लालू राज की याद दिलाने लगी बिजली, लालटेन के किरासन तक पीडीएस से गायब

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नवादा : जिले में वक्त-बेवक्त बिजली का गुल होना जारी है। जिलेवासी बिजली रानी के तेवर से हलकान है। मॉनसून दगाबाज बना है, तो मौसम की उमसभरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। जरा सी बिजली गुल हुई नहीं कि शरीर पसीने से लथपथ हो जा रहा है। आलम यह है लोगों को दिन में कई-कई बार स्नान की तलब जान पड़ रही है। इसमें भी परेशानी साफ झलकती है। बिजली गुल रहने से पानी की टंकियां सूख जा रही है। हर तरफ से मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन बिजली विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के माथे पर शिकन तक नहीं है।

नवादा विद्युत अवर प्रमंडल को प्रतिदिन 74 मेगावाट बिजली की जरूरत है। लेकिन पिछले 02 दिन पहले तक प्रमंडल को मात्र 30-35 मेगावाट बिजली की सप्लाई हो पा रही थी। सप्ताह भर से बिजली का आना-जाना जारी था। कमोबेश समाज का हर तबका बिजली की इस आंखमिचौनी से परेशान था। फिलहाल बिजली आपूर्ति में सुधार के आसार नजर नहीं आ रहा है। बावजूद, दिन के 24 घंटों में किस वक्त बिजली गुल होगी, यह कहना मुश्किल है! बिजली की इस आवाजाही से लोगों को घर से लेकर व्यापार तक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन विभाग के पदाधिकारी मौन साधे हैं।

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बिजली आधारित व्यवसाय बुरी तरह हुआ है प्रभावित

हाल में बिजली की चरमराई स्थिति से इसपर आधारित उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ऑनलाईन सेवाएं हो या आटा-चक्की की मिल। हर व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित है। आलम यह है कि दुकानों वो प्रतिष्ठानों को इतनी भी बिजली नहीं मिल पा रही है कि वहां लगा इन्वर्टर और बैट्री काम कर सके। इधर, दिन ढलते ही बिजली का आना-जाना शुरु हो जाता है। जिससे शाम का बाजार प्रभावित हो रहा है। दुकानों व सड़कों पर अंधेरा पसर जा रहा है, जिससे महिलाएं खरीदारी को बाजार नहीं निकल रही।

शहर का विजय बाजार, पुरानी बाजार, पुरानी कचहरी रोड, प्रसाद बिगहा, अस्पताल रोड, सोनार पट्टी, स्टेशन रोड जैसे इलाकों के मार्केट बिजली की आंखमिचौली से काफी प्रभावित हुए है। व्यापारियों के लिए सुकून भरी बात ये हैं कि शादी-लग्न का बाजार अब सिमट गया है। हालांकि बकरीद को लेकर खरीदारी चल रही है, लेकिन पिछले दो दिनों से बिजली की सुधरी स्थिति ने बाजार में रौनक ला रखी है। लेकिन दुकानदारों को यह भी भय है कि किस वक्त बिजली दगा देगी। फिलहाल, राम भरोसे व्यापार संचालित हो रहा है।

गृहणियों के पास समस्याओं का अंबार, अब बिजली भी कर रही परेशान

यूं तो घर-गृहस्थी संभालने वाली गृहणियों के पास समस्याओं का अंबार लगा होता है। लेकिन हाल के दिनों में बिजली रानी ने इन्हें कही का नहीं छोड़ा है। बेवक्त बिजली जाने से कपड़े इस्त्री नहीं हो पा रहें, तो पानी की टंकी भी खाली हो जा रही है। शाम में डिनर बनाने का वक्त भारी गुजर रहा है। बैट्री इन्वर्टर धोखा दे रहे हैं। घर में पढ़नेवाले बच्चें हो, तो स्थिति अधिक दयनीय हो गई है।

शाम ढलते ही बिजली का आना-जाना बच्चों के लिए एक बहाना बनकर सामने आ जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, तो घर के बड़े-बुजुर्गों भी चहारदीवारी के अंदर सिमट गए हैं। बिजली रहने पर ये लोग पास-पड़ोस घूमने-टहलने निकल जाते हैं। लेकिन बिजली ने इनकी दुनिया भी सिमटा दी है। इधर, टीवी पर सीरियलों का दीदार मुश्किल हो गया है। कुल मिलाकर बिजली रानी से गृहणियां खासी परेशान है।

किसानों के बिचड़े सूखने के कगार पर, कैसे होगी धनरोपनी

जुलाई का महीना दस दिन खत्म , मॉनसून जमकर नहीं बरसा.मौसम की इस दगाबाजी ने किसानों के चेहरे से मुस्कुराहट तक छीन ली है। रही-सही कसर बिजली ने पूरी कर दी है। आलम यह है कि धनखेती के लिए तैयार बिचड़े (मोरी) खेतों में सूखने लगी है। इनके पटवन तक को साधन नहीं है। बिजली के अभाव में खेतों में सिंचाई कार्य ठप है। यदि खेतों में लगे बिचड़े सूख जाते हैं, तो फिर धान की खेती पूरी तरह प्रभावित हो जायेगी।

खेतीबाड़ी के समय भी बिजली आपूर्ति पूरी तरह चरमरायी है, जिससे किसान भी नाराज है। पहले दिन में 12-14 घंटे ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति हो रही थी। फिलहाल, बिजली आपूर्ति की किल्लत से ग्रामीण इलाकों में सप्लाई प्रभावित हुई है। देखा जाए, तो जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी बिजली की कमी से समाज का हर तबका परेशान है। बावजूद सरकारी महकमा और बिजली विभाग इस परेशानी को हल करने से कतरा रहा है।

कहते हैं बिजली उपभोक्ता

सप्ताहभर से बिजली ने परेशान कर रखा है। बिजली के लगातार आने-जाने से कोई भी काम सुचारु ढंग से नहीं हो पा रहा। घरेलू कार्यों में परेशानी आ रही है। दिन ढलते ही बिजली गुल हो जाती है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है, तो बड़े-बुजुर्ग भी परेशान है। – नेहा सिंह, गृहिणी।हाल के दिनों में ऑनलाईन पढ़ाई का माहौल बना है। बिजली की कमी से लैपटॉप और मोबाईल भी सही से चार्ज नहीं हो पा रहा। ऑनलाईन कक्षा के दौरान ही मोबाईल स्वीच ऑफ हो जा रहा है या फिर लैपटॉप डिस्चार्ज हो जा रहा है। पढ़ाई में दिक्कतें आ रही है।- प्रिया राज नंदनी, छात्रा।

बिजली ने व्यापार चौपट कर रखा है। दिन में किसी तरह ग्राहक खरीदारी कर लेते हैं। लेकिन रात का बाजार पूरी तरह ठप हो गया है। शाम ढलते ही बिजली का आना-जाना शुरु हो जाता है। बैट्री-इन्वर्टर ने दगा दिया, तो दुकान में बैठे ग्राहक भी लौट जाते हैं, परेशानी बढ़ी हुई है।- राहुल अग्रवाल, व्यवसायी।

लग्न-शादी का अंतिम सीजन चल रहा था, इस दौरान बिजली की किल्लत से व्यापार काफी प्रभावित हुआ। सर्राफा बाजार में रौशनी का बड़ा रोल है। ज्वेलरी में चमक-दमक देख कर ही लोग पसंद करते हैं। बिजली आपूर्ति कम हो रही है, बैट्री इन्वर्टर तक चार्ज नहीं हो पा रहा। ग्राहक लौट जा रहे हैं।- संजय कुमार, सर्राफा व्यवसायी।

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