मध्य विद्यालय चिरांद में डीएम के आदेश को ठेंगा, 850 छात्रों को एक विषय की पढ़ाई से पूरी तरह रहना पड़ रहा वंचित
विद्यालय में जीव विज्ञान के एकमात्र शिक्षक प्रतिनियुक्ति के नाम पर काट रहे चांदी
पिछले साल 31 दिसंबर को डीएम ने गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्ति रद्द करने का दिया था आदेश
डोरीगंज : सारण प्रखंड के चिरांद स्थित मध्य विद्यालय में विज्ञान के शिक्षक की प्रतिनियुक्ति जिला स्थापना कार्यालय में होने से यहां छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। यह भी गौर करने वाली बात है कि 31 दिसंबर 2021 को ही जिलाधिकारी ने एक आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं किए जाने और मौजूदा प्रतिनियुक्ति रद्द करने की बात कही गई थी। लेकिन, इस आदेश के तीन महीने होने जा रहे हैं और अभी तक जीव विज्ञान के एकमात्र शिक्षक विद्यालय नहीं आए हैं। इससे कक्षा 6, 7 और 8 के 850 छात्रों का सत्र बगैर इस विषय की पढ़ाई के ही पूरा होने को है।
बता दें कि शिक्षा के अधिकार के तहत छात्रों की संख्या के हिसाब से विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। ऐसे में एक भी शिक्षक के विद्यालय न आने से संबंधित विषय की पढ़ाई तो बाधित होती ही है, साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। लेकिन, आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि मध्य विद्यालय चिरांद में कक्षा छठवीं, सातवीं और आठवीं के 850 छात्र जीव विज्ञान की पढ़ाई सिर्फ इसलिए नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि इस विषय के एकमात्र शिक्षक संतोष कुमार प्रतिनियुक्ति के बहाने कभी विद्यालय ही नहीं आते।
जानकारी के अनुसार, संतोष कुमार जुलाई 2021 से ही प्रतिनियोजन के नाम पर जिला कार्यक्रम स्थापना, सारण के कार्यालय में जमे हुए हैं। इसका मतलब यह है कि इस विद्यालय में तीन कक्षाओं के 850 छात्रों ने पिछले पौने साल से जीव विज्ञान की पढ़ाई ही नहीं की है। कुछ महीनों में परीक्षा होगी और तब जीव विज्ञान के विषय के प्रश्नों को छात्र कैसे हल करेंगे और यदि नंबर कम आते हैं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी सारण द्वारा ज्ञापांक 1073, दिनांक 31/12/2021 के माध्यम से एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन कतई बर्दाश्त नहीं है। ऐसे में सभी गैर शैक्षणिक कार्य में लगे शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द की जाती है और उन्हें ताकीद दी जाती है कि वे तीन दिनों के अंदर अपने विद्यालय में योगदान दें।
जिलाधिकारी के तीन दिन के आदेश को तीन महीने होने जा रहे हैं लेकिन शिक्षक संतोष कुमार ने अब तक विद्यालय में योगदान नहीं दिया है। वे जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए डीपीओ कार्यालय में जमे हुए हैं जबकि वेतन मध्य विद्यालय चिरान्द से ले रहे हैं। इस पर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने भी सवाल उठाया है। अभिभावकों का कहना है कि यदि शिक्षक संतोष कुमार को विद्यालय नहीं आना है ,तो वे यहां से वेतन क्यों ले रहे? इस वेतन में यहां किसी दूसरे शिक्षक की नियुक्ति की जाए जो छात्रों को पढ़ा सके।
इसको लेकर मुजीबुॅर रहमान प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय, चिरान्द का कहना है कि संतोष कुमार जीव विज्ञान के शिक्षक हैं। वह यहां के छठवीं, सातवीं और आठवीं के 850 छात्रों को पढ़ाते थे लेकिन पिछले साल जुलाई से ही वह प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस कारण छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है। लेकिन, मैं इसमें कर ही क्या सकता हूं?