राज्यसभा चुनाव : BJP ने सीटिंग MP समेत इन 12 नामों को भेजा केंद्रीय नेतृत्व के पास
पटना : बिहार से राज्यसभा की खाली हो रही पांच सीटों के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही यह चर्चा होने लगी कि 5 सीटों के लिए जदयू, भाजपा और राजद किस-किस को उम्मीदवार बनाएगी। उपचुनाव वाली सीट से जदयू के अनिल हेगड़े निर्विरोध सदस्य चुने जा चुके हैं। इसके आलावा अन्य 5 में से भाजपा और राजद को 2-2 सीटें तथा जदयू को 1 सीट मिल रही है।
ये 12 नाम भेजे गए दिल्ली
वहीं, बीते दिन 2 सीट के लिए बिहार भाजपा चुनाव समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें 25 नाम पर चर्चा हुई और केंद्रीय नेतृत्व को 12 नाम भेजे गए। भाजपा इस सीट पर नए चेहरे को भेजने में दिलचस्पी दिखा रही है। इन 12 नामों में से सीटिंग सांसद गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे तथा प्रेम रंजन पटेल, मिथिलेश तिवारी, अवधेश नारायण सिंह, मृत्युंजय झा, लाजवंती झा, महाचंद्र प्रसाद सिंह, वीरेंद्र पासवान, राजेश वर्मा, मनोज शर्मा और सुरेश रूंगटा का नाम शामिल है।
मिथिलेश तिवारी अभी भूपेंद्र यादव, डॉ संजय जायसवाल और नित्यानंद राय के करीबी बने हुए हैं। इसलिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सतीश चंद्र दुबे को 2024 के चुनाव को लेकर क्षेत्र में सक्रिय रखने के पक्ष में हैं। इसके पीछे यह कहा जा रहा है कि सतीश चंद्र दुबे जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, वह ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। अगर दुबे क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहेंगे, तो इसका नुकसान पार्टी को हो सकता है।
राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नामों की चर्चा के लिए प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ, प्रदेश संगठन महामंत्री भिखूभाई दलसानिया, केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे तथा नित्यानंद राय, वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी, उप मुख्यमंत्री द्वय तारकेश्वर प्रसाद और रेणु देवी, बिहार सरकार में मंत्री सम्राट चौधरी और जनक राम, विधान पार्षद नवल किशोर यादव तथा पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल एवं भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लाजवंती झा शामिल हुईं।
जदयू से आरसीपी या कोई और?
जदयू के लिए मौजूद एक सीट से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह राज्यसभा जाएंगे। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि वो फिलहाल केंद्र में मंत्री हैं। इसलिए मंत्री बने रहने के लिए सदन का सदस्य होना जरुरी है। फ़िलहाल, जदयू के अंदर आरसीपी को लेकर घमासान मचा हुआ है।
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