पटना : बिहार विधानसभा के सदस्यों तथा पूर्व सदस्यों के चिकित्सा संबंधी विपत्रों के भुगतान की प्रक्रिया में होने वाले गतिरोध को दूर करते हुए इसको सरल बनाने और इसके त्वरित भुगतान के लिए प्रक्रिया को डिजिटाईज्ड किया जायेगा। इसके लिए परीक्षण के तौर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म की सैद्धांतिक शुरूआत इसी वित्तीय वर्ष में 1 मार्च 2022 से होगी। यह निर्णय बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के कार्यालय कक्ष में उनकी अध्यक्षता में संपन्न उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया।
इसके बाद इसकी गहन समीक्षा कर इसकी विधिवत शुरूआत अगले वित्तीय वर्ष से की जायेगी। इनकी चिकित्सा संबंधी विपत्रों के त्वरित भुगतान के लिए वित्त विभाग के एक आंतरिक वित्तीय सलाहकार की प्रतिनियुक्ति शीघ्र ही सभा सचिवालय में करा दी जायेगी, ताकि इन विपत्रों के भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो।
25 फरवरी, 2022 से शुरू होने वाले बिहार विधान सभा के बजट सत्र के पूर्व इस संबंध में सदस्यों तथा पूर्व माननीय सदस्यों के सहयोग के लिए एक हेल्प डेस्क सभा सचिवालय में कार्य करने लगेगा, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, एन.आई.सी. और सभा सचिवालय के कर्मी भी सम्मिलित होंगे। इस हेल्प डेस्क की मदद से सदस्यों और पूर्व सदस्यों को इस डिजिटल व्यवस्था से रू-ब-रू होने का अवसर मिलेगा।
सत्र के पूर्व बिहार विधान सभा स्थित औषधालय में एक एडवांस लाईफ सपोर्ट सेविंग एम्बुलेंस प्रशिक्षित कर्मियों के साथ तैनात कर दी जायेगी। साथ ही इस औषधालय में एक आयुष चिकित्सिक की प्रतिनियुक्ति भी बजट सत्र के पूर्व कर दी जायेगी।
इस बैठक में बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सहित, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य ब्रजेश मेहरोत्रा, सचिव स्वास्थ्य विभाग गोरखनाथ सहित बिहार विधान सभा के सचिव शैलन्द्र सिंह तथा संयुक्त सचिव पवन कुमार पाण्डेय ने भाग लिया।