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28 मई : मधुबनी की मुख्य खबरें

सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ ससमय निष्पादित करे भूमि विवाद के मामले : जिलाधिकारी

मधुबनी : जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश के आलोक में आज थाना दिवस के अवसर पर जिले के सभी थानों में भूमि विवाद के मामलों पर त्वरित सुनवाई को लेकर अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षो द्वारा बैठक कर सुनवाई की गई, एवं कई मामलों का ऑन स्पॉट निष्पादन भी किया गया। गौरतलब हो जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा निर्देश दिया गया है कि भूमिविवाद प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिये। उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी सीओ एवं थानाध्यक्ष प्रत्येक सप्ताह थाना दिवस पर अनिवार्य रूप से भूमिविवाद को लेकर बैठक कर मामलों का त्वरित निष्पादन करेगे एवं ससमय प्रतिवेदन भेजेंगे।

जिलाधिकारी ने भूमि विवाद समीक्षा बैठक में कहा था कि भूमि विवाद को लेकर ही अपराध की ज्यादातर घटनाएं होती है, साथ ही कई बार विधिव्यवस्था की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। भूमि विवाद को लेकर आयोजित बैठक का सकरात्मक परिणाम भी नजर आने लगा है। अब तक जिले में भूमिविवाद को लेकर प्राप्त आवेदनों में कई आवेदनों का ऑन स्पॉट निपटारा किया जा चुका है। स्वयं डीएम-एसपी ने भी भूमि विवाद के कई मामलों की सुनवाई कर उसका त्वरित निष्पादन भी किया है। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियो को निर्देश दिया है कि अपने अनुमंडल अंतर्गत भूमि विवाद के मामलों का नियमित मॉनिटरिंग करे।

अतिक्रमण बना नासूर, शहरवासी जाम में फंसने के लिए मजबूर

मधुबनी : जिले के जयनगर शहर में अतिक्रमण का नासूर सड़कें लील गया है। संकरी सड़कों पर बार-बार जाम लगने से शहरवासियों के लिए कहीं आना-जाना मुश्किल हो गया है। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान न चलने से स्थिति विकट हो चली है। स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक आते शहर में अतिक्रमण एवं इस पर राजनीति तेजी से चालू हो गया है। जहां पर जिसे खाली जगह मिल रही है, अतिक्रमण करने में लगा हुआ है। कई जगह तो अधिकारियों को भी सूचना भेजी गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

अतिक्रमणकारियों के लिए भले यह अवसर मिला है, लेकिन यह अतिक्रमण शहरवासियों के लिए नासूर बन गया है। हमने जब शहर में पड़ताल की, तो कई जगह करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण ही अतिक्रमण नजर आया। मैक्सी बस स्टैंड के सामने सड़क और नाली चौड़ी करने के लिए दुकानदारों का अतिक्रमण हटाया गया था। इन दुकानदारों के पास कोई भी दस्तावेज नहीं है। लेकिन इसके बाद दुकानदारों ने फिर से कब्जा कर लिया और दुकानों के ऊपर भी दुकानें बना लीं। इनमें से डाकबंगला के पास के कुछ दुकानदारों ने इससे बढ़कर कारनामा कर दिया। उन्होंने दुकानों के पीछे दीवारों तोड़कर स्थानीय पीएचसी की जगह पर भी कब्जा कर लिया। कई दुकानदारों ने करोड़ों की रेलवे की जमीन पर लंबी चौड़ी दुकानों तान दी हैं, यहां पर किसी की नजर भी नहीं है।

प्रशासन को स्थिति से अवगत कराया कई बार गया है, लेकिन कुछ नहीं हुआ, पहले की तरह अब भी अतिक्रमण जारी है। दुकानदार ने दुकानों बनाकर किराए पर दे दी हैं। जब भी जयनगर रेलवे स्टेशन के आसपास की जगहों से अतिक्रमण हटाया जाता है किसी अधिकारी के आने पर, उसके तुरंत बाद रातों-रात दुकाने गुलजार हो जाती है।

रेलवे के पास में करोडा़ें की जमीन है, यहां पर भी कई दुकान रातों रात बना दी गई है, किसी का ध्यान इस ओर नहीं है। यह किसके इशारे पर बनाई गई है ओर इसमें किसकी मिलीभगत है, यह जांच का मुद्दा है। लेकिन किसी ने यहां पर हस्तक्षेप नहीं किया। एक तरह से सभी ने अतिक्रमण करने की मौन सहमित दे दी। इसी तरह पटना गद्दी चौक के इर्द-गिर्द भी बड़े स्तर पर अतिक्रमण करने का काम चल रहा है। इन अतिक्रमणों के बारे प्रशासन को पूरी जानकारी दी गई थी, यहां पर तक उन्हें सूचना भी दी गई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की, यदि उन्होंने पहले कार्रवाई की होती, तो इतना बड़ा अतिक्रमण नहीं होता।

सड़कें तो अतिक्रमण से पहले ही है ग्रस्त

जयनगर शहर में बस स्टैंड से महावीर चौराहा, पटना गद्दी चौक से शहीद चौक, मैन रोड से भेलवा चौक एवं वाटरवेज चौक तक अतिक्रमण की समस्या बनी है। यहां दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर रखा है। आलम यह है कि शहर की सड़कें सिमटकर रह गई है। अतिक्रमण के कारण बाजारों में प्रतिदिन जाम की समस्या बनी रहती है। इस वजह से राहगीरों का निकलना भी दूभर हो रहा है।

वहीं, नगर पंचायत भी शहर की सड़कों को अतिक्रमण के मकड़जाल से मुक्ति नहीं दिला पा रही। जबकि सब्जी विक्रेता, चाट विक्रेता, फल विक्रेताओं को हॉकर्स जोन तैयार कर दिए गए हैं।हालांकि कई बार अनुमंडल प्रशासन एवं नगर पंचायत कई बार अतिक्रमण हटाने का कार्य कर रही है, बावजूद इसके शहर अतिक्रमण के जाल में उलझा हुआ है।

त्योहारी सीजन में शहर को जाम से बचाने के लिए पुलिस ने सभी एंट्री प्वाइंटों पर बैरियर लगा दिए हैं, जहां से चौपहिया वाहनों को बाहर ही रोका जा रहा है। बावजूद इसके शहर में जाम नियंत्रित नहीं हो रहा है। रोज ही शहर में कई जगह जाम लगा रहता है। इस दौरान बाजार में खरीदारी करने आए लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। शहरवासी ने नगर पंचायत एवं स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ करवाई मांग की है, ताकि शहर को जाम से मुक्ति मिल सके।

जयनगर एवं घोघरडीहा नगर पंचायत के मतदाता सूची हुआ प्रकाशन, 10 जून तक कर सकते है दावा-आपत्ति

मधुबनी : जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश के आलोक में जिले के दो नगर पंचायतों यथा जयनगर एवं घोघरडीहा के मतदाता सूची को सर्व साधारण के लिए प्रकाशित किया गया है, ताकि, इस सूची में दावा प्रपत्र अथवा आपत्ति दर्ज कराई जा सके। नगर पंचायत के मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए सभी दावा प्रपत्र 2 में तथा सूची में दर्ज नाम के विरुद्ध सभी आपत्तियां प्रपत्र 3 में दिनांक 10/06/2022 तक संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

नगर पंचायत, जयनगर के वार्ड संख्या 01 से 07 तक उमा भारती, प्रखंड विकास पदाधिकारी, जयनगर तथा वार्ड संख्या 08 से 14 तक सुधीर कुमार, अंचल अधिकारी, जयनगर के कार्यालय प्रकोष्ठ में दावा अथवा आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। वहीं, नगर पंचायत, घोघरडीहा के वार्ड संख्या 01 से 05 तक के लिए सम्राट जीत, प्रखंड विकास पदाधिकारी, घोघरडीहा तथा वार्ड संख्या 06 से 11 तक पूनम मिश्रा, अंचल अधिकारी, घोघरडीहा के कार्यालय प्रकोष्ठ में समर्पित किए जा सकते हैं।

उपरोक्त दोनों ही नगर पंचायतों में नाम शामिल करवाए जाने हेतु दावा अथवा किसी नाम पर आपत्ति के लिए विहित प्रपत्र को हाथो हाथ अथवा डाक द्वारा दिनांक 10/06/2022 तक जमा कराया जा सकता है। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, मधुबनी ने बताया कि दोनो नगर पंचायतों की मतदाता सूची को जिला निर्वाचन कार्यालय, मधुबनी, संबंधित अनुमंडल कार्यालय, नगर पंचायत कार्यालय, प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय, क्षेत्र के बी.एल.ओ. अथवा जिले के वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

आंगनबाड़ी मामले को ले दूसरे दिन भी अनशन जारी रहा, अनशनकारी का मेडिकल टीम ने किया स्वास्थ्य जाँच

मधुबनी : जिले के जयनगर में सीपीआईएम (माकपा) के बैनर तले अनुमण्डल कार्यलय परिसर स्थित आरटीपीएस काउंटर के समीप प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में आंगनबाड़ी बहाली प्रक्रिया मामले को लेकर विभाग के द्वारा प्रशासनिक लापरवाही समेत अनिमिताओं की मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन कार्यक्रम को ले अभ्यर्थी के द्वारा किया जा रहा अनशन शनिवार दूसरे दिन भी जारी रहा। अनशन पर बैठी अभ्यर्थी की मेडिकल टीम के द्वारा स्वास्थ्य जाँच की गई।

जयनगर प्रखण्ड क्षेत्र के बेलही पूर्वी पंचयात निवासी केंद्र संख्या 186 की अभ्यर्थी सुनीता कुमारी का अनशन के दूसरे दिन मांगो को लेकर डटी हुई है, और सुनीता का अनुमंडल कार्यलय के समीप आरटीपीएस काउंटर के समीप अनशन जारी है। सीपीआईएम के सचिव सह अधिवक्ता कुमार राणा प्रताप सिंह ने धरना के सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रहेगा। अभ्यर्थी के द्वारा मांग को अनशन किया जा रहा है, साथ मे पार्टी के द्वारा प्रशासन और विभाग के खिलाफ भी अलग-अलग कार्यक्रम कर शांतिपूर्वक आंदोलन चरण बद्ध आंदोलन को तेज कर हक की आवाज को लेकर पार्टी के द्वारा आवाज बुलंद करने का कार्य करेगी। राज्य द्वारा आदेश के बाद जिला से निर्गत आदेश के बाबजूद लापरवाही बरती जा रही हैं।

प्रखण्ड क्षेत्र के केन्द्र संख्या-177 देवधा दक्षणि पंचायत के वार्ड नं. 09 एवं केन्द्र सख्या-199 सेलरा पर 2018 से आज तक दूसरा आम सभा हुआ ही नहीं पर सीडीपीओ कार्यालय द्वारा गलत रिपोर्ट दर्ज कर तृतीय आम सभा के नाम पर तंग तवाह करने वाले लापरवाह पदाधिकारी एवं कर्मियों के खिलाफ कानूनी कारवाई करते हुए समय सीमा के अन्दर चयन प्रक्रिया पूरा किये जाने की मांग लगातार की जा रही है। 26 मई 22 को स्थगित केन्द्र सख्या-186 एवं 187 पर नया तिथि निर्धारित कर चयन प्रक्रिया पूरा करने सीडीपीओ कार्यालय का उच्च स्तरीय जाँच टीम गठित कर लापरवाही बरतने वाले दोषी विभाग के पदाधिकारी और कर्मियों पर जब तक कारवाई नहीं होगी, हमारा चरणबद्ध तरीके से शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रहेगा।

अनशन स्थल पर एक सभा आयोजित किया गया आयोजित कार्यक्रम की दूसरे दिन भी अध्यक्षता पार्टी सचिव कुमार राणा प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम में जिला कमिटी सदस्य वरिष्ठ नेता कॉमरेड रामजी यादव, जिला सचिव मंडल सदस्य कॉमरेड शशिभूषण प्रसाद, उपेन्द्र यादव, विन्दा मुखिया, योगेद्र मुखिया, शिव कुमार यादव, उमाशंकर यादव, पुनीत कुमारी, शोभा कुमारी, जिबछ यादव, बेचन यादव, शंकर यादव, रत्नेश्वर प्रसाद, मातवर यादव, राजकिशोर यादव, रुद्र नारायण यादव, सुनील कुमार, सुनील कुमार सिंह, शिव शंकर यादव समेत पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सभा को सम्बोधित किया। समाचार प्रेषण तक मांगो को लेकर अनशन जारी था, वहीं, अधिकारियों से वार्ता अनशन स्थल पर नहीं हो पाया है।

बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का प्रदर्शन, सिविल सर्जन के कार्यों को बताया गैरनियमानुकूल

मधुबनी : बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा मधुबनी के द्वारा चिकित्सा संघ के कार्यालय से एक विशाल प्रदर्शन सिविल सर्जन मधुबनी के कार्यालय पर पहुँचा। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष विनोद कुमार झा, जिला मंत्री प्रीति नारायण दास, संयुक्त मंत्री मीना प्रभात,बलराम झा, गणपति झा, जफरुल्लाह अंसारी एवं अन्य कर रहे थे। सिविल सर्जन मधुबनी के कार्यालय पर पहुँच कर प्रदर्शन सभा परिणत हो गई। सभा की अध्यक्षता विनोद कुमार झा ने किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सिविल सर्जन मधुबनी के द्वारा गैरनियमानुकूल कार्य किये जा रहे हैं, और ऐसे कार्य करने वालों को उनका संरक्षण प्राप्त है।

सभा को संबोधित करते हुए जिला मंत्री प्रीति नारायण दास ने बताया कि सिविल सर्जन मधुबनी के द्वारा किये जा रहे कार्य बिलकुल ही गैर-नियमानुसार एवं सरकार के द्वारा बनाए गए नियम या आदेश के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन मधुबनी के द्वारा तत्परता से कार्य करने वालों को निलंबित, स्थानांतरण किया जाता है, तथा निंदन की सजा दी गयी है। कर्मचारी के छुट्टी के आवेदन को महीनों से लटका कर रखा गया है। पूर्व में संविदा पर कार्यरत कर्मियों जो बाद में नियमित हुए हैं। उनके संविदा अवधि के कुछ अवधि के मानदेय का भुगतान कुछ कर्मी का अभी तक नहीं किया गया है।

स्थानान्तरण की प्रक्रिया में इनका अपना मनमाना नियम लागू होता है, ये सरकार द्वारा विहित नियम का कोई परवाह नहीं करते हैं। संविदा पर कार्यरत कर्मियों के ईपीएफ कटौती के हिसाब-किताब का ब्यौरा कर्मियों को नियमित होने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस जिला के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की कार्य शैली भी इनके ही अनुरूप है। आवश्यकतानुसार छुट्टी नहीं देना, छुट्टी के दिन कार्य लेना, सरकार के द्वारा निर्गत आदेश के अनुसार उसका भुगतान नहीं करना आदि अनेक कार्य धड़ल्ले से किये जा रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति के पत्रों को नकारते हुए अपनी मन की बात उच्चाधिकारियों, जिला पदाधिकारी मधुबनी के नाम पर करते हैं।

अभी-अभी आठ आशा कार्यकर्ता का चयन मुक्त कर दिया गया है, जो एकतरफ़ा है। किसी भी आशा, ममता, कुरियर का भुगतान अद्यतन नहीं है। ऐसे मामलों में ये संज्ञा शून्य बने हुए हैं। वित्तीय भ्रष्टाचार पराकाष्ठा पर है, और इसमें लिप्त पदाधिकारियों के पौ बारह हैं। सिविल सर्जन मधुबनी ऐसे लोगों के संरक्षक बने हुए हैं। आज उन्हें इस संबंध में याद दिलाने के लिए यह प्रदर्शन किया गया है। अगर इन लंबित मांगों को तत्काल प्रभाव से पूरा नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों आन्दोलन को और तीव्र किया जाएगा।

सभा को संबोधित करते हुए आशा संघर्ष समिति के जिला मंत्री रेखा मिश्रा ने बताया कि इस जिले में आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर का दुर्भाग्य है, कि एक भी सिविल सर्जन ने आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर के द्वारा किये गये कार्यों का कभी भी पूर्ण रूप से प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया। जबकि क्षेत्र में ये लोग ही महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। सरकार इनके कार्यों की प्रशंसा करती है, पुरस्कार देती है, परन्तु सिर्फ इन्हीं के नजर में एवं प्रभारी के नजर में आशा कार्यकर्ता कार्य नहीं करती है।

सभा को महासंघ के जिला मंत्री गणपति झा,चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ के जिला मंत्री श्याम नारायण सिंह, अनमोल मिश्र आदि ने संबोधित किया। इन लोगों ने बताया कि अगर सिविल सर्जन मधुबनी ने लंबित समस्याओं का निदान तत्काल नहीं किया एवं नियमानुसार कार्य नहीं किया, तो सारी बातें जिला पदाधिकारी मधुबनी को एवं उच्चाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा।

प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के शिष्टमंडल ने डीएम व एसपी से की मुलाकात, बड़ी समस्या का हुआ निदान

मधुबनी : जिला प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के शिष्टमंडल ने जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिला शिक्षा पदाधिकारी से मुलाकात की। शिष्टमंडल में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देवानंद झा, सचिव गुड्डू सिंह, पदाधिकारी शमीम रजा, मनमोहन मिश्र एवं एडवाइजर डी.पी. कर्ण शामिल थे।एसोसिएशन के अध्यक्ष देवानंद एवं एडवाइजर डी.पी. कर्ण ने बताया की जिला में नवागन्तुक जिला पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार से शिष्टाचार भेंट हुई।

उनका हमलोगों के द्बारा स्वागत किया गया एवं एसोसिएशन की ओर से अवलोकनार्थ मधुबनी डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स बुक भेंट किया गया। महसूस हुआ कि जिला को लंबे अर्से बाद विलक्षण प्रतिभा वाले भेरी अपराइट ऑफिसर्स मिले हैं। हमने पाया कि दोनों पदाधिकारी क्विक डिस्पोजल ऑफ द केसेज ऑन द स्पॉट करते हैं। इससे जिला का त्वरित विकास होगा और शांति-व्यवस्था बनी रहेगी। ऐसी शुभेक्षा है। क्यूआर कोड से सम्बंधित समस्या जिला पदाधिकारी के समक्ष एसोसिएशन के अध्यक्ष देवानंद झा के द्वारा रखा गया, जिसका निष्पादन करने हेतु उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी को फ़ोन पर आदेशित किया।

तत्पश्चात हमलोग जिला शिक्षा पदाधिकारी नसीम अहमद से मिले और उन्होंने भी तुरत एलपीसी की जरूरत को शिथिल करते हुए केवल शपथ-पत्र जमा करवाने की स्वीक़ृति दी। इस तरह निजी विद्यालयों की एक बड़ी समस्या का निदान हुआ। बीपीएल राशि पर भी विस्तार से बात हुई!समस्या के निदान की खबर सुनते ही निजी विद्यालयो के संचालकों मे खुशी देखी गई। उनलोगों के द्बारा भी जिला पदाधिकारी के साथ अन्य शीर्ष पदाधिकारियो का धन्यवाद अदा किया गया।

ग्राम रक्षा दल के विस्तार के लिए फुलपरास में किया गया बैठक

मधुबनी : जिले के फुलपरास में शनिवार को बिहार ग्राम रक्षा दल सदस्यों द्वारा अनुमंडल कार्यालय फुलपरास में एक बैठक किया गया, जिसमे जिले के ग्राम रक्षा दल अधिकतर सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुमंडल अध्यक्ष अजय कुमार कामत ने किया। वही इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र दास तथा विशिष्ट अतिथि जिला निरीक्षक राकेश कुमार चौधरी ने शिरकत किया। बैठक की संचालन संगठन के लौकहा प्रखंड अध्यक्ष देव कुमार यादव ने किया।

इस मौके पर उपस्थित जिला अध्यक्ष ने बताया की आज के बैठक में संगठन द्वारा निम्न पहलुओं पर निर्णय लिया गया है, जिसमे ग्राम रक्षा दल सदस्यों ने एकता, सभी सदस्यों को वैध पहचान पत्र तैयार करवाना, संगठन के सभी सदस्यों को उचित पोशाक होना, पूर्व में अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी को दिए गए आवेदन के परिपेक्ष में आगे की कार्य रूप तैयार करवाना, सभी सदस्यों को जनप्रतिनिधि तथा प्रशासन के लोगों से सामंजस्य स्थापित करवाने हेतु पहल करना, सहित अन्यान्य सामिल है। इस मौके पर मनोज कुमार मंडल, अजय कुमार कामत, प्रदीप कुमार, रविन्द्र कुमार यादव, अर्जुन कुमार पासवान, आजाद कुमार सदाय, संत कुमार पासवान, जगजीवन मांझी, सुबोध कुमार मांझी, ब्रह्मदेव सदाय, रामकुमार यादव, देव कुमार यादव, मोहन कुमार महर्षि सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस

मधुबनी : मासिक धर्म यानी माहवारी महिलाओं की जीवनचर्या का अभिन्न अंग है। इस बारे में खुल कर बात करना जरूरी है सरकार और संस्थाओं ने माहवारी संबंधी जनजागरूकता लाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू कीं, लेकिन अब भी देश का हर कोना इस जागरूकता से कोसों दूर है। यह सच है कि अब भी लाखों लोग माहवारी को समाज में इस पर बात करने से संकोच करते हैं। इसके लिए सबसे पहले लैंगिक भेद मिटाना जरूरी है।

साथ ही इसके तहत माहवारी से जुड़े स्वास्थ्य, स्वच्छता, पानी और साफ-सफाई की अनिवार्यता और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एवं अधिकार के विषयों पर विशेष जोर देने की आवश्यकता है। किशोरियों तथा महिलाओं के लिए कार्य करने वाली सहयोगी संस्था निर्देशिका रजनी सहाय ने बताया बताया अब मासिक धर्म के विषय में चुप्पी तोड़ने का समय आ गया है। इससे लिए लड़कों और पुरुषों को बातचीत से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि मासिक धर्म एक सामान्य चर्चा का विषय बन सके और महिलाएं विभिन्ना वर्जनाओं की बेड़ियों से मुक्त होकर बराबरी एवं गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सके। संस्था द्वारा एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया।

इन कार्यक्रम का हुआ आयोजन

माहवारी स्वछता से संबंधित एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसके अंतर्गत कार्यक्रम में माहवारी मेला, जेंडर रिसोर्स सेंटर की स्थापना, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन प्रशिक्षण, रेड डॉट, माहवारी ब्रेसलेट, पेंटिंग, सोप बैंक तथा पैड बैंक तथा पहली माहवारी का अनुभव सांझा किया गया।

माहवारी मेला

जब हमने स्कूल में माहवारी मेला लगाया, तो पहले तो किशोरियाँ मे झिझक महसूस हुई। फिर हमारे किशोर देखने आए कि ये क्या हो रहा है हमारे स्कूल में, पहले तो कभी कुछ ऐसा हुआ नहीं। हमने उनसे पूछा हमारी मदद करोगे और सहमति देने के साथ किशोर हमारी सजावट में मदद करने को आए और साथ अपने दोस्त भी लाए। वो कुछ बोल नहीं रहे थे, लेकिन हमारे साथ थे मेला में जब हमारी किशोरियाँ तथा स्कूल की महिला शिक्षक शामिल हुई, तो उन्हे हमारे लगाए हुए मेला बहुत अच्छा लगा, क्योंकि उन्हें पहले कभी वो माहौल नहीं मिला था कि वो माहवारी संबंधित सवाल या चर्चा करें। मेले में पैड तथा पैंटी लगाई थी। कुछ किशोरियाँ शर्मा रही थी आपस में अपनी सहेलियों से कान में बात कर रही थी।

जेंडर रिसोर्स सेंटर (लिंग संसाधन केंद्र)

लिंग संसाधन केंद्र स्थापना करने का उद्देश्य किशोरियों के मन में आने वाले सवाल जिनका जवाब वो किसी से पूछ नहीं सकती अर्थात शुरू से उनको वो माहौल नहीं मिला है कि वो अपनी मन की बात/सवाल कर सकें। बनाए गए लिंग संसाधन केंद्र महीने में दो मुद्दे पर चर्चा किया जाएगा और उनको बक्से में सवाल लिख कर डालने को कहा जाएगा। उनके द्वारा आए आए सवाल के लिए ज़ूम मीटिंग रखा जाएगा और मुद्दे के एक्सपर्ट को जोड़ कर उनको सवाल का जवाब मिलेगा, ऐसा करने से किशोरियों तक जानकारी भी पहुँच जाएगी और धीरे-धीरे उनका हिचकिचाहट भी कम होगा।

माहवारी स्वच्छता प्रशिक्षण

किशोरियों के मन में बहुत सारे सवाल होते है। माहवारी को ले कर लेकिन कभी वो किसी से पूछ नहीं पाती है। हमारे यहां अधिकांश किशोरियों को माहवारी होने के बाद पता चलता है की माहवारी क्या है? क्यों होता है? तथा इसके बाद क्या करना है? प्रशिक्षण में किशोरियों से अपेक्षाएं पूछी गई, माहवारी के किशोरियों के शरीर में क्या बदलाव आता है तथा माहवारी के दौरान घर में क्या-क्या करने को मना किया जाता है, तथा क्या छूने से मना किया जाता है।

चयनित शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक को मिला नियोजन पत्र, प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई की बैठक में लिए गए कई निर्णय

मधुबनी : जिले के खजौली प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई, खजौली की बैठक प्रमुख कुमारी उषा की अध्यक्षता में शनिवार को उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित की गई। इस दौरान चयनित तीन शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों में दो क्रमशः श्रीनारायण सिंह एवं आशीष कुमार सिंह को नियोजन पत्र प्रदान किया गया। वहीं चयनित एक अनुदेश का प्रमाण पत्र अमरावती से निर्गत होने के कारण विभागीय निदेश के आलोक में उन्हें नियोजन पत्र निर्गत नहीं किया गया।

इस बैठक में प्रखंड शिक्षकों के छात्र, शिक्षक अनुपात में समायोजन एवं ऐच्छिक स्थानांतरण हेतु इच्छुक शिक्षकों से अधीक्षा हेतु 30 मई 22 से 10 जून 22 तक प्रखंड स्तर पर आवेदन लेनें का निर्णय लिया गया। जबकि सातवें चरण के शिक्षक नियोजन हेतु शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छात्र/शिक्षक अनुपात में रिक्त पदों की गणना कर 15 जून 2022 तक विभाग को अनिवार्य रुप से उपलब्ध करा देने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई के सदस्य सचिव भारत भूषण गुप्ता, सदस्य मनोज कुमार झा, बीआरपी हेमन्त कुमार ठाकुर, शिक्षक ललन कुमार सिंह, नीरज कुमार उपस्थित थे।

सुमित कुमार की रिपोर्ट