बीडीओ के लेटर ने प्रशासनिक महकमा का किया छिछालेदर

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नवादा : जिला प्रशासन का अंदरूनी कलह शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बार नारदीगंज बीडीओ के लेटर बम का विस्फोट हुआ है। लेटर में जो कुछ लिखा गया है, उसका सार कहता है कि बिना सोचे समझे शीर्ष अधिकारी उन्हें अपमानित करने का भरपूर प्रयास किया। लपेटे में डीएम यशपाल मीणा के साथ एसडीओ सदर उमेश कुमार भारती भी आ गए हैं। लेटर भी डीएम को संबोधित करते हुए लिखा गया है।

मामला पंचायत चुनाव के दौरान किसी शिकायत की जांच से जुड़ा है। बीडीओ अमरेश कुमार मिश्रा लिखते हैं कि न तो आरोपों को लिखित दिया गया और न ही हमसे लिए गए जवाब पर हुई कार्रवाई से अवगत कराया गया। जांच टीम में शामिल एसडीओ भारती पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है जांच के दौरान उनका आचरण दुर्भावनापूर्ण था। पूरी कार्रवाई पूर्वाग्रह से ग्रसित प्रतीत होता है। शिकायत की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। लंबा-चौड़ा पत्र में कई बातों का उल्लेख किया गया। आरोप भी है, पीड़ा भी है।

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बता दें कि इसके पूर्व जिला योजना पदाधिकारी संतोष कुमार और जिले के सभी बीडीओ डीएम पर गाली गलौज और अन्यान्य तरीके से प्रताड़ित करने का आरोप लगा चुके हैं। एक दिन पूर्व डीएम का स्कूल इंस्पेक्शन के दौरान असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते वीडियो वायरल हुआ था। तमाम आरोपों के बाबत जिला प्रशासन की सफाई सामने आती रही है। नारदीगंज बीडीओ के लेटर बम पर सफाई आना शेष है।

वैसे, लेटर में किस आरोपों में जांच हुई थी, इसका उल्लेख नहीं है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि नारदीगंज प्रखंड के कुछ कर्मियों द्वारा बीडीओ पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया था। शिकायत के आलोक में जांच टीम गठित किया गया था। डीपीओ आईसीडीएस भी जांच टीम का हिस्सा थी। लीड सदर एसडीएम कर रहे थे।

कुल मिलाकर पिछले कुछ दिनों से अधिकारियों के बीच केआरोपों-प्रत्यारोपों ने जिला प्रशासन की छिछालेदर कर रखा है। प्रशासनिक साख पर बट्टा लग गया है। अब तो कुछ लोग डीएम के समर्थन में प्रेस वार्ता तक करने लगे हैं, तो कुछ कथित पीड़ित अधिकारियों के पक्ष में खड़े होने लगे हैं। प्रशासनिक विवाद में पब्लिक इंवॉलमेंट एक नई समस्या खड़ा कर सकता है। समय रहते डैमेज कंट्रोल आवश्यक हो गया है। विवाद कब थमता है, सभी की निगाहें लगी है।

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