औपचारिकाता पूरी, उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने घोषित किए उम्मीदवार

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न बहुमत का आंकड़ा न ही लड़ाई में होने के बावजूद विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया। NCP प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मार्गरेट अल्वा विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार होंगी।

बता दें कि अल्वा 1974 से लगातार 4 बार 6 वर्ष की अवधि के लिए राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुईं थी। 1984 की राजीव गांधी सरकार में अल्वा को संसदीय मामलों का केन्द्रीय राज्यमंत्री थीं। मार्गेट राजस्थान, गुजरात और उत्तराखंड की राज्यपाल रही हैं।

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विदित हो कि उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत तय है। ऐसी चर्चा थी कि संभव है कि विपक्ष उम्मीदवार खड़ा नहीं करे। लेकिन, तमाम विपक्षी दल अपने कार्यकर्ताओं को ऊर्जावान बने रहने और सकारात्मक संदेश देने के लिए उम्मीदवार की घोषणा की है।

लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की बात करें तो वर्तमान में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या 780 है। इस आधार पर उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता है। वहीं, भाजपा के सदस्यों की संख्या के बाद करें, तो नामित सदस्यों को मिलाकर भाजपा के पास 399 मत है, जो कि बहुमत से ज्यादा है। वहीं, जदयू ने भी समर्थन देने का एलान कर दिया है। अब यह आंकड़ा और बढ़ गया है। अगर भारतीय जनता पार्टी को कुछ दल बिना शर्त समर्थन करते हैं, तो यह आंकड़ा करीब 445 से अधिक होगा।

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