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भारत-नेपाल द्विपक्षीय रिश्ते में सांस्कृतिक राजदूत की सशक्त भूमिका निभा सकता है बिहार- तारकिशोर

पटना : बिहार यंग थिंकर्स फोरम एवं संतोष साह फाउंडेशन के तत्वावधान में नेपाल के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से शिष्टाचार मुलाकात की। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बिहार और नेपाल के बीच पीपुल-टू-पीपुल डायलॉग (People to people dialogue) स्थापित करने एवं बिहार और नेपाल के बीच सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूती की दिशा में बिहार की ओर से विशेष पहल करने की आवश्यकता बताई।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-नेपाल की खुली सीमा दोनों देशों के संबंधों की विशिष्टता है, जिससे दोनों देशों के लोगों को आवागमन में सुगमता रहती है। दोनों देश के नागरिकों के बीच आजीविका के साथ-साथ विवाह और पारिवारिक संबंधों की ‘रोटी-बेटी के रिश्ते’ की मज़बूत नींव है।

उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत दुनिया के दो प्रमुख धर्मों-हिंदू और बौद्ध धर्म के विकास के आस-पास एक सांस्कृतिक इतिहास साझा करते हैं। बुद्ध का जन्म वर्तमान नेपाल में स्थित लुम्बिनी में हुआ था। बाद में बुद्ध ज्ञान की खोज में वर्तमान भारतीय क्षेत्र बिहार के बोधगया आए, जहाँ उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ। बोधगया से महात्मा बुद्ध और उनके अनुयायियों ने विश्व के कोने-कोने तक बौद्ध धर्म का प्रसार किया। भारत एवं नेपाल दोनों ही देशों में हिंदू व बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग हैं।

तारकिशोर ने कहा कि रामायण सर्किट की योजना दोनों देशों के मज़बूत सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंधों का प्रतीक है। बिहार भारत-नेपाल द्विपक्षीय रिश्ते में सांस्कृतिक राजदूत की सशक्त भूमिका निभा सकता है।

मुलाकात के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान, मोनेस्ट्री के सांस्कृतिक संरक्षणवादी रोबिन कुमार लामा, उप प्राध्यापक कंचना झा, रत्ना गुरंग, राजनीतिक सलाहकार अनिल कुमार महासेठ, संतोष साह फाउंडेशन के अध्यक्ष, वरीय अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह, बिहार यंग थिंकर्स फोरम की प्रेरणा कुमारी पासवान, समृद्ध वर्मा, निशांत आजाद, रोहित सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।