अग्निवीर पर पुनर्विचार करते हुए इस आदेश को अतिशीघ्र बापस लें सरकार : चिराग

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पटना : केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिए लाये गए ‘अग्निवीर योजना’ को लेकर बिहार सहित कई अन्य राज्यों में घोर विरोध हो रहा है। इसी को लेकर नारेन्द्र मोदी के चहेते जमुई सांसद व लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्र सरकार की इस योजना के विरोध को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माधयम से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया है कि अग्निवीर जैसे योजना पर और भी गंभीरता और विस्तार से विचार करें। चिराग ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश के युवाओं का भविष्य और उनके अंदर उत्पन्न हो रहे आक्रोश को देखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए सरकार अपने इस फैसले को अतिशीघ्र वापस लें।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे गये पत्र में चिराग पासवान ने कहा कि इस योजना के तहत देश के वैसे युवाओं जिनकी उम्र 17.5 से 21 वर्ष तक है उनकी बहाली चार वर्षों तक के लिए सेना में की जाएगी जो विचारणीय है। और जो सेना में भर्ती के लिए पुरानी प्रक्रिया थी उसके तहत देश के युवाओं ने लगातार तैयारी की थी और कर भी रहे हैं लेकिन इस योजना से युवाओं में काफी आक्रोश है और बिहार समेत अन्य राज्यों में उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। क्यूंकि उन्हें अग्निवीरों योजना की बहाली से सिर्फ चार वर्ष के लिए नौकरी मिलेगी और भारतीय सेना में स्थायी सेवा के लिए भी सिर्फ वहाली के 25 प्रतिशत को ही स्वीकृति दी जायेगी। उसके बाद भविष्य में देश में बेरोजगारी चरम पर होगा जो कि देश के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय होगा।

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चिराग ने कहा कि आज भारत, युवा भारत है और देश की आबादी में युवाओं की भागीदारी को नकारा नहीं जा सकता है ऐसे में सरकार के इस फैसले से देश के युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। इसलिए मेरा आग्रह है कि देश के युवाओं के भविष्य और उनके अंदर उत्पन्न हो रहे आक्रोश को देखते हुए सरकार के इस आदेश पर पुनर्विचार करें और इस आदेश को अतिशीघ्र वापस लें।

बता दें कि भारतीय सेना में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती के 14 जून को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीर योजना का ऐलान किया था। अग्निवीर की इस योजना के तहत ऐसे युवाओं को लिया जाएगा जिनकी उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच हो। चयन की पूरी प्रक्रिया सेना द्वारा तय मानकों के आधार पर होगी और मात्र 6 माह की ट्रेनिंग के बाद युवा सेना में सक्रिय रूप से शामिल हो जायेंगे। यदि अग्निवीर सेवा के दौरान सर्वोच्च बलिदान देता है तो उसके परिवार को करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इसके अलावा दिव्यांग होने की स्थिति में 48 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी।

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