तेजस्वी के नए समीकरण का चला जादू, BJP और JDU के गढ़ में की सेंधमारी

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पटना : राष्ट्रीय जनता दल जिसे my समीकरण वाली पार्टी मानी जाती थी। माना जाता है कि मुस्लिम और यादव समीकरण के बूते ही लालू प्रसाद यादव ने डेढ़ दशक तक बिहार की सियासत पर पकड़ बनाए रखी। राजद के शासन का मूल वोट का समीकरण यही था लेकिन अब जबसे राजद की कमान अनौपचारिक रूप से लालू के छोटे बेटे के हाथ में गई है तब से यह पार्टी नया समीकरण पर काम करना शुरू कर दिया है।

इस नए समीकरण में तेजस्वी न सिर्फ my बल्कि अब सबको साथ लेकर चलने की बात कहते हैं। जहां उनके पापा लालू यादव के तरफ से इस बात पर चुनाव लड़ा जाता था कि बिहार से भूरा बाल साफ करो। तो वहीं, तेजस्वी यादव ने एमएलसी चुनाव में अपने साथ भूमिहार को अपनी सियासत का हिस्सा बना कर आगे बढ़ रहे हैं।

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तेजस्वी यादव ने इस बार तमाम सीटों पर बिहार विधान परिषद चुनाव में भूमिहार जाति से आने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया और अब चुनाव नतीजे आने के बाद तेजस्वी का यह दांव सही साबित होता दिख रहा है।

तेजस्वी यादव यह समीकरण सटीक होता नजर आ रहा है। उनके द्वारा उतारे गए भूमिहार कैंडिडेट जीत हासिल करने में सफल साबित हुए हैं। सबसे पहला नंबर पटना सीट से उम्मीदवार बनाए गए कार्तिक कुमार का है। कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिक मास्टर अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं। भूमिहार जाति से आते हैं और इन्होंने जेडीयू के वाल्मीकि सिंह को मात दी है।

इसके अलावा पश्चिम चंपारण जैसी सीट पर तेजस्वी यादव के एक भूमिहार उम्मीदवार ने ही जीत हासिल की यहां आरजेडी के इंजीनियर सौरभ चौधरी ने जीत हासिल की है। पिछले 18 साल से यह सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा, लेकिन इस बार वहां राजद के भूमिहार कैंडिडेट ने सेंधमारी कर दी।

 

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