रोजगार की खुली पोल, बिहार में नए-नए उधोग और रोजगार के दावे के बावजूद श्रमिको का पलायन शुरू
मुजफ्फरपुर : रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में अलग- अलग बैठे श्रमिको की झुंड देखने से ही आपको पता चल जायेगा कि श्रमिकों का पलायन शुरू हो गया है। पूछने से पता चला कि स्टेशन पर बैठा इन श्रमिको का झुंड कोई मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी तो कोई शिवहर जिले के रहने वाले हैं। जो बिहार में काम के आकाल से ग्रषित हो कर काम की तलाश में धान रोपनी करने पंजाब और हरियाणा जा रहे है।
मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर यह बिहार के प्रवासी मजदूरों का दृश्य सरकार के रोजगार के दावों की पोल खोल रहा है। दअरसल बिहार सरकार लगातार रोजगार देने का दावा कर रही है, फैक्ट्रियों के लगने की बात कह रही है साथ ही बदलते बिहार की बात की जा रही है। लेकिन, हर साल की तरह इस साल भी बिहार में रोजगार की क्या हकीकत है और मजदूरों के पलायन का दर्द आप इन तस्वीरों से समझ सकते हैं। यह इन मजदूरों से ही समझ लीजिए।
मुज़फ़्फ़रपुर जंक्शन पर बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे प्रदेश जाने के लिए ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं। दूसरे प्रदेश जाने को मजबूर मजदूरों का कहना है कि वे पंजाब जा रहे हैं जहां रोपनी करेंगे। जब उनसे यह सवाल किया गया कि आपलोग यहां से क्यों जा रहे हैं यहां पर भी तो रोजगार है? तो उनका कहना है कि रोजगार कहां मिलता है सरकार के सारे दावे खोखले हैं कोई रोजगार नहीं है रोजगार मिलता तो अपने परिवार को छोड़कर दूसरे प्रदेश क्यों जाते। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है एक तो 1 दिन पहले ट्रेन पकड़ने के लिए आते हैं फिर भीड़ में जाना पड़ता है ऐसे में अगर बिहार में रोजगार मिलता तो उनकी यह परेशानी नहीं होती और वह अपने परिवार के साथ रोजगार के साथ खुशी में रहते
वही दूसरे प्रदेशों 12 घंटे से भी ज्यादा काम करना पड़ता है फिर भी जा रहे है। बहरहाल ट्रक और ट्रेनों से जा रहे इन मजबूर मजदूरों को देखने के बाद सिर्फ यही कहा जा सकता है। नए नए उधोग और उससे मिले रोजगार के तमाम दावे दम तोड़ती नजर आती है।
मनोज कुमार की रिपोर्ट