राजद ने पंचायतीराज संस्था अन्तर्गत बहाल प्रारंभिक शिक्षकों की समस्याओं के निदान को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा है। प्रवक्ता चित्तरंजन गगन द्वारा लिखे पत्र में कहा कि राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा से बच्चों को जोड़ने एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है, जिसका निर्वहन सभी शिक्षक सफलतापूर्वक करते आ रहें हैं, परंतु राज्य सरकार के भेद-भाव पूर्ण रवैया एवं दोहरी नीति से सूबे की शिक्षक उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
विदित हो कि बिहार सरकार, शिक्षा विभाग के संकल्प ज्ञापांक 7/ विविध-45/2017-1071 दिनांक-07-10-2021 में यह उल्लेख है कि राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत सहायक शिक्षको एवं प्रधानाध्यापको को एम० ए० सी० पी०एस० 2010 के प्रावधान के समरूप वित्तीय उन्नयन दिए जाने की स्वीकृति है।
राज्य कर्मियों के लिए पूर्व में ए०सी०पी० एवं वर्तमान में एम० ए० सी० पी०एस० दिनांक 01-01-2009 से प्रभावी हैं जिसके तहत 10 वर्ष, 20 वर्ष, एवं 30 वर्षों की सेवा पूर्ण होने पर क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वित्तीय उन्नयन का लाभ दिया जाता है। ऐसे में अन्य राज्य कर्मियों की भांति एम० ए० सी० पी०एस० योजना से राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षको को आच्छादित किया जाना अपेक्षित है।
पंचायतीराज संस्था अन्तर्गत बहाल प्रारंभिक शिक्षकों की निम्न माँग यह है कि :-
(1) अन्य राज्य कर्मियों की भांति 10 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षको को प्रथम वित्तीय उन्नयन का लाभ देने की स्वीकृति दी जाए।
( 2 ) पंचायतीराज अन्तर्गत बहाल प्रारंभिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की स्वीकृति दी जाए।
( 3 ) पंचायतीराज संस्था अन्तर्गत बहाल प्रारंभिक शिक्षकों को स्थानांतरण करने की स्वीकृति दी जाए।