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21 जनवरी : मधुबनी की मुख्य खबरें

कपकपाती ठंड में बुजुर्ग, बीमार व बच्चों का रखें विशेष ख्याल :- डॉ० कुणाल कौशल

मधुबनी : विगत कई दिनों से कपकपाती ठंड ने जीना मुश्किल कर दिया है। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ऐसे में अपने शरीर के प्रति अधिक सजगता जरूरी है। खासकर बिमार, बुजुर्ग व बच्चों का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। सदर अस्पताल के जिला कोविड नोडल ऑफिसर डॉ कुणाल कौशल के अनुसार ठंड में सांस और हृदय रोगियों की दिक्कतें बढ़ने लगती है। ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने, हाइपोथर्मिया और नसों व जोड़ों का दर्द भी बढ़ने लगता है। इसलिए डॉक्टर सबसे पहले ठंड से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।

इसके अलावा सर्दियों में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है। इससे खांसी, जुकाम के साथ फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस की नली में सूजन से सांस फूलने (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी) की दिक्कत बढ़ जाती हैं। डॉ कुणाल ने बताया कि ठंड बढ़ने से हाइपोथर्मिया होने का डर रहता है। इस बीमारी में ब्लड प्रेशर कम होने और शरीर के विभिन्न अंगों के ठीक से काम करने में परेशानी होने लगती है। वहीं खून की नसें सिकुड़ने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक का डर भी रहता है।

आमतौर पर ठंड के मौसम में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बीमार पड़ जाते हैं। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बच्चों पर बदलते मौसम का असर ज्यादा होता है। इस समय बच्चों में निमोनिया के साथ ही डायरिया होने की संभावना ज्यादा रहती है। लिहाजा अधिक सर्तकता की जरूरत है।

कोरोना में और अधिक सर्तकता जरूरी

डॉ कुणाल के अनुसार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर और अधिक सर्तकता जरूरी है। इसमें आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें। भीड़- भाड़ से बचें। खासकर बीमार लोगों को और अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। सदैव कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें। किसी प्रकार की समस्या होने पर निकट के अस्पताल में जाकर चिकित्सक से परामर्श लें। बिना डॉक्टर से पूछे किसी प्रकार की दवा का सेवन न करें। किसी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोरोना जांच करावें। किसी प्रकार की लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

ऐसे करें बचाव

डॉ कुणाल के अनुसार ठंड से बचें। अत्यधिक ठंड में सुबह या शाम को टहलने न निकलें। बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो पूरे गर्म कपड़े पहनकर रखें। इम्युनिटी बढ़ाने के हाईप्रोटीन डाइट युक्त मोटी दालें और विटामिन सी युक्त मौसमी फल खानपान में शामिल करें। गुनगुना पानी नियमित अंतराल पर पीते रहें। अगर बीपी,हार्ट, डायबिटिज आदि की दवा लेते हैं तो इसे नियमित रूप से लेते रहें और नियमित अंतराल पर डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।

इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर 

– हमेशा शारीरिक-दूरी का पालन करें।

– भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।

– नियमित रूप से मास्क का उपयोग करें।

– घर से सैनिटाइजर साथ रखकर ही निकलें।

– बार-बार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।

कोविड से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को जल्द मिलेगी अनुग्रह अनुदान राशि

मधुबनी : कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को जल्द ही अनुग्रह अनुदान की राशि प्रदान की जाएगी। इसको लेकर मुख्य सचिव अमीर सुब्हानी ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिख 31 जनवरी तक जिला पदाधिकारी द्वारा भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। 31 जनवरी के बाद अगर कोई मामला भुगतान हेतु लंबित हो तो संबंधित जिला पदाधिकारी विलंब के लिए दोषी पदाधिकारी/कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए तदानुसार औचित्य के साथ भुगतान हेतु अपनी अनुशंसा राशि की अधियाचना स्वास्थ्य विभाग से करें।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग को अनुशंसा सहित अधियाचन भेजी जाएगी। जिस पर राज्य कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन के पश्चात जिलों को राशि आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा आवंटित की जाएगी। कोविड-19 संक्रमण से मृत व्यक्तियों के निकटतम आश्रित को राज्य संसाधन से 4 लाख प्रति मृतक की दर से तथा एस.डी.आर.एफ. मद से 50 हजार प्रति मृतक की दर से आवंटित राशि से 31 जनवरी तक भुगतान जिला पदाधिकारी द्वारा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

बिहार सरकार ने जारी किया था आदेश

कोरोना के कारण मृत लोगों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान के तहत पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया गया है। जो कि आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा किया जाएगा। कोरोना से मौत के बाद अनुग्रह अनुदान के भुगतान को लेकर जिले से मृतकों की जानकारी मांगी गई थी। जिसके आलोक में मृतक के आश्रित परिजनों को अनुग्रह अनुदान की राशि मिलनी शुरू हो गयी है। कोविड-19 महामारी को केंद्र ने अधिसूचित आपदा में शामिल कर लिया है। लिहाजा अब इस व्यवस्था के तहत मिलने वाली अनुग्रह अनुदान का भुगतान आपदा प्रबंधन से किया जाएगा।

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कोरोना संक्रमण से जिन व्यक्तियों की मौत हुई है उनको अनुग्रह अनुदान के तहत 4 लाख रुपये देने का प्रावधान सरकार ने किया है। इसको लेकर सभी मृतकों की सूची जिलाधिकारी को सौंप दी गई थी। लाभार्थी को जल्द ही राशि प्रदान कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कोविड-19 को आपदा घोषित किया गया है तो सभी मृतक के आश्रित परिवारों को आपदा के तहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

बाल श्रम रोकने के लिए अधिकारियों ने चलाया छापेमारी अभियान

मधुबनी : जिले के जयनगर बाजार में श्रम अधीक्षक द्वारा गठित टीम के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि होटल, ढावे, वर्कशाप, टी स्टाॅल के साथ-साथ बाल श्रम संभावित क्षेत्रों/संस्थानों का विस्तृत विवरण तैयार करते हुए उन स्थान पर पुलिस व प्रशासन के सहयोग से उनका चिन्हिकरण कर समय-समय पर छापेमारी कर कार्यवाही किया जाएगा और कहा कि यदि इन क्षेत्रों में इस तरह का कोई मामला सामने आता है, तो संबंधित के खिलाफ निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा।

सिविल सर्जन ने लिया प्रिकॉशनरी डोज, कोरोना के प्रभाव से बचने का सबसे कारगर माध्यम है वैक्सीन

मधुबनी : जिले में 10 जनवरी से कोरोना टीका की प्रिकॉशनरी डोज यानी तीसरी डोज देने की भी शुरुआत हो गई है। पहले स्वास्थ्यकर्मियों, बीमारों-बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्करों को बूस्टर डोज दी जा रही है। इस श्रेणी के ऐसे व्यक्ति जिन्होंने कोरोना टीका की दूसरी डोज नौ महीने पहले ले ली है, उन्हें बूस्टर डोज दी जा रही है। स्वास्थ्यकर्मी तीसरी डोज लेने के बाद अन्य लोगों से भी अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने टीके की तीसरी डोज (प्रिकॉशनरी) डोज लिया।

बड़ी संख्या में टीका लेने के लिए सामने आ रहे हैं लोग

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने कहा, कोरोना से बचने के लिए टीका लेना बहुत ही जरूरी है। बड़ी संख्या में लोग टीका लेने के लिए सामने भी आ रहे हैं। कोरोना टीका की पहली और दूसरी डोज लेने वाले भी सामने आ रहे और अब तो तीसरी डोज भी आ गई है। इसलिए जिनलोगों ने नौ माह पहले टीका की दूसरी डोज ले ली है, वह जरूर तीसरी डोज ले लें। अभी तीसरी डोज स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाउन वर्करों और बीमारों-बुजुर्गों को दी जा रही है। बाद में जब आमलोगों को दी जाएगी तो आमलोग भी जल्द बूस्टर डोज ले लें।

बुजुर्ग भी बिना डरे ले सकते हैं प्रिकॉशनरी डोज

सर्जन ने बताया टीके की प्रिकॉशनरी डोज लेकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रभाव से बचने का सबसे कारगर माध्यम वैक्सीन ही है। इसलिए बुजुर्ग लाभुक भी इसे बिना डरे ले सकते हैं। उन्होंने बताया, प्रिकॉशनरी डोज के साथ सदर प्रखंड में कोरोना टीका की पहली और दूसरी डोज भी लगातार दी जा रही है। क्षेत्र के सभी लोग जल्द से जल्द कोरोना टीका की सभी डोज ले लें। इस प्रयास में हमलोग लगे हुए हैं। आमलोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा तीसरी लहर से बचने के लिए लोगों की कोरोना जांच भी लगातार की जा रही है। साथ ही, लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दो गज की दूरी एक-दूसरे के बीच बनाए रखने के अपील की जा रही है।

सुमित कुमार की रिपोर्ट