बाढ़ : पंडारक प्रखंड के बिहारी विगहा पंचायत में विरोध का लावा फूटने लगा है। बिहारी विगहा पंचायत में इन दिनों मुखिया रूबी देवी का कुछ वार्ड सदस्यों द्वारा विरोध किया जा रहा है। मुखिया रूबी देवी का मानना है कि विकास के काम में अड़ंगा डालने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वहीं पूर्व मुखिया उमाशंकर सिंह का आरोप है कि इस विरोध के पीछे पूर्व मुखिया रणवीर सिंह पंकज का हाथ है और मुखिया रूबी देवी की राह में रोड़ा अटकाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
रूबी देवी का हस्ताक्षर को फर्जी बताया जा रहा है और इस बाबत जांच हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी बिपुल भारद्वाज को आवेदन दिया गया है। हालांकि यह आरोप महज छह वार्ड सदस्यों की ओर से ही मढ़ा गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीभारद्वाज ने बताया कि मुखिया रूबी देवी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगी गई है। वहीँ अधिकांश वार्ड सदस्यों को मुखिया रूबी देवी से किसी भी मसले पर कहीं कोई आपत्ति नहीं है।
बिहारी विगहा पंचायत की राजनीति में इस घमासान का मूल कारण उमाशंकर सिंह और रणवीर सिंह पंकज के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक प्रतिद्वंदिता बताया जाता है तथा दोनों पूर्व मुखिया हैं। इस बार के चुनाव में उमाशंकर सिंह समर्थित उम्मीदवार रूबी देवी की जीत हो गई और अप्रत्यक्ष रूप से ही सत्ता की लगाम उमाशंकर सिंह के हाथ में आ गई है तो स्वाभाविक है कि रणवीर सिंह पंकज जो पंद्रह वर्षों से पंचायत की सत्ता पर काबिज थे,उन्हें तो झटका लगा ही।
चुनाव के कुछ महीने बाद जब यह परिस्थिति बनी तो इस बवंडर के जनक के रूप में उनका नाम उभरने लगा। एक अलग बखेड़ा यह भी है कि पंचायत भवन में पंचायत का कामकाज नहीं हो रहा है। उसके पीछे भी रणवीर सिंह पंकज की ताकत को ही मूल कारण माना जा रहा है।इस बाबत पूर्व मुखिया रणवीर सिंह पंकज से संपर्क करने का प्रयास का प्रयास किया गया,पर उनसे मुलाकात नही हो सकी।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट