बासा ने आलोक की गिरफ्तारी को लेकर जताया विरोध,मुख्य सचिव ने स्वीकारा हुई गलती
पटना : निर्वाचन विभाग के उप सचिव और बिहार प्रशासनिक सेवा संघ(बासा) के वरिष्ठ सदस्य आलोक कुमार की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ने लगा है। बासा के सदस्यों ने केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर कानून और संविधान की अनदेखी करते हुए आलोक कुमार की गिरफ्तारी को लेकर आक्रोश जताया है।
बासा के महासचिव सुनील कुमार ने बताया कि आयकर चौराहे स्थित संघ भवन में केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष शशांक शेखर सिन्हा ने की। इस दौरान संघ के अधिकारियों को आलोक कुमार के दोनों भाई और उनके पुत्र ने पूरे घटना क्रम से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हृदय रोग से ग्रसित और पेशमेकर लगे होने के कारण शारीरिक रूप से फीट नहीं होने के बावजूद 60 घंटे से अधिक समय तक आलोक को प्रताड़ित किया गया।
बिहार के मुख्य सचिव से बासा के पदाधिकारियों ने की मुलाकात
इसके बाद इस घटना को लेकर आक्रोश जताने के उपरांत बिहार के मुख्य सचिव द्वारा वार्ता हेतु बासा के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया। जिसमें अध्यक्ष शशांक कुमार सिंह नाम महासचिव सुनील कुमार तिवारी साथ ही पूर्व महासचिव अनिल कुमार सहित हेमंत कुमार सिंह मोहम्मद शाहिद परवेज अनिल कुमार सुशील कुमार मिश्रा साथ ही कई अन्य सदस्य उपस्थित हुए।
मुख्य सचिव ने स्वीकार हुई गलती
इस वार्ता के क्रम में मुख्य सचिव ने स्वीकार किया कि किसी के द्वारा तथाकथित पोस्ट उन्हें भेजा गया था जिस पर उनके द्वारा सक्षम पदाधिकारी को उक्त रिपोर्ट को फॉरवर्ड कर दिया गया उनकी मंशा कतई किसी पर कार्यवाही की नहीं थी परंतु पुलिस द्वारा बिना पूरी घटना की जांच की है कठोर कदम उठा दिया गया।
प्राथमिकी को अविलंब वापस लिया जाएगा
वहीं, मुख्य सचिव ने यह कहा है कि आलोक कुमार पर दर्ज प्राथमिकी को अविलंब वापस लिया जाएगा साथ ही कुमार पर समान्य प्रशासन विभाग तरफ से कोई कार्यवाही नहीं करने तथा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने को लेकर उन्होंने कठोर शब्द में अपना विरोध दर्ज किया है। मुख्य सचिव द्वारा सभी घटना चक्र को बताते हुए संघ के सदस्यों को यह बताया गया कि जल्दबाजी में उनके स्तर से बिना चार्ज के कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया गया और इतनी बड़ी घटना घटित हो गई इसके लिए उन्हें दुख है और उन्होंने कहा कि भविष्य में यह घटना मेरे लिए सीख है।
जिसके बाद संघ के सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि बासा 3 से 4 दिनों तक इस मामले की निगरानी करेगा तथा सरकार के स्तर से क्या कार्रवाई की जाती है उसकी प्रतीक्षा करेगा तत्पश्चात संघ द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी।
बता दें कि, इस घटना को लेकर बासा का तर्क है कि आलोक ने ‘टीम बासा’ जो कि बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारियों का समूह है, एक कार्टून पोस्ट किया था, जिसमें किसी धर्म के आराध्य का कोई उल्लेख नहीं था। यही नहीं, आलोक ने पोस्ट भी तत्काल हटा लिया था, फिर भी हिरासत में अपराधी और आतंकी की तरह व्यवहार किए जाने पर बासा ने आक्रोश प्रकट किया है।