31 जनवरी : आरा की मुख्य खाबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

शहीद दिवस पर दो दिवसीय सेमीनार

आरा : जिला सर्वोदय मंडल, भोजपुर तथा अन्त्योदय चेतना मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आरा- रेल परिसर में बापू के 74वें शहादत दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सेमीनार का आज समापन हुआ| दो दिन चले इस सेमीनार के दौरान सभी ने दो मिनट का मौन विभिन्न संस्थाओं के साथियों की उपस्थिति में रख राष्ट्रपिता को श्रन्धांजलि दी गयी|

लोगों ने बापू के तेलचित्र पर माल्यार्पण भी किया| इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश सर्वोदय मंडल के महामंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि आज दुनिया में जिस कदर संकीर्ण राष्ट्रवाद मानवता के लिए खतरा बनते जा रहा है इसकी तरफ उग्र सम्प्रदायवाद जनमानस में जिस कदर उग्र पैठ बना रहा है ऐसे हालात में पूरी दुनिया मैं शान्ति की तरफ खोज बढ़ रही है लेकिन अलग- अलग कुनबों में विकल्प की तलाश भी शुरू है | मुझे लगता है कि जिस तरह दुनिया में शांति की भूख बढ़ रही है इस छुधा तृप्ति के लिए गाँधी विचार ही व्यवहारिक विकल्प हो सकता है|

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सामाजिक कार्यकर्ता यज्ञ नारायण तिवारी ने अपने वक्तव्य में बापू की शहादत को याद करते हुए कहा कि आज भारत गाँधी के रास्ते से राजनैतिक रूप से अलग होते हुए दिख रहा है, लेकिन दुनिया को बचाना होगा तो मुल्क को गाँधी जी के रास्ते ही जाना होगा क्योंकि गाँधी व्यक्ति नहीं एक विचार हैं | उन्होंने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि गाँधी को माने या न माने, पहले गाँधी को जाने | आज गाँधी कि प्रासंगिकता दुनिया में बढ़ रही है |

‘बचपन बचाओ’ आन्दोलन के जिला संयोजक वेंकटेश राय ने कहा कि गाँधी की यह उक्ति “मेरा जीवन ही मेरा सन्देश” पर अमल करने की प्राथमिकता बताई | उन्होंने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की सुरक्षा के लिए गाँधी के विचार को महत्वपूर्ण बताया | तत्पश्चात उक्त अवसर पर गाँधी के शहादत पर दो मिनट का मौन रखा गया | और अंत में कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा “रघुपति राघव राजा राम” से हुई |

उक्त कार्यक्रम में सुशील सिंह, भुवनेश्वर ठाकुर, राजनारायण सिंह, सुधा शंकर तिवारी, विजय शंकर तिवारी, कृष्ण मोहन ठाकुर, मजीत पाठक, सारण भाई आज़ाद सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे |

किन्नरों की किया सड़क जाम

आरा : पटना के बाद भोजपुर में रविवार देर रात कृष्णगढ़ थानान्तर्गत सरैया में किन्नरों के दरवाजे पर अपराधियों ने फायरिंग की. जिसके बाद आक्रोशित किन्नरों ने सरैया बाजार में आगजनी की और सड़क जाम कर दिया।

कृष्णगढ़ थानान्तर्गत सरैया में किन्नरों के दरवाजे पर अपराधियों ने फायरिंग की। घटना से नाराज किन्नरों ने सोमवार की सुबह आरा-सरैया मुख्य मार्ग पर आगजनी कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बताया जाता है कि सरैया में एक साथ रहनेवाली किन्नरों के घर के बाहर बीती रात असामाजिक तत्वों ने पहले पटाखा छोड़ा और फिर दरवाजे पर हवाई फायरिंग करते हुए भाग निकले।

किन्नरों के मुताबिक, घटना से डर कर सभी किन्नर रात में ही कृष्णागढ़ थाने पहुंची. जहां पुलिस ने उनके साथ किसी के मजाक किए जाने की बात कहते हुए वापस लौटा दिया. इसी बात से नाराज होकर सोमवार अहले सुबह ही 50 से ज्यादा की संख्या में किन्नरों ने सरैया बाजार में आगजनी की और सड़क जाम कर दिया. साथ ही किन्नरों ने असामाजिक तत्वों पर जल्द कार्रवाई की मांग की.किन्नरों ने बताया कि स्थानीय बदमाश अक्सर उन्हें परेशान करते हैं। बीती रात भी कुछ लोगों ने उनके घर के बाहर आकर फायरिंग की। जिसकी सूचना देने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाय उन्हें वापस लौटा दिया.

मौके पर पहुंची पुलिस किन्नरों को समझाने में काफी देर तक जुटी रही। लेकिन ये लोग मौके पर एसपी-डीएम को बुलाने की मांग करते रहे। जाम के कारण गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। जिससे आने जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

डॉ भरत मिश्र की पुण्यतिथि मनी

आरा : अपना क्लब द्वारा पद्मश्री स्व डॉ भरत मिश्र की 23 वीं पुण्यतिथि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए डी बी एम हेरिटेज एकेडमी,रामापुर सनदिया में मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था की अध्यक्ष डॉ ममता मिश्र ने कहा कि डॉ मिश्र अपनी वाकपटुता से लोगों को निरुत्तर कर देते थे।उनके मित्र उनकी विनोदप्रियता के कायल थे।वे अपनी जिंदादिली से गैरों को भी अपना बना लेते थे।

स्व मिश्र की तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए मुख्य अतिथि प्रख्यात चिकित्सका डॉ जीत शर्मा ने कहा कि डॉ भरत मिश्र जी ने अपनी विलक्षण क्षमता से दुनिया को यह बताया कि आदमी के अंदर अगर आत्मविश्वास हो तो दुनिया का कोई भी काम किया जा सकता है। उपेंद्र पांडेय ने कहा कि गाँव की मिट्टी से भी उन्हें बहुत प्रेम था।जब भी उन्हें मौका मिलता वे गाँव आकर अपने पुराने मित्रों से मिलकर बचपन के दिनों को याद कर भावुक हो जाते थे।

प्रेम उपाध्याय ने बताया कि वे गाँव के प्रतिभावान बच्चों के शिक्षा के लिए अत्यंत चिंतित रहते थे और उन्हें हरसंभव सहायता किया करते थे। पंचायत समिति सदस्य लालबाबू पासवान ने कहा कि डॉ भरत मिश्र ने कभी भी जातिगत भेदभाव नहीं किया।भास्कर मिश्र ने कहा कि वे विकलांगों के लिए आइकन हैं।उनकी अद्भुत प्रतिभा के दम पर रामापुर जैसे सुदूर गाँव का नाम राष्ट्रीय क्षितिज पर आया।इस अवसर पर विकास कुमार, रौशन कुमार, अजीत कुमार पण्डित, अमरेंद्र कुमार,मीनू सिंह, मौसम देवी,कलावती देवी,काजल कुमारी, ललिता देवी आदि उपस्थित थे।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट

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