नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 बागी विधायकों ने ”शिवसेना-बालासाहेब” नाम से एक नया गुट बना लिया है। राजनीतिक विश्लेषक इसे सीएम उद्धव के खिलाफ एकनाथ शिंदे का मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं। उनके अनुसार इस नये नाम के कारण शिंदे को महाराष्ट्र में शिवसेना के कैडर का भावनात्मक सपोर्ट मिल जाएगा। एकनाथ शिंदे विधानसभा उपाध्यक्ष से भी अपने गुट को इसी नाम से पहचान देने की मांग कर सकते हैं।
आज गुवाहाटी से मुंबई पहुंच रहे एकनाथ शिंदे
मौजूदा सत्ता संघर्ष में उद्धव ठाकरे के लिए इससे अपनी पार्टी से बेदखल होने तक की नौबत आ जायेगी क्योंकि इससे शिवसेना दो हिस्सों में बंट जाएगी। एक गुट का नाम बालासाहेब गुट और दूसरा उद्धव गुट होगा। यह भी संभावना जताई जा रही है कि एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से आज शनिवार को मुंबई पहुंचते ही मीडिया में इस गुट के नाम का ऐलान कर सकते हैं। यह भी खबर है कि इसी नाम से अपने गुट के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शिंदे ग्रुप शुरू करेगा। इससे साफ है कि एकनाथ शिंदे का बागी गुट महाराष्ट्र में भाजपा या किसी अन्य दल में विलय नहीं करेगा।
उधर एनसीपी ने उद्धव ठाकरे से शिवसेना में उनकी कार्यप्रणाली को लेकर कठोर सवाल पूछे हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार की उद्धव ठाकरे के साथ हुई बैठक के बाद एनसीपी ने उद्धव से सवाल किया कि आपकी पार्टी में इतनी बड़ी बगावत हो गई और आपको भनक तक नहीं लगी। एनसीपी ने कहा कि जो नेता एक दिन पहले मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल होते हैं, वे अगले ही दिन बागी होकर दूसरे राज्य चले जाएं, यह सामान्य नहीं है। बहरहाल शरद पवार के साथ समूचा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन इस समय उद्धव की सरकार बचाने में सक्रिय हैं। देखना है कि वे अपने मकसद में कहां तक सफल हो पाते हैं।