सूबे की सरकार बनाने-बिगाड़ने नहीं, यह जनप्रतिनिधियों के सम्मान की लड़ाई- ई. राय
सारण : ग्राम सभा की कैबिनेट ही तय करेगा कि उनका प्रतिनिधि कौन होगा, विधान पार्षद के चुनाव में ग्राम पंचायतों के कैबिनेट की भूमिका होगी, प्रदेश कैबिनेट के मंत्रियों का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह सरकार बनाने-बिगाड़ने की लड़ाई नहीं है, बल्कि ग्राम सरकार को मजबूत करने की लड़ाई है और यह लड़ाई हमने मजबूती से लड़ी है, जिसका परिणाम यह है कि सारण जिले का यह चुनाव जात-पात से ऊपर उठकर पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान की लड़ाई बन गई है। उक्त बातें इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने नवतन मढौरा में पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही।
राय ने कहा कि हमारे राजनीति की शुरुआत पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान से शुरू हुई है और अंतिम क्षण तक में पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान करता रहूंगा। 6 साल पहले जब मैंने चुनाव लड़ा था, प्रदेश नेतृत्व का कोई भी बड़ा चुनाव प्रचार में नहीं आया था, परंतु एक साजिश के तहत हमारा रास्ता रोकने के लिए पूरा कैबिनेट ग्राम पंचायतों में चौपाल लगा रहा है, परंतु मतदाता पंचायत प्रतिनिधि यह जानते हैं कि गांव के सरकार के लिए हमने जो लड़ाई शुरू की है उसका एकमात्र मकसद यह है कि गांव के विकास से ही समृद्ध पंचायत और समृद्ध देश होगा। पंचायत प्रतिनिधि पंचायतों के कैबिनेट के फैसले ले सकेंगे, इसके लिए सरकार के द्वारा कई नीतिगत निर्णय कराने में मैं सफल भी रहा हूं।
अब वार्ड पार्षदों को काम मिल रहा है, वार्ड पार्षदों को सम्मान मिल रहा है, वार्ड पार्षद आत्मनिर्भर बन रहे हैं और वार्ड पार्षद ही पंचायत के विकास की कहानी गढ़ रहे हैं, जिसे लेकर बड़े नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है और यही कारण है कि पंचायत प्रतिनिधियों के आवाज को बुलंद करने की सजा मुझे साजिश के तहत दी जा रही है। यह बात पंचायत प्रतिनिधि समझ चुके हैं और पंचायत प्रतिनिधि की गोलबंदी सारण के सम्मान में मेरे जीत का इतिहास लिखने को आतुर है।
उन्होंने कहा कि वार्ड सदस्यों के साथ पंचायत को मजबूत बनाने के संकल्प को जनप्रतिनिधियों का साथ मिल रहा है और सारण का यह परिणाम बिहार के राजनीति को नई दिशा देगा। उन्होंने कहा कि हमारा पिछला संकल्प था, पंचायतों को मिले उनके अधिकार और वेतन भत्ता पेंशन की लड़ाई का संकल्प है। जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। हमारा एक मात्र सपना यह है कि पंचायत मजबूत बने और पंचायत के विकास की गाथा पंचायत प्रतिनिधि ही लिखेंगे। गांव के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं को पहुचाने में पंचायत प्रतिनिधि ही सक्षम है, इसलिए पंचायत को मजबूत करना जरूरी है।