एंटी BJP मोर्चे की एक धुरी पटना में, क्या जुटने के बाद एक रह पायेंगे तेजस्वी, अखिलेश और ममता..?
नयी दिल्ली/पटना : राष्ट्रीय स्तर पर एंटी बीजेपी फ्रंट के लिए तीसरे मोर्चे की एक धुरी बिहार से भी तैयार हो रही है। यूपी से इसकी कमान अखिलेश यादव और बंगाल में सीएम ममता बनर्जी तो बिहार में राजद के तेजस्वी यादव ने थाम रखी है। इस सिलसिले में तेजस्वी आरजेडी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ हैदराबाद जाकर तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव से मिले। वहां कैंप कार्यालय में उन्होंने केसीआर से भाजपा विरोधी संघीय मोर्चे की रूपरेखा और इसे आकार देने पर बात की।
तेजस्वी अपनी टीम के साथ केसीआर दरबार में
तेजस्वी के साथ राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी, भोला यादव, सुनील सिंह आदि नेता भी पटना से सीधे स्पेशल फ्लाइट से हैदराबाद गए थे। सूत्रों के अनुसार इस सबके पीछे मुख्य सूत्रधार शरद पवार और लालू यादव के बीच हुई हालिया बैठक को माना जा रहा है। इसमें पिछले महीने ममता बनर्जी के महाराष्ट्र दौरे के दौरान उद्धव ठाकरे की पार्टी के लोगों से हुई मुलाकात का भी फ्लेवर मौजूद है।
लालू से तेलंगाना सीएम की कराई फोन पे बात
बताया जाता है कि हैदराबाद पहुंचे तेजस्वी ने तेलंगाना सीएम केसीआर से अपने पिता लालू की फोन पर बात भी करवाई जिसमें उन्होंने केसीआर से अलग तेलंगाना राज्य को अपने काल में दिये समर्थन की याद दिलवाई। लालू ने केसीआर से भाजपा मुक्त भारत के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक दलों के प्रयास में अपनी भूमिका निभाने को कहा। केसीआर ने भी लालू से एक्टिव पॉलिटिक्स में वापस आने और अपने अनुभव तथा योगदान से नए मोर्चे को बल देने की कामना की।
भाजपा विरोध पर एक, लेकिन कुर्सी के लिए अनेक
तेजस्वी से केसीआर की मुलाकात के दौरान तेलंगाना सीएम के बेटे और राज्य के आईटी मंत्री केटी रामा राव और सीएम के भतीजे तथा रास एमपी जोगिनपल्ली संतोष भी मौजूद थे। मालूम हो कि केसीआर भी इस वक्त भाजपा के मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर नया मोर्चा बनाने को काफी हाथ—पांव मार रहे हैं। इसी सिलसिले में वे लगातार वाम मोर्चा के नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या तेजस्वी, अखिलेश, ममता, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, केसीआर आदि मिलकर कोई मोर्चा बना भी पाते हैं। यक्ष प्रश्न तो यह भी है कि अभी तो ये इकट्ठा हो भी जाएं पर क्या पीएम पद या देश का नेतृत्व करनेेे की बात आते पूर्व की भांति झगड़ तो नहीं पड़ेंगे?