बुरे फंसे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पाक पत्रकार और ISI जासूस के नए खुलासे से सनसनी
नयी दिल्ली : पाकिस्तानी पत्रकार और नुसरत मिर्जा के खुलासे से पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भारी मुसीबत में आ गये हैं। सफाई देने के बावजूद उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा। भाजपा ने जब हामिद अंसारी को देश की अहम जिम्मेदारी देने वाली कांग्रेस से जवाब मांगा तो उसने पाकिस्तानी जासूस के दावे को खारिज कर दिया। ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आदिश अग्रवाल ने कांग्रेस और हामिद अंसारी को लेकर नया खुलासा किया है।
अंसारी ने एक जानकारी के पीछे छिपाई दूसरी
अग्रवाल ने कहा कि आतंकवाद पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बहाने हामिद अंसारी ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और जासूसी से जुड़े तत्वों का इसमें बचाव किया और जानकारी छिपाई। सरकार को इस मामले की जांच शुरू करनी चाहिए। उन्होंने हामिद अंसारी पर जानकारी छिपाने और झूठ बोलने का आरोप लगाया।
देश की सुरक्षा से खिलवाड़, भाजपा हमलावर
आदिश अग्रवाल ने खुलासा किया कि पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 11 और 12 दिसंबर, 2010 को विज्ञान भवन में आयोजित आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जानकारी दी। लेकिन उन्होंने 27 अक्टूबर 2009 को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आयोजित जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा आयोजित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की जानकारी नहीं दी। इस सम्मेलन में हामिद अंसारी, दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला और अन्य मुस्लिम नेताओं ने भाग लिया था।
जामा मस्जिद सम्मेलन में शामिल हुआ पाक जासूस
डॉ अग्रवाल ने आरोप लगाया कि हामिद अंसारी और उनके दोस्त जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के सम्मेलन में पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के साथ दोस्ती कर रहे थे। हामिद अंसारी ने अपनी सफाई में कहा था कि मीडिया के कुछ वर्ग और बीजेपी द्वारा व्यक्तिगत रूप से उन पर झूठ के आरोप लगाए गए। यहां अंसारी ने 12 दिसंबर 2010 को विज्ञान भवन में आयोजित आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में तो बताया लेकिन 27 अक्टूबर 2009 को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आयोजित जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा आयोजित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की जानकारी नहीं दी।