सरकार को अस्थिर करने के चक्कर मे सहनी, नाराज होकर CM की बैठक से निकले

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पटना : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार से वापस बिहार विधानसभा सत्र में शामिल होने पहुंचे बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी ने अपना तेवर तल्ख कर लिया है। सहनी ने सीएम को सीधे तौर पर कहा है कि यदि उनकी बातों को महत्व नहीं दिया जाएगा तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।

मंत्री बनने के लिए सत्ता में नहीं आए

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने एनडीए के एक बैठक कहा कि वह मंत्री बनने के लिए सत्ता में नहीं आए थे बल्कि जनता के हित में काम करने आए हैं और यदि उनके बातों का तवज्जो नहीं दिया जाएगा तो फिर वह मंत्री पद से इस्तीफा देने से भी नहीं कतराएंगे। इतना कहकर सहनी बीच बैठक से निकल गए।

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दरअसल, कल यानी कि शुक्रवार को बिहार विधानमंडल सत्र के समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए विधायक दल की बैठक आहूत की गई थी। इसी बैठक के दौरान मुकेश सहनी ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही दी। हालंकि उन्होंने मीडिया से सीधे तौर पर खुलकर कुछ नहीं बताया बल्कि उन्होंने यह जरूर कहा कि जो बातें हो रही हैं उनमें कुछ सच्चाई तो जरूर होगी, तभी ऐसी बातें हो रही है।

वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने इस दौरान यह भी कहा बिहार में चार दलों के सहयोग से सरकार चल रही है। सभी दलों को अपनी बात रखने का अधिकार है। उनकी पार्टी के दो लोगों को मंत्री बनाने का वादा किया गया था, लेकिन एक मंत्री पद ही दिया गया।

इसके अलावा सहनी ने कहा कि उनके एनडीए में शामिल होने का मात्र एक मतलब था कि अति पिछड़ा समाज को मिलने वाला आरक्षण की दायरा बढ़ाकर 33 फीसदी कर दी जाए। सहनी ने कहा कि उनका सरकार में शामिल होने का मकसद भी आरक्षण दिलाना था, पर उनकी बातों को तवज्जो नहीं दी जा रही।

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