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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिले MLC सच्चिदानंद राय, बढ़ते कद के बीच भविष्य को लेकर कही यह बात

पटना : स्थानीय प्राधिकार कोटे से निर्दलीय बिहार विधान परिषद का चुनाव जीतने के बाद बागियों ने राजद और भाजपा का खेल बिगाड़ने के बाद अब 4 में से 3 निर्दलीय जदयू के शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात कर चुके हैं। सबसे पहले नवादा से निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद राजद के बागी अशोक यादव मुख्यमंत्री समेत जदयू के शीर्ष नेताओं से मिल चुके हैं। इसके बाद मोतिहारी से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले महेश्वर सिंह भी बीते दिन मुख्यमंत्री समेत जदयू के शीर्ष नेताओं से भेंट कर चुके हैं। इन दोनों नेताओं के बाद यह भी चर्चा हुई कि अशोक यादव और महेश्वर सिंह जदयू का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, इन नेताओं ने मुलाक़ात को औपचारिक बताते हुए राजनीतिक गहमागहमी को खत्म कर दी।

भविष्य में भी सदा मिलता रहेगा आशीर्वाद

इसके बाद आज सारण से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले भाजपा के बागी सच्चिदानंद राय ने आज जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हर्षवर्धन सिंह से मुलाक़ात की। मुलाक़ात की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से देते हुए राय ने बताया कि जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव हर्षवर्धन जी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जी से शिष्टाचार मुलाकात हुई। क्षेत्र के विकास के तथा भविष्य के बारे मे उनसे बातचीत हुई। उनका स्नेह और आशीर्वाद हमे मिला और भविष्य में भी सदा मिलता रहेगा।

मजबूत हो रहे सच्चिदानंद राय

राय के इस मुलाक़ात को लेकर जानकारों का कहना है कि जिस तरह से सारण में जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के प्रभाव में आकर पार्टी ने राय को सिम्बल से वंचित रखा, इसके बाद चुनाव जीतने के बाद राय सिग्रीवाल को राजनीतिक मात देने की तैयारी में जुट गए हैं। इसी का नतीजा है कि राय अलग-अलग पार्टी के नेताओं से मिलकर वैसे नेताओं को सन्देश देने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्होंने एक होकर राय के राजनीतिक जीवन को खत्म करने का प्रयास किया। जानकार कहते हैं कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद राय का कद राजनीतिक रूप से तथा भूमिहार जाति के अंदर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी को और धार देने के लिए वे अलग-अलग दलों के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं।

सिवान और सारण में सिग्रीवाल और मंगल पांडेय की चाल से कार्यकर्त्ता नाराज

इसके अलावा सिवान और सारण सीट को लेकर यह चर्चा आम है कि यहां भी बिहार कैबिनेट में भाजपा कोटे से शामिल एक मंत्री और इस क्षेत्र के एक सांसद अपना राजनीतिक वर्चस्व दिखाने के लिए सारण और सिवान सीट पर खेल किये। सच्चिदानंद राय का टिकट कटवाने और सिवान से मनोज सिंह को टिकट दिलाने के बाद भाजपा के एक स्थानीय सांसद और बिहार कैबिनेट में शामिल मंत्री क्षेत्र में यह चर्चा करते नहीं थक रहे थे कि हम लोग एमएलसी बनाते हैं। पार्टी ने जिसे टिकट दे दिया वही जीत जाएगा। नतीजा यह हुआ कि सिवान में भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे और सारण में भी भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे। हालांकि, सारण में भाजपा प्रत्याशी 300 वोट भी प्राप्त नहीं कर सके। यहाँ कुल मिलाकर लगभग 5400 से अधिक वोट हैं। सिवान और सारण में सिग्रीवाल और मंगल पांडेय की राजनीतिक चाल से स्थानीय कार्यकर्त्ता नाराज बताये जा रहे हैं।

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