पुलिस संरक्षण में घटना को दिया गया अंजाम
दरभंगा : भाकपा (माले) ने कहा कि दरभंगा के जीएम रोड में विगत 9 फरवरी को जमीनी विवाद में भूमाफिया गिरोह द्वारा विगत 40 वर्ष से बसे रीता झा के परिवार के सदस्यों पर की गई बर्बरता साबित करती है कि नीतीश कुमार की सरकार बिहार को पूरी तरह 1990 के पहले वाले दौर में धकेल देने पर आमदा है। प्रशासन की नाक के ठीक नीचे भूमाफियाओं ने 8 माह की गर्भवती पिंकी झा व उनके भाई संजय झा को जला कर मार दिया। पीएमसीएच में इलाज के दौरान 15 फरवरी को दोनों की मृत्यु हो गई।
माले ने कहा कि विगत 9 फरवरी की शाम जमीन के विवाद में जिंदा जलाने की यह घटना नीतीश सरकार पर काला धब्बा है। टीम को पीड़ित परिवारों ने बताया कि जमीन विवाद का मामला 2017 से ही चल रहा है। दरभंगा महाराज की जमीन पर विगत 40 वर्षों से रीता झा का परिवार रह रहा है। दरभंगा महाराज के परिवार के सदस्यों के साथ पीड़ित परिवार के साथ एग्रीमेंट बना हुआ है। लेकिन भूमाफिया शिव कुमार झा द्वारा उक्त जमीन की गलत ढंग से रजिस्ट्री करा ली गई और फिलहाल यह मामला पटना उच्च न्यायालय में चल रहा है। भूमाफिया शिवकुमार झा द्वारा उक्त परिवार को 2017 से ही तबाह किया जा रहा है। यह पूरा मामला प्रशासन के संझान में है, लेकिन इस मामले को सुलझाने की बजाए जिला प्रशासन ने उलझाने का ही काम किया।
भूमाफिया को एसएसपी के द्वारा संरक्षण हासिल
भाकपा (माले) ने बताया कि पीड़ित परिवार ने बताया कि 9 फरवरी की घटना की सूचना जब नगर थाना को देने गए तो थाना प्रभारी ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया। उसके बाद वे दरभंगा एसएसपी के यहां पहुंचे लेकिन एसएसपी ने पीड़ित परिवार से मिलने से इनकार कर दिया। दरभंगा जिला प्रशासन की भूमिका बेहद संदिग्ध है। बाद में थाने के बगल से जेसीबी ले जाकर घर को भी तोड़ा गया और पीड़ित परिवार के घर में आग लगा दिया गया। अपराधी घर पर बुलडोजर चलाते रहे। परिवार के सदस्यों पर पेट्रोल छिड़ककर हत्या का तांडव चलता रहा और पुलिस सोई रही।
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद भाकपा-माले के मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर शिव कुमार झा की गिरफ्तारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी को कांड का सह अभियुक्त बनाना होगा, अन्यथा इसके खिलाफ एक व्यापक आंदोलन संगठित किया जाएगा। आज इसके खिलाफ दरभंगा बंद का भी आह्वान किया गया है, जिसे जनता का व्यापक समर्थन हासिल है। परिवार की सुरक्षा, आर्थिक सहायता व दोनों बची लड़कियों को सरकारी नौकरी की गारंटी करे।
भाकपा-माले विधायक और किसान महासभा के राज्य नेता महानंद सिंह ने कहा कि पीड़ितों के बयान के आधार पर मुख्यमंत्री व डीजीपी को संज्ञान लेना चाहिए और तत्काल प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त कर अभियुक्त बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना ने साबित किया है कि राज्य में माफिया राज चल रहा है। गर्भस्थ शिशु सहित 3 को जलाकर मौत की नींद सुला देने की घटना ने राज्य को शर्मसार किया है। अगर सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को संरक्षण नही मिलता है और शिवकुमार झा सहित सभी अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसा जाता है, तो इस मसले को विधानसभा में मजबूती से उठाया जाएगा।