किरकिरी के बाद मगध विवि के कुलपति ने दिया इस्तीफा, अब जेल जाना तय!
पटना : गंभीर वित्तीय अनियमितताओं से घिरे मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने अपने पद से शनिवार की देर शाम इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल सह कुलाधिपति कार्यालय को भेजा है। इस बाबत जानकारी देते हुए राजभवन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्यपाल फागू चौहान ने राजेन्द्र प्रसाद के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है।
अब आत्मसमर्पण ही विकल्प
इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद के पास कोर्ट में सरेंडर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अगर वे आत्मसमर्पण किये तो राजेन्द्र प्रसाद को जेल जाना तय माना जा रहा है। अगर आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।
क्या है आरोप
ज्ञातव्य हो कि 16 नवंबर 2021 को स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति राजेंद्र प्रसाद के यहां छापेमारी की थी, तब उनके घर से 70 लाख नकद और पांच लाख की विदेशी मुद्रा बरामद हुई थी। जांच टीम को पता चला कि विश्वविद्यालय परिसर के लिए 86 गार्ड के एवज में भुगतान के लिए राशि की निकासी की जा रही है। जबकि वास्तव में वहां 47 गार्ड ही कार्यरत हैं।
बर्खास्ती की मांग
बता दें कि भाजपा नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने मगध विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति को अविलंब बर्खास्त करने की मांग की थी। मोदी ने कहा था कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपत राजेंद्र प्रसाद जिनके यहां निगरानी छापे में करोड़ों नगद मिले और जिन पर 30 करोड़ से ज्यादा के अनियमितता के आरोप हैं कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका रद्द किए जाने के बाद अविलंब बर्खास्त कर देना चाहिए।
मोदी ने कहा था कि राजेन्द्र प्रसाद झूठी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पिछले 6 माह से छुट्टी पर चल रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट कुलपति के पद पर बने रहने से शिक्षा जगत कलंकित हो रहा है।