बाढ़ : निकाय चुनाव का समय निकट आते ही भावी प्रत्याशियों की होड़ मची गई है। जगह-जगह पोस्टर वैनर भी लगना शुरू हो गया है। बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र की जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र भी है। इन दिनों यहां नगर परिषद चुनाव में विशेष कर चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होने को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म हो गया है। कई लोगों का जोश तो सातवें आसमान पर है और वे अभी से ही अपनी-अपनी जीत का दाबा ठोकने लगे हैं।
चुनावी साल में दर्जनों लोगों के दिलों में “बख्तियारपुर-प्रेम” अचानक ऐसा उमड़ पड़ा है कि हर समय सिर्फ उन्हें केवल बख्तियारपुर के विकास ही दिखाई दे रहा है। इससे अलग हटकर अब हम यहां की राजनीति और विकास की चर्चा करें तो नगर परिषद की राजनीति की मजबूत कड़ी के रूप में एक नाम नवीन सिंह का आता है जो 2002 से 2017 तक लगातार वार्ड पार्षद पद अपनी जीत का परचम लहराया।
बर्ष 2017 के चुनाव में उनकी पत्नी शशि देवी ने नगर परिषद की राजनीति में कदम बढ़ाया और वार्ड नं-2 से निर्विरोध जीत का परचम लहराने के साथ ही शशि देवी चेयरमैन पद पर दावा ठोका और उस समय काफी उठापटक के बावजूद शशि देवी निर्वाचित होकर चेयरमैन पद पर काबिज हुईं। बताया जाता है कि शशि देवी ने विगत पांच वर्षों के अपने कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना समेत नगर विकास की ढेर सारी योजनाओं को बख्तियारपुर की सरजमीं पर उतार कर विकास का मॉडल बख्तियारपुर की जनता के बीच प्रस्तुत कर दिया, जिसमें तमाम वार्ड सदस्यों के साथ-साथ शशि देवी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
चुनावी साल 2022 में शशि देवी के अलावा और भी बहुत सारे लोग अभी से ही सीना तान कर, आक्रामक तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। वे दिन-रात अपनी-अपनी चुनावी गणित तैयार करने में लगे हैं। लेकिन, इसबार शशि देवी बड़े ही बेबाक अंदाज में कहा रही हैं कि पिछले पांच वर्षों में मेरे कार्यकाल में कराया गया विकास कार्य पर हमें विश्वास और भरोसा है। नगर में कराया गया विकास ही मेरा पोस्टर है। जनता काम देखती है इसलिए अगर बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र की जनता हमें दोबारा मौका देगी तो हम बख्तियारपुर को स्मार्ट सिटी बनाएंगे। आगे उन्होंने कहा कि बख्तियारपुर की समस्त जनता उनका परिवार है। बख्तियारपुर की जनता उनके पति नवीन सिंह को अपना भाई मानते आये हैं। हालांकि, चुनाव की तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है पर निकाय चुनाव का समय निकट आ जाने से चुनावी हलचल तेज हो गया है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट