‘विद्यापीठ’ को पुनर्जीवित करने में खड़े रहेंगे- विजय चौधरी
बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ में वसंतोत्सव का हुआ आयोजन
स्वामी केशवानंद जी के मार्गदर्शन में विद्यापीठ अभूतपूर्व ऊंचाई को प्राप्त करेगा
पटना : बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ को पुनर्जीवित करने में खड़े रहेंगे। क्योंकि, हम समाज का, साधुजन का धारते हैं। इसलिए, ये हमारी देयता और जिम्मेदारी है। आज समय भी बड़ा सकारात्मक है, कभी वसंत तो कभी ठंड का मिलन हो रहा है, यही वसंत है और यही मौसम का आह्वान है। उक्त बातें बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ परिसर में आयोजित वसंत पंचमी उत्सव पर बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहीं।
बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ के बारे शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्था जब योग्य हाथों में जाती है, तो शुभकारी होता है। स्वामी केशवानंद जी के मार्गदर्शन में यह विद्यापीठ अभूतपूर्व ऊंचाई को प्राप्त करेगा, ऐसा उनका विश्वास है। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में जो उपलब्धि ग्रहण करते हैं, उसमें समाज का बड़ा योगदान होता है। ऐसे में जब हम समाज के लिए कुछ करते हैं, तो यह कोई एहसान नहीं होता, बल्कि यह हमारे कर्तव्य का निर्वहन मात्र होता है।
वसंत पंचमी पर स्वामी केशवानंद का प्रबोधन : जीवन में सच्चाई, व्यवहार में शील व वाणी में ओज हो
बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ के कार्यकारी कुलपति स्वामी केशवानंद जी महाराज ने कहा कि भारत के वांग्मय में जितनी अराध्य देवियां हैं, उनके आयुध के रूप में अस्त्र-शस्त्र। लेकिन, मां सरस्वती ही एकमात्र देवी हैं, जिनके आयुध के रूप में विद्या और विनम्रता हैं। वे वीणा धारण करती हैं। विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती स्वच्छता की भी देवी हैं।
स्वामी जी ने अपने प्रबोधन में कहा कि माता सरस्वती से हमें शिक्षा लेनी है कि हमारे जीवन में सच्चाई हो, व्यवहार में शील हो और वाणी में ओज हो। उन्होंने सुंदरकांड की चौपाई- ”निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा॥” को उद्धृत करते हुए वाणी का महत्व बताया और कहा कि जिस प्रकार सरोवर में अधिक जल होने से कमल का फूल डूबता नहीं है, उसी प्रकार ज्ञान अधिक होने से व्यक्ति भी जीवन में डूबता नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने राजनीति की गंध तक आने नहीं दी, वे पूरी बात संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में कही।
संस्था भावी पीढ़ी को संस्कारित करने को प्रतिबद्ध
बिहार सरकार में पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह ने कहा कि बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ जैसी संस्थाओं की आज के समय में बहुत आवश्यकता है, क्योंकि यह संस्था भावी पीढ़ी को संस्कारित करने को प्रतिबद्ध है। लोकायुक्त श्याम किशोर शर्मा ने कहा कि यह विडंबना है कि इतने गुणीजनों के रहते हुए भी बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ को दुर्दिन देखने पड़े। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस विद्यापीठ के अच्छे दिन आएंगे।
सेवानिवृत्त पूर्व गृह सचिव डॉ. जियालाल आर्य ने कहा कि आज के दिन हम सब मां सरस्वती से आशीर्वाद लें कि हमारे अंदर में अच्छाई व बुराई को अलग करने का विवेक आए। इस अवसर पर सांसद रामकृपाल यादव, प्रसिद्ध स्त्रीरोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. शांति राय, ख्यात न्यूरोसर्जन डॉ. रवि भूषण शर्मा, डॉ. शीला शर्मा, वरीय सी.ए. आर एन मिश्र तथा चरपोखरी सोनवर्षा के 11 बटुकों ने वेद मंत्रों के साथ पूजा कराई। मंच संचालन कृष्णकांत ओझा ने किया।