Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज राजपाट

जाति आधारित गणना की श्रेय लेने के होड़ में बुरी तरह फंसे तेजस्वी, लोगों ने कहा – सही मायने में इनको देना चाहिए भारत रत्न

पटना : बिहार में सभी राजनीतिक दलों की सर्वसम्मति से नीतीश कुमार की सरकार जाति आधारित गणना कराने जा रही है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर लगभग पांच सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा। हालांकि, बीते रात इसको कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है। इसके बाद अब इसको लेकर सभी दलों में अपना श्रेय लेने का होड़ मचा हुआ है। इसी बीच इसको लेकर ट्वीट करने पर बिहार विधान सभा के नेता विपक्ष बुरी तरह से फंस गए और लोगों से उन्हें खूब ट्रोल भी किया।

झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए

दरअसल, राजद नेता और बिहार के नेता विपक्ष तेजस्‍वी लिखते हैं- ‘झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए।’ इसके साथ ही उन्होंने राजद का एक वीडियो ट्वीट भी शेयर किया है, जिसमें वे जाति आधारित गणना का श्रेय अपने पापा और राजद के अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव को दे रहे हैं। इसके बाद तेजस्वी के इस पोस्ट पर कुछ यूजर्स द्वारा उन्‍हें ट्रोल कर दिया है। एक ने तंज किया है कि इसके लिए तो भारत रत्न मिलना चाहिए। हालांकि, कुछ लोग तेजस्वी के समर्थन में भी ट्वीट की है।

असली मकसद जाति की गणना कराने का श्रेय लेना

एक यूजर ने तेजस्वी के ट्वीट पर तंज कसते हैं कि जाति की गणना के बाद तो बिहार में खुशहाली ही खुशहाली होगी। वहीं, पुष्प राज शर्मा राजद के फेसबुक पर लिखते हैं कि असली मकसद जाति की गणना कराने का श्रेय लेना है। इसके लिए होड़ है। अभी से चालू हो गए हैं। पिता को ही पूरा श्रेय दे दिया है। अमन कुमार और रस्किन सिंह ने तंज कसा है तो भारत रत्न मिलना चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि बीपीएससी का पेपर आउट हो रहा है, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है।

बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए

वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा कि जातिगत गणना से ज्यादा बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। बिहार में शिक्षा व्यवस्था का सत्यानाश हो गया है। लेकिन माननीय लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में मग्न हैं। जब आप लोग जातिगत गणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिल सकते हैं और सर्वदलीय बैठक कर सकते है तो बिहार की भलाई के लिए भी कुछ क्यों नहीं कर सकते?

जाति की गणना से आम जनता को क्या फायदा

इसके अलावा कुछ लोगों ने कहा कि जाति की गणना से आम जनता को क्या फायदा होगा? राजनेता केवल परिवारवाद करते हैं। अगर जनता की इतनी ही फिक्र रहती तो जनता आपको सत्ता से बाहर नहीं करती।