीं पढ़ाएंगे, उसका क्या लाभ होगा? इसलिए शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई की रोज माॅनीटरिंग करने का फैसला लिया है।
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी ध्यान देने की जरूरत
विजय कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा लगातार राज्य में शिक्षकों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों के लिए एक ऐसा ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाएंगे, जिससे रोजाना किसने कितनी कक्षाएं ली, क्या पढ़ाया गया, कितने बच्चे आये, इनकी जानकारी शिक्षा विभाग मिलेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के अधिकार विश्वविद्यालयों को दे दिये गए हैं। जिस विषय के शिक्षक कम हैं, उनकी नियुक्ति करें। इसमें दिक्कत क्या है? शिक्षकों की कमी की बात बेमानी है।
विजय कुमार चौधरी ने यह बात स्वीकार किया है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। इसको सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों को अब हम स्थायी संबंधन दे रहे हैं। लेकिन उन्हें ईमानदारी से पढ़ाना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचते हैं।जब शिक्षक कक्षा में पहुंचेंगे, तो बच्चे कक्षा में जरूर आयेंगे।
इसके आलावा उन्होंने कहा कि विवि को शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए जो अनुदान दिया जा रहा है, वह उन्हें समय पर नहीं मिल रहा। यह अक्षम्य लापरवाही है। यह बड़े दुख की बात है कि विवि प्रोत्साहन राशि का सत्यापन भी नहीं कर रहे हैं।