बैठक में विरोध क्यों नहीं? GST बढ़ाने पर विपक्ष अपना रहा दोहरा रवैया- सुमो

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पटना : बीते महीने GST को लेकर हुई बैठक में GST परिषद द्वारा विभिन्न उत्पादों पर जीएसटी दरों को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत अब पैकेज्ड एवं लेबल वाले दही, पनीर, लस्सी, चावल, आटा और रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर भी 18 जुलाई से अधिक जीएसटी देना होगा। इसे लेकर तमाम विपक्षी दल सरकार पर हमलावर बनी हुई है। राजद समेत कई दल इसका मौखिक रूप से विरोध कर रहे हैं।

राजद समेत अन्य दलों के विरोध पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कुछ खाद्य पदार्थों पर जीएसटी बढ़ाने का निर्णय न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, न केंद्र सरकार का, बल्कि यह फैसला उस जीएसटी काउंसिल का है, जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।

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राहुल गाँधी यदि कर वृद्धि का विरोध कर रहे हैं, तो बतायें कि क्या राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों ने काउंसिल की बैठक में इसका विरोध किया था? जीएसटी बढ़ाने पर विपक्ष दोहरा रवैया अपना रहा है।

सुमो ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में कांग्रेस, टीएमसी, माकपा और आम आदमी पार्टी की राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों ने टैक्स बढ़ाने का कोई विरोध नहीं किया, जबकि इनकी पार्टी मीडिया में विरोध प्रकट कर चेहरा चमका रही है। बिहार में राजद को इस मुद्दे पर कांग्रेस और टीएमसी से सवाल पूछना चाहिए।

जीएसटी काउंसिल ने केवल उन खाद्य पदार्थों पर कर बढ़ाया है, जो पहले से बंद किये हुए और लेबल लगे पैकेट या डिब्बों में बिकते हैं। तौल कर खुदरा बिकने वाले अनाज या अन्य खाद्य पदार्थों पर कर नहीं लगाया गया है।

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