8 साल बाद मिथिलांचल सरकार, जिलाधिकारी से सरकार चलाने हेतु एक करोड़ की मांग
बेगूसराय : 8 साल बाद एक बार फिर से बेगूसराय में जालसाजों ने केंद्रशासित मिथिलांचल सरकार का गठन कर डीएम से ही एक करोड़ की मांग कर दी। मिथिलांचल सरकार के राष्ट्रपति अपनी सरकार की व्यवस्था चलाने के लिए जब डीएम से एक करोड़ मांगा। जिसके बाद डीएम सचेत हुए और उन्होंने बीडीओ को जांच का निर्देश दिया। जिसके बाद इस सरकार का हकीकत पता चला।
बता दें कि, इस मिथिलांचल सरकार के राष्ट्रपति के आदेश से ना सिर्फ नौकरी के लिए छात्रों की परीक्षा ली जा रही थी, बल्कि कानून व्यवस्था और राजस्व के आदेश भी जारी किये जा रहे थे। जिसका खुलासा छापेमारी में हुआ। दरअसल,12 अप्रैल को डीएम के निर्देश पर सदर बीडीओ सुदामा प्रसाद सिंह ने नगर थाना पुलिस के साथ मिथिलांचल सरकार के ऑफिस में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस अफसर उस समय अवाक रह गए जब ऑफिस में मौजूद एक कर्मी ने खुद को केंद्रशासित मिथिलांचल का खुद को राष्ट्रपति बताया। जबकि ऑफिस में मौजूद एक महिला ने खुद को राष्ट्रपति की पत्नी बताया।
खुद को राष्ट्रपति बताने वाला हिरासत में
वहीं, इस मामले को लेकर सदर बीडीओ सुदामा प्रसाद सिंह ने बताया कि फ़िलहाल खुद को राष्ट्रपति बताने वाले नीलेश कुमार और खुद को राष्ट्रपति की पत्नी बोलने वाली शबनम को हिरासत में लेकर थाना पर लाया गया। दोनों को पीआर ब्रांड पर छोड़ दिया गया है। आरोपी निलेष ईनियार गांव का निवासी है। इन गिरफ्तार हुए लोगों ने एक संस्था बना रखी है, जो कथित रूप से केंद्रशासित मिथिलांचल सरकार चलाते हैं।
जानकारी के अनुसार जालसाजों द्वारा चलाई जा रही मिथिलांचल सरकार में 24 जिला है। जिसकी राजधानी बेगूसराय है। इस सरकार में राष्ट्रपति से लेकर गृहमंत्री, वृत्त मंत्री,प्रधान सचिव समेत कई आला अधिकारी भी है। मिथिलांचल सरकार का कार्यालय मुंगेरी गंज में बना रखा है। लोगों के अनुसार यह ऑफिस कई फर्जी डिग्री के साथ ही बड़े पदों पर नौकरी का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी का काम करता है।
इसी मिथिलांचल सरकार के राष्ट्रपति ने अपने सरकार को चलाने के लिए डीएम अरविंद कुमार वर्मा से लगातार फंड मांग रहा था। ई-मेल और पत्राचार के माध्यम से फंड की मांग करते हुए फंड नहीं देने पर मानवाधिकार आयोग में शिकायत करने की धमकी भी दी गई थी। तो इस संबंध में जिलाधिकारी ने उन्हें जांच करने का आदेश दिया।जांच और छापेमारी के दौरान नकली मिथिलांचल सरकार का खुलासा हुआ।
बता दें कि, इससे पहले वर्ष 2014 में भी फर्जी मिथिलांचल सरकार का खुलासा हुआ। तब पुलिस ने मिथिलांचल सरकार के 5-6 जालसाज को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस समय मिथिलांचल सरकार ने बेगूसराय के एसपी को ई-मेल करके सिंघौल ओपी प्रभारी को सस्पेंड करने का निर्देश दिया था और एसपी को आदेश दिया कि वर्दी और स्टार के साथ मिथिलांचल सरकार के कार्यालय में रिपोर्ट करें।