क्यों बैकफुट पर आए नीतीश? न मैं जीता न तुम हारे के फॉर्मूले पर बनी सहमति
पटना : सरकार को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 2 दिन में जवाब देने पर ऐसे तिलमिलाए कि उन्हें एहसास ही नहीं रहा कि वे सदन में हैं। सदन में बैठा व्यक्ति राजनीतिक कद में तो छोटा कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि सदन का अभिभावक है। फिर भी नीतीश सारे नियम कानून को ताक पर रखते हुए आसन के प्रति गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी करते रहे। सदन की कार्यवाही ऑनलाइन थी और पूरा देश-दुनिया देख रही थी। क्रोध से कांपते हुए नीतीश कुमार ने आसन की ओर उंगली उठाते हुए जिस लहजे और जिन शब्दों में बातें कही, उससे लोकतंत्र की परंपरा पर काला धब्बा लगा।
लूट गई जिंदगी भर की छवि
इसके बाद जब बात जंगल की आग की तरह लोगों के बीच फैल गई, तब शुरू हुआ सोशल मीडिया पर लोगों के प्रतिक्रिया का दौर। लेकिन, तब तक बात बिगड़ चुकी थी। मुख्यमंत्री के सहयोगियों ने जब उस प्रतिक्रिया का आकलन किया, तब तक उनकी छवि तार-तार हो चुकी थी। अपनी छवि को संवारने के लिए नीतीश कुमार कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन उनकी एक गलती की वजह से उनके जीवन भर की छवि लूट चुकी थी।
खूबियां बन गई खामियां
वैसे तो नीतीश कुमार सुशासन बाबू, गंभीर नेता, संसदीय परंपरा का अनुभवी शख्स, संयमित बोलने वाला शख़्स तक की सारी खूबियों अचानक खामियों में बदल गई। जब उन्हें इस गलती का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इसके बाद भी सदन आने के बजाय सीएम चादर चढ़ाने और बिहटा-सरमेरा पथ के निर्माण कार्य का आंकलन करने पहुंच गए। लेकिन अंदर की बैचेनी इतनी थी की पल-पल की खबर के लिए वे अपने विश्वस्त मंत्री के पास कॉल करते जा रहे थे।
दिल्ली से नहीं मिली मदद!
मनेर में एक स्थानीय पत्रकार ने सदन की घटना के बारे में प्रश्न किया तो इस पर सीएम नीतीश मौन धारण करते निकल गए। फिर दिल्ली से संपर्क साधने के प्रयास हुए, लेकिन वहां से स्पष्ट संकेत नहीं मिले। क्योंकि, भाजपा का केंद्रीय इकाई यह समझ चुका था कि यह मामला लोग के प्रति जिम्मेदारी का है, इतने संवेदनशील मामले के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अपनी छवि का बलि चढ़ाना नहीं चाहता।
बहरहाल, नीतीश अपने तरीके से मामले को निपटाने में जुटे। इसके लिए वे डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का सहारा लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष से बात कर गिले-शिकवे दूर किये। इस तरह न मैं जीता न तुम हारे के फार्मूले पर सहमति बनी।