महाभारत से बचना है तो जलस्रोतों को बचाना आवश्यक:- चौबे
नवादा : जिले के रोह प्रखंड में राईस मिल के समीप निमिया मैदान पर रविवार को आयोजित किसान सह श्रमदानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आहर-पईन खेती की पारम्परिक स्रोत है। जल का एक- एक बूंद उपयोगी है।
आप जल के स्रोतों को बचायेंगे तो महाभारत नहीं होगी , इसलिये जल स्रोतों को बचाकर ही किसान की खुशहाली की बात हो सकती है। खाशकर आहर-पईन को श्रमदान के द्वारा जीवित रखना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा नेत्री रेणु सिन्हा व संचालन आहर-पईन बचाओ अभियान के राष्ट्रीय संजोजक एम पी सिन्हा ने किया।
उन्होंने कहा कि बावन गॉंव में जल के स्रोतों के बचाव के लिए आप किसानों के साथ हूँ। हमारा शरीर पांच तत्व से बना है। जिसमें जल सर्वाधिक है। इसलिये जल को बचाने से आपका शरीर ही नहीं वातावरण भी सुरक्षित रहेगा। जिससे हमारे देश व समाज भी सुरक्षित रहेगा। साथ ही इन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जलवायु परिवर्तन पर देश विदेश में काम करने का काम किया। जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए हर लोगों को पौधा लगाना चाहिए। तभी वातावरण में शुद्ध ऑक्सीजन मिल सकेगा। उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के साथ-साथ इससे होने वाले बीमारियों के बारे में बताते हुए इसका सेवन नहीं करने का अनुरोध किया।
अंत में उन्होंने कहा परंपरागत खेती को पुनर्जीवित करना होगा। क्योकि आज अधिकांश जल स्रोत अतिक्रमण का शिकार हो गया है। आप लोग सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहें। खुद कुदाल उठाकर हर खेत में मेड़ और हर मेड़ पर पेड़ लगाकर आप आहर पईन को बचा सकेंगे।
इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को विस्तार से बतया। अंत में कहा कि सरकार ने साढ़े आठ लाख शौचालय का निर्माण कराया है। बावजूद लोग खुले में शौच कर रहे हैं। जो समाज के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने लोगों से खुले में शौच नहीं करने की अपील की। इसके पूर्व उन्होंने उपस्थित लोगों को जल स्रोतों के बचाव के लिए शपथ दिलाया। इन्होंने रोहाईन पईन में कुदाल चलाकर श्रमदान कार्यक्रम की शुरूआत किया।
डब्यूएचएच के कंट्री डायरेक्टर निवेदिता ने कहा कि आहर-पईन को बचाना आम आदमी का कर्त्तव्य है। जल के पारम्परिक स्रोतों को बचाने के लिए हर किसानों का कर्त्तव्य है। इससे भी धरती पर हरियाली रहेगी।कार्यक्रम में भारी संख्या मे बावन गांव के किसान, मजदूर, महिला- पुरुष शामिल हुए। सुरक्षा के मद्देनजर काफी संख्या में पुलिस बल व ब्रज वाहन की व्यवस्था की गई थी। सम्मेलन में जमुई जिला से दर्जनों आदीवासी महिला पुरुष उपस्थित हुए।
मंच पर लोक गायक जितेंद्र- ध्रमेंद्र मंच से आहर पाईन बचाईल भैया मान कहनवां आदि गीतों के माध्यम से लोगों को आहर-पईन के बारे में संदेश दिया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक अनिल सिंह, सांसद प्रतिनिधि बब्लू सिंह, आहर पईन बचाओ के स्थानीय संयोजक ओमप्रकाश कुशवाहा, पूर्व मुखिया सरोज सिंह, महेन्द्र प्रसाद सिंह, राजकिशोर सिंह, सुनील महतो, उपेंद्र चन्द्रवंशी, सुमित सिंह आदि उपस्थित थे।
15 माह से खराब पडा है चापाकल
नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड कहुआरा गांव के निकट हनुमान मोड़ के समीप पिछले 15 माह से चापाकल खराब पडा हुआ है। पहाड़ी चापाकल नारदीगंज से नवादा जाने वाली सड़क मार्ग में कहुआरा गांव के निकट हनुमान मोड़ पर लगा हुआ है। चापाकल शोभा की वस्तु बना हुआ है। चापाकल के खराब रहने के कारण स्थानीय लोगों को पानी के लिए भटकना पड रहा है। इसके अलावा आने जाने वाले राहगीरों को भी पेयजल की समस्या का समाना करना पड़ रहा है।
उक्त स्थल पर नवादा जाने के लिये कई गावों के लोग इकठ्ठा होते है। इसी स्थल से नवादा जाने के लिये वाहन मिलती है। खराब चापाकल रहने से पानी के अभाव में लोगों की समस्या बनी रहती है। कई दफा चापाकल की मरम्मति के लिए विभागीय पदाधिकारियों को भी ग्रामीणों ने ध्यान दिलाया। विभाग के ओर से मिस्त्री आता है और केवल खानापूर्ति कर चला जाता है। समस्या यथावत बनी हुई है।
ग्रामीण विजय प्रसाद,नवलकिशोर पांडेय,नरेश माहतो,राजकुमार माहतो,दिक्षा मांझी,अरूण यादव,राजो यादव समेत अन्य गा्रमीणों ने उक्त स्थल पर खराब पडे पहाड़ी चापाकल की मरम्मति करने के लिए विभागीय पदाधिकारी से मांग किया है,ताकि पेयजल की समस्या का निदान हो सकें।
सड़क किनारे से मुर्गा मछली की दुकानें को हटाने की मांग
नवादा : राजगीर बोधगया राजमार्ग पर नारदीगंज में कई मुर्गा मछली की दुकानें है। जबकि यह सड़क मार्ग बुद्धसर्किट के नाम से जाना जाता है। आये दिन दर्जनों पर्यटक वाहन इसी रास्ते से राजगीर,नालंदा,पावापुरी समेत अन्य दर्शनीय स्थल जाते है। उन्हें भी मांसाहारी दुकानों से निकलने वाले दुर्गंध को लेने की विवशता बनी हुई है।
इसके अलावा नारदीगंज चौक से पड़रिया जाने वाले मार्ग में भी मुर्गा मछली की दुकानें संचालित हो रही है। मुख्य मार्ग पर मांसाहारी दुकानें रहने के कारण मुर्गा मछली के गंध से वातावरण दुषित हो रहा है। इस रास्ते से गुजरने वाले राहगीरों की भी काफी परेशानी हो रही है ।
एक ओर घनी आबादी है,तो दूसरी ओर कई गांवो के लोगों का आवागमन होता है ।जबकि उच्च न्यायालय का निर्देश है कि मुख्य मार्ग के किनारे मांसाहारी दुकानें को संचालित नहीं करना है। वावजूद संचालकां के माध्यम से उच्च न्यायालय के निर्देशों को दरकिनार कर मांसाहारी दुकानें संचालित कर रहें हैं। इस मामले में भी शासन प्रशासन मौनी बाबा बनें हुए है।
मुर्गा मछली की दुकानें सड़क के किनारें रहने सें लोग संक्रमित होने का डर सता रहा है। इधर समाजसेवी रामाशीष यादव,अजय चौहान,छोटेलाल शर्मा समेत अन्य बुद्धिजीविओं ने सड़क के किनारें संचालित मुर्गा मछली की दुकानें को विस्थापित करने की मांग जिला प्रशासन से किया है,ताकि वातावरण स्वच्छ व स्वस्थ रह सके।
शिक्षाविद अनुज सिंह का अश्लील एमएमएस वायरल
नवादा : नवादा के शिक्षाविद् व मॉडर्न स्कूल के निदेशक अनुज कुमार का अश्लील एमएमएस वायरल होने पर जिले में रविवार को हलचल मच गया. हालांकि हम इस बातों की पुष्टि नहीं करते हैं। शिक्षाविद ने कहा वीडियो एडिट कर बदनाम करने की साजिश किया गया है, जिसके विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दिया गया है।
बताया गया है कि मॉडर्न ग्रुप के संस्थान एवं उसमें कार्यरत कर्मी और निदेशक की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान कुछ असामाजिक किस्म के लोगों द्वारा गिरोह अथवा जमात बनाकर एक साजिश के तहत माडर्न ग्रुप के संस्थान और उनके निदेशक अनुज सिंह की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से हमेशा झूठा ऑडियो एवं वीडियो वायरल करने की कोशिश की जाती रहती है. इसी क्रम में एक झूठा वीडियो मोबाइल ऐप से बना कर एक सोची समझी साजिश के तहत सोशल मीडिया में दिया जा रहा है, जो असामाजिक तत्व के लोगों जिसका संरक्षण सफेदपोश लोग का है. इसलिए वीडियो वायरल करने वालों पर अनुज सिंह के द्वारा मुकदमा थाने में दर्ज की गई है।
एफआईआर में लिखा गया है कि मॉडर्न शैक्षणिक समूह नवादा के पदाधिकारी एवं कर्मचारी को असामाजिक तत्वों के लोगों द्वारा बदनाम करने की गहरी साजिश होती रहती है और वीडियो वायरल न करने के नाम पर मोटी रकम मांगी जाती है. जिससे संस्थान के पदाधिकारी एवं कर्मचारी का जान माल का खतरा बना रहता है। तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है और गिरोह के अन्य सहयोगियों पर भी कार्रवाई की मांग की गई है।
मॉडर्न ग्रुप के निदेशक से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह वीडियो झूठा व गलत नियत से बदनाम करने और छवि को खराब करने की कोशिश है। पहले भी कई बार असामाजिक किस्म के लोगों द्वारा ऐसा किया गया है। क्योंकि मॉडर्न ग्रुप की छवि से गलत लोग परेशान हैं। सभी जानते हैं कि मॉडर्न जिला का शान है और शैक्षणिक रूप से जिला में मॉडर्न ग्रुप की संस्थाएं शिक्षा और रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसीलिए राजनीतिक द्वेष से बदनाम करने की कोशिश होती रहती है। समाज एवं जिला के अधिकतर लोग का सहयोग एवं आशीर्वाद मॉडर्न शैक्षणिक समूह को प्राप्त है, परंतु कुछ लोग जिला को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं ताकि अच्छे लोग अच्छा काम ना करें। यह गंभीर विषय है, इसलिए असामाजिक किस्म के ऐसे लोगों पर कडी कार्रवाई कर उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है।
पथ दुर्घटना में सहारा का छायाकार जख्मी
नवादा : नगर के रामनगर निवासी राष्ट्रीय सहारा का नवादा छायाकार रोहित रोशन सड़क दुर्घटना में जख्मी हो गये. वे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के रोह में आयोजित कार्यक्रम का फोटो संकलन कर कार्यालय वापस लौट रहे थे।
जख्मी अवस्था में उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक चिकित्सा के बाद उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज स्थानांतरित किया गया है. स्थानीय पत्रकारों ने उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की है।
सात समंदर पार, प्यार खींच लाया नवादा :जर्मन गर्ल ने नरहट के युवक से की शादी, बोली- भाषा और कल्चर में अंतर पर प्यार बड़ा है भारी
नवादा : एक बार फिर प्यार के आगे सरहद छोटी पड़ गई। भाषा, धर्म और रीति-रिवाज के सभी बंधन टूट गए। जर्मन की दुल्हनिया और बिहार के नवादा जिला नरहट प्रखण्ड का दूल्हा, जब शादी के स्टेज पर चढ़े तो सब देखते रह गये। इस अनूठी शादी का साक्षी बना नालंदा का राजगीर। दोनों की प्रेम कहानी तीन साल में परवान चढ़ी। कोरोना के कारण शादी टलती गई पर आज दोनों साथ हैं।
जिले के नरहट प्रखंड के बेरोटा सत्येंद्र कुमार और जर्मनी की लारिसा बैल्ज हिंदू रीति-रिवाजों से शादी के बंधन में बंध गए। दोनों स्वीडन में साथ-साथ शोध करते थे। जर्मनी की लारिसा को न तो हिंदी आती है और ना ही वह विधि-विधान जानती हैं, लेकिन जब विवाह समारोह शुरू हुआ तो उसने वह सारी रस्में निभाई। हल्दी का उबटन लगाया, पाणिग्रहण से लेकर वर पूजन तक सब रस्में हुई। सिंदूर दान के बाद लारिसा बैल्ज सुहागन बन गई।
लारिसा के माता-पिता नहीं आ पाए
लारिसा अपनी शादी के लिए स्पेशल वीजा लेकर इंडिया आई हैं। उनके माता – पिता को वीजा नहीं मिल पाया इस कारण वह शादी में शरीक नहीं हो पाए, जबकि सत्येंद्र की पूरी फैमिली और गांव वाले भी इस शादी के गवाह बने। राजगीर स्थित एक होटल में शादी की सारी रस्में अदा की गई।
लारिसा ने बताया कि हम 2019 से प्यार में हैं। तीन साल बाद इंडिया आकर यहीं शादी करने का भी प्लान बनाया। उन्होंने बताया कि- ‘वो यहां की लाइफ एन्जॉय करने आई हैं। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। यहां के कल्चर और मेरे कल्चर में बहुत अंतर है, लेकिन प्यार बड़ी चीज है। मैं अच्छे से भाषा नहीं समझ सकती बस कुछ शब्द समझ पाती हूं। मेरे हस्बैंड ट्रांसलेट करके समझाने की कोशिश करते हैं।
शोध करते-करते प्यार हो गया
सत्येंद्र ने बताया कि वे कैंसर पर शोध करने के लिए स्वीडन गए थे। वे वहां स्किन कैंसर पर शोध कर रहे थे, जबकि लारिसा बेंज प्रोस्टेट कैंसर पर रिसर्च कर रही थी। इसी दौरान 2019 में दोनों करीब आए। दोनों के बीच बातें शुरू हुई और फिर प्यार हो गया। प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी करने का मन बनाया। बीच में कोरोना काल के कारण थोड़ी देर हुई, जब हालात सामान्य हुए तो दोनों ने शादी की है।
परिवार ने कहा- दुनिया बदल रही है
सत्येंद्र कुमार बेरोटा निवासी विष्णुदेव महतो और श्यामा देवी के पुत्र हैं। इस शादी से सत्येंद्र के परिवार वाले काफी खुश हैं। शादी में शामिल होने आए लोगों ने कहा कि आज दुनिया बदल रही है। ऐसे में हम सब को बदलना होगा। प्रेमी प्यार के लिए सात समंदर पार करके भी अपने चाहने वाले के पास पहुंच ही जाते हैं। चाहे जितनी मुश्किलें आए या फिर जितनी दूरियां हो। सत्येंद्र के परिवार ने गांव में प्रीतिभोज (रिशेप्सन पार्टी) भी रखा था। सतेंद्र के भाई धर्मेंद्र प्रसाद ने कहा कि भाई ने जो किया काफी अच्छा किया है। हम सब उसके साथ हैं।
नशे के जहर पर पुलिस का कहर जारी, देशी शराब के साथ महिला कारोबारी चढ़ी पुलिस के हत्थे
नवादा : बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी के बाद भी शराब कारोबारी बाज नहीं आ रहे है.ताजा मामला नवादा का है जहां देशी शराब के साथ महिला कारोबारी को नगर थाना की पुलिस ने अपने गिरफ्त में लिया है. गिरफ्तार महिला की पहचान नगर थाना क्षेत्र के प्रसाद विगहा निवासी राजेश कुमार की पत्नी सुनीता देवी के रूप में की गयी है।
नगर थानाध्यक्ष विजय सिंह ने बताया कि शराब तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। छापेमारी के क्रम में महिला शराब कारोबारी के घर में छिपाकर रखी करीब 300 एमएल का 10 बोतल कुल 3 लीटर झारखंड निर्मित देशी शराब को बरामद किया गया और मौके से महिला को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पांच माह में तीन अधिकारियों दिया अलग-अलग बयान डीएफओ ने कहा हुई गलती, केन्द्र के बजाय राज्य से ली गई अनुमति
नवादा : झारखंड की सीमा से सटे बिहार के नवादा जिले के रजौली के पूर्वी अमावां क्षेत्र में अवस्थित लोमस और याज्ञवल्क्य ऋृृषि पहाड़ी खनन मामले में वन विभाग हर रोज नई बात कह रही है। वन और पर्यावरण विभाग के जरिए पांच माह के अंतराल में तीन अलग अलग तथ्य सामने आए हैं। फिलहाल, 3 मार्च को वन प्रमण्डल पदाधिकारी संजीव रंजन ने पटना हाईकोर्ट को दिए जवाब में कहा है कि बिहार झारखंड का बंटवारा हुआ तो यह नही पता चल पाया कि वन आश्रयणी का हिस्सा बिहार में भी रह गया है।
डीएफओ ने विभाग की भूल मानते हुए कहा कि वन आश्रयणी के दस किलोमीटर के दायरे में खनन के पहले केन्द्र सरकार की स्वीकृृति जरूरी है। लेकिन ऐसा नही कर राज्य सरकार से स्वीकृृति ली गई। डीएफओ ने एक पूर्व के डीएफओ के पत्र को संलग्न किया है। इसमें कहा गया है कि 2018 में नवादा वन प्रमण्डल को यह जानकारी मिली थी कि कोडरमा वन आश्रयणी का कुछ हिस्सा नवादा के रजौली में हैं। तब नवादा के तत्कालीन वन प्रमण्डल पदाधिकारी आलोक कुमार ने कोडरमा वन आश्रयणी के वन प्रमण्डल को पत्र भी लिखा था।
बात यहीं नही थमती, मौजूदा डीएफओ संजीव रंजन के पहले के डीएफओ अवधेश कुमार ओझा ने 1 नवंबर 2021 को खनन विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि खनन क्षेत्र इको सेंसेटीव जोन में पड़ता है। साइट पर चिटठी चिपकाते हुए खनन पर रोक लगाने को कहा गया था। ओझा के मुताबिक, 2019 को यह जानकारी मिली कि यह वण्यप्राणी आश्रयणी है।
ताज्जुब कि 21 अक्टूबर 2021 को वन और पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में दिए जवाब में वन विभाग की कोई भी भूल नही बताया था। प्रधान सचिव के जवाब में कहा गया है कि स्टेट इंवार्नामेंट इंपैक्ट आथिरिटी राज्य की सबसे बड़ा प्राधिकार है, जिसने जांच के बाद रिपोर्ट दिया है। इसमें कोई छिपाव नही है। वन विभाग की रिपोर्ट में ऐसा कुछ नही है कि इनवायरनामेंटल क्लीरेंस गलत तरीके से किया गया है।
तथ्य को छिपाने के लिए हर रोज नई बात
वन मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, वन आश्रयणी क्षेत्र के दस किमी दायरे में खनन नहीं होना है। लेकिन कोडरमा से साढ़े सात और रजौली से साढ़े तीन किमी परिधि में खनन किया जाता रहा है। इस तथ्य को छिपाने के लिए वन विभाग हर रोज अपना नया तर्क देता है। प्रधान सचिव जहां कोई गलती नहीं मान रहे हैं। दूसरी तरफ, पटना हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद वन विभाग के अधिकारी अपनी भूल मानने लगे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व मुखिया विनय कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका में कहा था कि लोमस और याज्ञवल्क्य ऋृृषि की गुफाएं ऐतिहासिक और जैव विविधता की दृृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसे संरक्षित करने के बजाय समाप्त किया जा रहा है। पटना हाइकोर्ट ने दोनों पहाड़ियों के खनन कार्य पर 20 जुलाई 2021 को रोक लगा दी है। लेकिन खनन, वन विभाग अपनी गलतियों को छिपाने के लिए नई नई बात करती रही है। पिछले हफ्ते याचिकाकर्ता ने सीबीआई या विजिलेंस से जांच का आग्रह किया है।
क्या है पूरा मामला
गया गजेटियर और नवादा के ऐतिहासिक दस्तावेजों में दोनों पहाड़ियों का जिक्र मिलता है। लोमस और याज्ञवल्क्य पहाड़ी के पास घनी आबादी है। स्कूल है। इको सेंसेटिव जोन में आता है। लेकिन इन सब चीजों को दरकिनार कर डेढ़ दशक से इस पहाड़ी को लीज पर दे दिया गया। इसके चलते दोनों पहाड़ियों का अस्तित्व संकट से घिर गया है। प्रशासनिक स्तर पर भी कई रिपोर्ट में इस पहाड़ी के महत्व को माना गया है। पर्यटन विभाग को रिपोर्ट भी भेजी गई है। फिर भी गलत तरीके से दोनों पहाड़ को खनन के लिए लीज पर दे दिया गया।
सरकारी भूमि से प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण
नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के बरिओ गांव में प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। नारदीगंज के बरिओ गांव में जिला प्रशासन सदर डीएसपी उपेंद्र कुमार ,सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती की टीम व स्थानीय प्रशासन नारदीगंज सीओ अमृता कुमारी ,बीडीओ अमरेश मिश्रा ,ने बिहार सरकार की जमीन चलाया बुलडोजर चला अतिक्रमण से मुक्त कराया।
ग्रामीणों के अनुसार कुछ दबंग लोगों ने रास्ते की जमीन का काफी दिनों से अतिक्रमण कर रखा था. ऐसे में लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस बावत पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश पर अर्जुन प्रसाद के वाद पर जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाने का काम किया गया. अतिक्रमण हटाये जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
अपर समाहर्ता ने किया लोहिया स्वच्छता अभियान की समीक्षा
नवादा : उज्जवल कुमार सिंह अपर समाहर्ता सह-प्रभारी जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में डीआरडीए सभागार में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के कार्यान्वयन के संबंध में समीक्षात्मक बैठक हुई। उन्होंने कहा कि कचरा भी आज संसाधन है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का द्वितीय चरण वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक संचालित होगा।
इसका मुख्य उद्देश्य सक्षम बिहार-स्वाबलंबी बिहार के अन्तर्गत सात निश्चय 02 में लक्षित स्वच्छ गॉव-समृद्ध गॉव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण संचालित किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और लोहिया स्वच्छता योजना का मुख्य उद्देश्य खुले में शौच से मुक्ति के स्थायित्व को बनाये रखना है और ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था में सुधार लाकर ओडीएफ प्लस महत्वपूर्ण योजना चलायी जायेगी। इस अभियान के तहत नये परिवार जिनके घरों में पूर्व में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ था उन्हें व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता के लिए 12 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
राजीव कुमार सिंह, राज्य समन्वयक लोहिया स्वच्छता अभियान ने कहा कि ठोस अपशिष्ट और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन के बारे में पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जैविक अपशिष्ट, गोवर्द्धन, प्लास्टिक अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट, मलिन जल, मलयुक्त कीचड़, शौचालय की मरम्मत, सामुदायिक स्वच्छता के संबंध में विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया। इसके लिए जिला जल स्वच्छता समिति, प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई की संरचना, ग्राम पंचायत क्रियान्वयन समिति के बारे में विस्तृत जानकारी पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से दिया गया। अवशिष्ट प्रबंधन के लिए विशेष निधि का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत ग्राम स्तर पर 05 हजार की आबादी पर ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 60 रूपये व्यक्ति एवं धूसर जल प्रबंधन के लिए प्रति व्यक्ति 280 रूपये देने का प्रावधान है।
ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन के लिए निधि 70 प्रतिशत एसबीएम तथा 30 प्रतिशत 15वीं वित्त आयोग के अनुदान से व्यय किया जायेगा। प्रखंड और जिला स्तर पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए प्रत्येक प्रखंड में 16 लाख रूपये प्रति इकाई, मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन के लिए 230 रूपये प्रति व्यक्ति एवं गोवर्द्धन परियोजना के संचालन हेतु 50 लाख रूपये जिला देने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि जिले के कुल 14 प्रखंडों में 35 पंचायत लोहिया स्वच्छ अभियान 02 के तहत चयनित किया गया है। प्रखंड का नाम और पंचायत निम्न प्रकार हैः- (1) अकबरपुर-पंचगॉवा, मलिकपुर नेमदारगंज, पंचरूखी (2) गोविन्दपुर-गोविन्दपुर, सरकन्डा (3) हिसुआ-बगोदर, दोना (4) काशिचक-सुभानपुर, बेलर (5) कौआकोल-कोआकोल, शेखोदेवरा, पाली (6) मेसकौर-बिजु विगहा, अकंरी, पांडे विगहा (7) नारदीगंज- डोहरा, नारदीगंज, इचुआकरणा (8) नरहट-शेखपुरा, नरहट (9) नवादा-कादिरगंज, आंती, झुनाठी (10) पकरीबरावां- पकरीबरावां उ0, पकरीबरावां द0, कोननपुर, (11) रजौली- बहादुरपुर, लेंगुरा, रजौली प0 (12) रोह-कोशीरूखी सम्हरीगड़, मरड़ा (13) सिरदला-लोंद, बड़गॉव (14) वारिसलीगंज-मोहीउद्दीनपुर, अपसढ़। इसमें रोह प्रखंड में सर्वाधिक 04 पंचायतों को और वारिसलीगंज पंचायत में 01 मात्र अपसढ़ पंचायत का चयन किया गया है।
चिन्हित पंचायतों में स्वच्छता कर्मी और पंचायत स्वच्छता पर्यवेक्षक की बहाली पंचायत कमिटि करेगी। इसमें वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत सचिव आदि रहेंगे। चयन एवं विमुक्ति की प्रक्रिया वार्ड सभा द्वारा ग्राम पंचायत के अनुशंसा के आधार पर किया जायेगा। पंचायत स्वच्छता कर्मी को 1500 से 3000 रूपये और पंचायत स्वच्छता पर्यवेक्षक को 05 हजार से साढ़े सात हजार रूपये प्रतिमाह देय होगा।
रतनीश वर्मा, राज्य सलाहकार लोहिया स्वच्छता अभियान के द्वारा बताया गया कि चयनित पंचायतों में यथाशीघ्र सभी कार्यों का क्रियान्वयन करना शुभारम्भ कर दें। बैठक में श्री प्रशांत अभिषेक निदेशक डीआरडीए, सुश्री अंशु कुमारी जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सत्येन्द्र प्रसाद डीपीआरओ, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रमुख, मुखिया, पंचायत सचिव आदि उपस्थित थे।