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अग्नीपथ योजना के विरोध में मुंह में पट्टी बांध सड़क पर उतरे चिराग,राज्यपाल को सौंपेंगे ज्ञापन

पटना : अग्नीपथ योजना को लेकर छात्रों द्वारा किए जा रहे विरोध के बीच लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी छात्रों के समर्थन में सड़क पर उतर आए हैं। चिराग पासवान इस योजना का मौन तरीके से विरोध कर बिहार राजभवन तक पैदल मार्च किया जा रहा है। इस दौरान वह राज्यपाल से मुलाकात कर उनको अपना ज्ञापन सौंपेंगे।

यह एक शांतिपूर्ण विरोध का तरीका

दरअसल, लोजपा (रामविलास) के नेतायों और कार्यकर्ताओं द्वारा मुंह पर पट्टी बांध कर और हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर नौजवानों के हित में सड़क पर उतर कर राजभवन तक पैदल मार्च किया जा रहा है। वहीं, इस मार्च को लेकर चिराग ने कहा कि एक शांतिपूर्ण विरोध का तरीका है। शांतिपूर्ण तरीके से हमलोग अग्नीपथ योजना को लेकर अपना विरोध जताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह विरोध केंद्र और मोदी सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि नीति के खिलाफ है।

इससे बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी

जानकारी हो कि, चिराग पासवान ने शुक्रवार को सेना में बहाली की नई प्रक्रिया अग्नीपथ के विरोध में प्रेस वार्ता की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार इस योजना को लेकर आई है, जिसे तुरंत वापस लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि ये युवाओं के हित में नहीं है, इससे बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी।

मसौढ़ी में उपद्रवियों द्वारा रेलवे स्टेशन पर हमला

इधर, सेना में अग्निपथ योजना को लेकर राजधानी पटना के मसौढ़ी में चौथे दिन भी उपद्रवियों द्वारा जमकर बवाल काटा गया। हजारों की संख्या में तारेगना रेलवे स्टेशन पहुंचकर उपद्रवियों द्वारा स्टेशन परिसर में आग लगा दी गई। जिसके चलते स्टेशन पूरी तरह से जलकर राख हो गया। इस सवाल को रोकने के लिए पुलिस द्वारा जब थोड़ा बल प्रयोग किया गया तो उपद्रवियों ने पुलिस बल पर ही फायरिंग शुरू कर दी जिसके जवाब में पुलिस वालों को भी फायरिंग करनी पड़ी। आप बाबजूद उपद्रवियों द्वारा स्टेशन परिसर को अपने कब्जे में ले लिया गया है। वहीं, इस उपद्रव को देखते हुए रेल कर्मचारी स्टेशन परिसर को छोड़कर बाहर भाग गए हैं, जिससे टिकट काउंटर में रखे कैश लूट का मामला भी सामने आ रहा है।

वहीं, इस विरोध को देखते हुए रेलवे ने 315 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है। ये सभी ट्रेनें पूर्व मध्य रेलवे के अलग-अलग स्टेशनों से खुलती या गुजरती या फिर इसका समापन बिहार के स्टेशनों पर होता है। वहीं, ट्रेनें रद्द होने से बिहार से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता समेत देश के अन्य राज्यों जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।