खास के लिए खास पद का सृजन कर नीतीश ने किया सेट, मनीष वर्मा बने…
पटना : मंगलवार को नीतीश कैबिनेट में कुल 6 एजेंडा पर मुहर लगी।।इनमें जो सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है, वह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अतिरिक्त परामर्शी पद का सृजन होना। यह बिहार में इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया था, लोगों के विषय की चर्चा है की इस पद पर किसे रखा जाएगा।
पीछले साल ले लिया था वोलेंट्री रिटायरमेंट
इसी बीच अब इसको लेकर नाम का एलान कर दिया गया है। इसको लेकर जारी अधिसूचना के मुताबिक मुख्यमंत्री इस पद पर एक ऐसे आईएएस को रख रहे हैं जो पीछले साल वोलेंट्री रिटायरमेंट ले लिया था। हालंकि यह मुख्यमंत्री के इतने खास है कि मुख्यमंत्री इनको अपने से दूर करना ही नहीं चाहते हैं, इसी को लेकर नीतीश कुमार इनको फिर से पवार देना चाहते हैं। बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय के तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक मनीष कुमार वर्मा को मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले मनीष वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य भी है।
मुख्यमंत्री नीतीश के साथ कई वर्ष से कर रहे हैं काम
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पद का सृजन इसलिए ही किया है ताकि इस पद पर पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा की तैनाती की जा सके। यह नीतीश कुमार के इतने खास है कि वोलेंट्री रिटायरमेंट लेने के बाबजूद यह सीएम नीतीश कुमार के लिए काम करते हैं। पीछले दिनों 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को वापस मूल कैडर में वापस बुलाया गया था। लेकिन वो वहां जाने के इच्छुक नहीं थे इस कारण उन्होंने वोलेंट्री रिटायरमेंट ले लिया और वापस नीतीश कुमार के पास आ गए।तब से यह लगातार सीएम नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं।
बता दें, मनीष वर्मा उस वक्त चर्चा में आए थे जब यह पटना जिलाधिकारी थे। इन्हीं के कार्यकाल में 3 अक्टूबर 2014 को रावण दहन के दौरान पटना गांधी मैदान में भगदड़ मची थी।इसमें 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे और 33 की मृत्यु भी हो गई थी। दूसरी बार यह चर्चा में उसी साल लोकसभा चुनाव के दौरान आए।
मनीष वर्मा के क्रियाकलाप को लेकर भाजपा के बड़े नेता उनसे खासे नाराज हो गए और उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था कि मनीष वर्मा को हटाया जाए। मनीष वर्मा मूल रूप से नालंदा जिले के रहने वाले हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही जाति से संबंध रखते हैं।