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‘टुकड़े-टुकड़े’ एजेंडे पर हुंडई, KFC और पिज्जा हट! मेक इन इंडिया ही एकमात्र उपाय

देश-विदेश डेस्क : हुंडई, केएफसी और पिज्जा हट जैसी विदेशी कंपनियों ने वो किया है जो किसी भी हालत में भारत और किसी भी भारतीय को स्वीकार्य नहीं। भारत में हर साल लाखों कारें बेचने वाली कंपनी हुंडई ने पिछले दिनों बेशर्मी की सारी हदें पार कर भारत को ही तोड़ने की बात कर डाली। देश की अखंडता पर यह प्रहार इस कंपनी ने पाकिस्तान में अपना मार्केट बनाने के चक्कर में उसे खुश करने के लिए किया। जवाब में जब भारत ने इसके लिए द कोरिया के राजदूत को दिल्ली में तलब कर विरोध दर्ज किया तब वहां की सरकार को होश आया और भारत से बजाप्ता माफी मांगी।

पाकिस्तान को खुश करने के लिए तोड़ेंगे भारत?

सारा वाकया दो—तीन दिन पहले का है। पाकिस्तान में हर साल 6 या 7 फरवरी को कश्मीर सॉलिडेरिटी डे मनाया जाता है। इस मौके पर वहां अपनी कारों के लिए मार्केट बनाने के चक्कर में पाकिस्तान स्थित हुंडई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भारत विरोधी तस्वीरें और पोस्ट शेयर की गईं। इसमें जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग बताया गया। ऐसा ही कुछ केएफसी और पिज्जा हट ने भी वहां किया।

भारत में विदेशी प्रोडक्ट के बहिष्कार की मुहिम

जब भारत में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई तो इन कंपनियों के होश ठिकाने आ गये। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। भारत में इन तीनों ही कंपनियों के प्रोडक्ट के बहिष्कार की मुहिम उठ खड़ी हुई। सोशल मीडिया पर भी लोगों के गुस्से से भरे कमेंट्स की बाढ़ आ गई। लोगों ने लिखा कि एक तो ये कंपनियां हमारे बाजार में अपना प्रोडक्ट बेच हम ही से मुनाफा कमाती हैं। उसपर ये हमारे ही देश को तोड़ने की बात भी करती हैं। इन कंपनियों की हिम्मत देखिए कि इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने जो मेक इन इंडिया का मंत्र दिया है, अब उसी में हमें अपनी ऐसी समस्या का हल ढूंढना चाहिए। हमारे लिए यही सबसे सही होगा।

द. कोरिया ने विदेश मंत्री को फोन कर मांगी माफी

भारत सरकार ने भी द.कोरियाई राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया। इस पर भी जब भारत में विरोध शांत नहीं हुआ तो बीती रात कोरियाई विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन कर इन कंपनियों की गलती के लिए भारत से माफी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि आगे से भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए भी उनका देश इन कंपनियों की नीतियों का रिव्यू करेगा और उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। फिलहाल मामला इसके बाद तो शांत हो गया है, लेकिन सब बात का एक ही जवाब है कि खुद अपनी आत्मनिर्भरता को स्थापित करो और अपने बाजार में अपने प्रोडक्ट को तरजीह दो।