कानून के हाथ लम्बे होते हैं
पटना : राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सीबीआई की एफआईआर में अभियुक्त पिंटू कुमार जिसे ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में पश्चिमी रेलवे, मुंबई में 2008 में नौकरी मिली थी के पिता विष्णु देव राय और उसके भाई ब्रजनंदन राय ने सीवान के ललन चौधरी और गोपालगंज के हृदयानंद चौधरी को पटना की कीमती जमीन रजिस्ट्री कर दी।
सुमो ने कहा कि क्या संयोग है कि ललन और हृदयानंद दोनों को एक ही दिन यानी 29 मार्च, 2008 को जमीन रजिस्ट्री की गई।यह भी संयोग है कि ललन को भी 7.76 डिसमिल एवं हृदयानंद को भी 7.76 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री की गई। यह भी संयोग है कि जमीन रजिस्ट्री के एवज में ललन ने भी 4.21 लाख और हृदयानंद ने भी 4.21 लाख नगद भुगतान किया।
सुमो ने कहा कि यह भी संयोग है कि ललन चौधरी ने जिस दिन नगद 6 लाख 28 हजार की स्टाम्प ड्यूटी के रूप में स्टेट बैंक मुख्य शाखा, पटना में भुगतान किया उसी दिन हृदयानंद चौधरी ने भी 6 लाख 28 हजार नगद स्टाम्प ड्यूटी उसी स्टेट बैंक में जमा कर दिया। गरीब ललन ने 13 फ़रवरी, 2014 को 60 लाख बाजार मूल्य की अपनी जमीन हेमा यादव को दान कर दिया। यह भी संयोग है कि हृदयानंद ने भी उसी दिन यानि 13 फ़रवरी 2014 को ही 60 लाख मूल्य की पटना की कीमती जमीन हेमा यादव को दान कर दिया।
यह भी संयोग है कि ललन चौधरी के दान पत्र पर हृदयानंद गवाह है और हृदयानंद के दान पत्र पर ललन चौधरी गवाह है। यह भी संयोग है कि ललन चौधरी विधान परिषद का चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी है जो पहले लालू यादव के खटाल में गायों को चारा खिलाता था और हृदयानंद रेलवे में खलासी है।
सुमो ने अन्य ट्वीट में कहा कि इस प्रकार पिंटू कुमार को नौकरी के एवज में उनके परिवार से गरीब ललन और हृदयानंद के नाम जमीन लिखवा लिया और कुछ वर्षों बाद उन दोनों से लालू परिवार को गिफ्ट करवा लिया। लालू जी, शिवानंद जी, ललन जी एवं श्री शरद यादव ने 22 अगस्त, 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सीबीआई जांच के लिए जो ज्ञापन दिया था, उसी पर सीबीआई ने कार्रवाई की है। लालू जी भूल गए कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराध कभी मरता नहीं है। Crime Never Dies.