जीवाणु जनित बीमारियों के उन्मूलन में समुदाय आ​धारित सहभागिता अहम

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पटना : क्षय रोग एवं जीवाणु जनित अन्य गंभीर बीमारियों के उन्मूलन के लिए आज शुक्रवार को राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (SIHFW) में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बिहार के सभी जिलों के डीपीसी एनएचएम (एबी-एचडब्ल्यूसी)/प्रभारी और डीपीसी एनटीईपी/प्रभारी ने भाग लिया। कार्यक्रम में SHSB के एडिशनल इक्जीक्यूटिव निदेशक केशवेंद्र कुमार, डॉ. बीके मिश्रा SPO (TB), डॉ. एके शाही SPO( AB) और डब्ल्यूएचओ NTEP के कंसल्टेंट आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

SIHFW में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

इस मौके पर वर्चुअली और आफलाइन उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को गंभीर रोगों की रोकथाम और उसके उन्मूलन में काम आने वाले जरूरी कदमों की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने टीबी तथा अन्य जीवाणु जनित रोगों के सफाये के लिए आधुनिक तौर—तरीकों और अन्वेषणों पर भी गहन चर्चा की तथा इसे कैसे रोग के प्रसार को नियंत्रित करने और उसके उन्मूलन में सहभागी बनाना है, इसके टिप्स दिये गए। वक्ताओं ने इस दिशा में कन्यूनिटी इंगेजमेंट को काफी अहम बताया।

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सभी जिलों से शामिल हुए प्रशिक्षणार्थी

दौरान प्रशिक्षणार्थियों ने भी प्रशिक्षकों के साथ संवाद में रुचि ली तथा अपनी कई शंकाओं को दूर किया। समुदाय को आधारित इंगेजमेंट को जीवाणु जनित रोगों के उन्मूलन में एक बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर बल दिया गया। खासकर बिहार जैसे पिछड़े राज्य में तो किसी भी महामारी के जड़ से सफाये के लिए यह एक आवश्यक टूल के रूप में काम आ सकता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) पटना के चिकित्सा अधिकारी सह प्रभारी प्रशिक्षण डॉ. रवि शंकर की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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