अग्निपथ पर NDA अलग! BJP ने कहा- प्रशासन नहीं कर रहा काम, JDU का कहना -पुनर्विचार करे सरकार

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पटना : केंद्र की अग्निपथ योजना का बिहार सहित देशभर में हिंसक विरोध रहा है। राज्य में तीन दिनों से हो जारी इस विरोध में भाजपा अकेले खड़ी नजर आ रही है, क्योंकि विपक्षी दलों के साथ-साथ इसमें सरकार के सहयोगी जदयू भी मोदी सरकार की इस योजना पर वापस से विचार करने की मांग कर रही है। वहीं, इधर अपने विधायकों और दफ्तरों पर हुए हमले को लेकर भाजपा राज्य सरकार को दोषी ठहरा रही है। भाजपा का कहना है कि सरकार ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है।

दरअसल, शुक्रवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल के घर पर आगजनी की जिसके बाद इस घटना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि मेरे घर को उड़ाने की कोशिश की गई यह सारी बातें स्थानीय प्रशासन के नजर में थी। लेकिन, इसके बावजूद जिस तरह की कार्रवाही होनी चाहिए थी उस तरह की कार्यवाही नहीं की गई।

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संजय जयसवाल ने कहा कि जो भीड़ मेरे घर पर हमला करने आई थी वह भीड़ आर्मी जवानों की तैयारी करने वाले लोगों की भीड़ नहीं थी। यह सेना की तैयारी करने वाले लोग नहीं थे। मैंने उनको पहचान लिया है, मैंने करीब 100 लोगों को पहचान लिया है।

इधर, इस पूरे प्रकरण पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा के साथ ही बिहार समेत कई प्रदेशों में छात्रों और नौजवानों में आक्रोश का भावना उम्र पड़ा है। जगह जगह हिंसक घटनाएं हो रही है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस पर संज्ञान लेना चाहिए। इस योजना पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए और यदि यह संभव नहीं हो तो फिर छात्रों और नौजवानों को आश्वस्त करना चाहिए कि इससे उनके भविष्य में कोई नुकसान नहीं होने वाला है।

गौरतलब हो कि, इससे पहले भी जब जदयू के दो बड़े नेता ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार करने को कहा था साथ ही साथ चिराग पासवान ने भी कहा था कि यह योजना पर केंद्र सरकार को वापस से विचार करना चाहिए या फिर उन्हें सही ढंग से लोगों को इस योजना के बारे में बताना चाहिए।

जानकारी हो कि, पिछले 3 दिनों से अग्निवीरों ने भाजपा के कई कार्यालयों में आगजनी की है इसके साथ ही साथ उनके द्वारा देशभर में कई जगहों पर ट्रेन फूंक दी गई है। जिससे आम जनमानस बुरी तरह प्रभावित है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार जल्द इस पर कोई नहीं निर्णय लेती है तो फिर या आंदोलन उग्र रूप धारण कर केंद्र सरकार को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

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