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जंगलों में फिर से पांव जमा रहे नक्सली, सभी थानों को अलर्ट रहने की आवश्यकता

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल इलाके में विस्फोटक बरामद होने के बाद नक्सली गतिविधियों की आशंका के मद्देनजर जिले भर में एक बार फिर से अभियान तेज कर दिया गया है। सुरक्षाबलों द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। कौआकोल में एसएसबी द्वारा सीमावर्ती इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है। जिले के सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। मामला कौआकोल के झारखंड व जमुई जिले की सीमा से लगे मधुरापुर जंगल से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने से जुड़ा है।

08 जुलाई को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 29 वीं बटालियन ने इनपुट के आधार पर जंगल व पहाड़ी इलाके में छुपा कर रखा गया विस्फोटक बरामद किया था। विस्फोटक की मात्रा करीब 10 केजी थी। इसके साथ 12 वोल्ट की एक एक्साइड बैट्री, 50 मीटर तार व 01 डेटोनेटर भी बरामद किया गया था। विस्फोटक एक स्टील के कंटेनर में छुपाकर रखा हुआ था।

सुरक्षाबल थे निशाने पर, जांच जारी

इधर, पुलिस इस मामले में अनुसंधान कर रही है कि विस्फोटकों की इस इलाके में बरामदगी के मायने क्या हैं? पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि क्या आईईडी बिछा कर नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाना चाह रहे थे या फिर उनकी योजना विस्फोटकों को कहीं और ले जाने की थी।

बता दें कि कौआकोल के घोर नक्सल प्रभावित जमुई व गिरिडीह की सीमा से लगे होने के कारण एहतियात के तौर पर एसएसबी द्वारा लगातार इस इलाके में अभियान चलाया जा रहा था। इस कारण सुरक्षाबलों के नक्सलियों के निशाने पर होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है। बहरहाल, पुलिस ने अज्ञात नक्सलियों के विरुद्ध विस्फोटक अधिनियम व गैर कानूनी गतिविधियां (यूएपीए) रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।

 प्रद्युमन की गिरफ्तारी के बाद से शांत थी गतिविधियां

अगस्त 2021 में 25 लाख के इनामी नक्सली व भाकपा माओवादी के सीनियर एक्शन कमेटी के वरिष्ठ कमांडर प्रद्युमन शर्मा उर्फ कुंदन उर्फ साकेत की गिरफ्तारी के बाद से जिले में नक्सली गतिविधियां पूरी तरह से शांत पड़ी थी। सेंट्रल इनपुट पर शर्मा को हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र से उसके एक साथी के साथ गिरफ्तार किया गया था।

शर्मा पर झारखंड और बिहार में 90 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से करीब दो दर्जन मामले नवादा जिले के विभिन्न थानों में दर्ज है। शर्मा फिलहाल जेल में बताया जाता है। वह जिले के रजौली व सिरदला थाना क्षेत्रों में सक्रिय था। उस पर लेवी वसूलने समेत हत्या, लूट व अपहरण आदि के कई अन्य आरोप हैं।

2018 से सामान्य नक्सल में है नवादा 

जिले में नक्सली गतिविधियां थमने के बाद अप्रैल 2018 में नवादा को अति नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी से हटा कर सामान्य नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में कर दिया गया था। इसके बाद से सरकार द्वारा लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में विकासपरक कार्यक्रम व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

केन्द्र सरकार द्वारा इन इलाकों में सड़क, पुल-पुलिया, मोबाइल टावर, स्वास्थ्य व शिक्षा आदि आधारभूत संरचनाओं को मजबूत बनाकर सुरक्षाबलों के माध्यम से लगातार लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिसका व्यापक असर देखने को मिला और नक्सली गतिविधियां बिल्कुल शांत पड़ गयी।

दो वर्षों में आधा दर्जन नक्सली मारे गये

2017 से 2019 के बीच दो वर्षों में जिले में आधा दर्जन नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे गये। इसके बाद से नक्सलियों के पांव जिले से उखड़ने लग गये। 08 मार्च 2017 को सिरदला के थमकोल जंगल में कोबरा व नक्सलियों की मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गये थे। इनमें गया जिले के वजीरगंज थाने के कलौंदी गांव का अनिल यादव उर्फ दीपक, रजौली के कुम्हरूआ गांव का नेपाली यादव, गया जिले के गुरारू थाने के असनी गांव का सुखाड़ी चौधरी उर्फ तूफानी व नालंदा जिले के इस्लामपुर थाने के पटन बिगहा गांव का अरविन्द कुमार वर्मा उर्फ लूल्हा शामिल थे।

मौके से दो एसएलआर, एक इंसास व एक एके 47 समेत भारी मात्रा में कारतूस बरामद किये गये थे। वहीं 17 मार्च 2019 को रजौली के चोरडीहा जंगल में मुठभेड़ में कारू अगेरी नामक नक्सली मारा गया। मौके से एक रायफल, तीन कारतूस आदि बरामद किये गये थे।

इससे पूर्व रजौली के गढ़ दिबौर के समीप रतनपुर जंगल में 24 जनवरी 2019 को मुठभेड़ में चंदन कुमार नामक हार्डकोर नक्सली मारा गया था। वह नालंदा जिले के इस्लामपुर थाने के खगरिया बिगहा गांव का रहने वाला था। मौके से पुलिस से लूटी गयी एक इंसास रायफल, 130 राउंड कारतूस व मैगजीन आदि बरामद की गयी थी।