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साक्षात्कार : युवा पुस्तक पढ़ने में दिलचस्पी लें और मोबाइल से बनायें दूरी

युवा साहित्यकार अभिलाष दत्त का अवतारी साक्षात्कार

युवा साहित्यकार अभिलाष दत्त अपने उपन्यास ‘अवतार’ को लेकर आजकल चर्चा में हैं। कारण है कि साहित्य अकादमी द्वारा युवा पुरस्कार 2021 के हिंदी की कुल 17 सर्वश्रेष्ठ किताबों की सूची में इन्हें भी स्थान मिला है। स्वत्व समाचार को दिए साक्षात्कार में अभिलाष दत्त ने ​संवाददाता गौरव कुमार के साथ अपने लेखन, रुचि, साहित्य अकादमी व आगे की योजनाओं आदि पर खुलकर बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश :

1. लोग चाहते हैं कि हम पढ़ाईकर कोई बड़ा मुकाम हासिल करें, लेकिन आपने पढ़ाई में ब्रेक लगाकर उपन्यास लेखन कैसे शुरू किया?

उत्तर : गौरव जी, मैंने पढ़ाई नहीं छोड़ी किसी कारण बस मुझे पढ़ाई छोड़नी पड़ी। मैं पैरामेडिकल की पढ़ाई करने के लिए दुर्गापुर गया था लेकिन कुछ ऐसी घटना हुई जिस कारण से मेरी पढ़ाई छूट गई, मैं बहुत ज्यादा डिप्रेस्ड हो गया और उधेड़बुन की गहरी खाई में गिर गया। लेकिन, मुझे कॉमिक्स पढ़ने की आदत थी तो मैं उसे ही जमा करने लगा और धीरे धीरे खुद को फिर से जीवन की पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार किया। उसके बाद उपन्यास लेखन शुरू कर दिया।

2. इस तरह की कल्पनात्मक लेखनी की प्रेरणा आपको कहां से मिलती है?

उत्तर : मैं स्वभाव से कल्पनाओं में रहने वाला हूं। जैसे हमारे ऋषि मुनि अपने अध्यात्म के बल पर कल्पनाओं का श्रेणि बनाते थे और उसे सत्य साबित करके दिखाते थे। वैसे ही मैं भी घटनाओं को सोचकर उसपर कल्पनात्मक विश्लेषण कर शब्दों के रूप में व्यक्त करता हूं।

3. क्या आपने पहले कभी किसी साहित्यकार को पढ़ा है, जो आपके जेनर के हों या फिर कोई अन्य?

उत्तर : जी हां थोड़ा बहुत पढ़ा हूं। पहले मेरी माता जी घर में पढ़ने के लिए मोटी मोटी किताबें लाया करती थीं। उस समय मैं समझता नहीं था कि क्या है? लेकिन उसे पढ़ता ज़रूर था। फिर बाद में मुझे पता चला वो एक अलग का साहित्य होती थी जिसे लोग आज लुगदी साहित्य जिसके साहित्यकार वेद प्रकाश शर्मा (लुगदी साहित्यकार) जी थे। साथ ही बहुत पहले मैंने थोड़ा बहुत देवकीनंदन खत्री जी की चंद्रकांता संतति और अंग्रेजी में बहुत सारी पुस्तकें पढ़ा हूं जो फैंटसी जेनर के थे। जिसमें सबसे बड़ा नाम जे.के.रोलिंग है जिनकी रचना को पढ़ा हूं।

4. क्या आप अपनी साहित्यिक लेखनी की यात्रा के बारे में कुछ बता सकते हैं?

उत्तर : मुझे मेरी साहित्यिक यात्रा का पहला ब्रेक तब मिला जब मैंने दुर्गापुर पैरामेडिकल कॉलेज को छोड़ा और अपनी फेसबुक पेज पर एक कहानी को साझा किया जो लोगों को बहुत पसंद आया। फिर मुझे लगा कि क्यों न इस सिलसिला को आगे बढ़ाया जाय और मैंने वही किया फिर मेरी साहित्यिक यात्रा पर मेरी गाड़ी दौड़ पड़ी। जो पहली बार कथा संग्रह ‘पटना वाला प्यार आया’ और दूसरी उपन्यास ‘भविष्यत’ के रूप में आया जो कि आज ‘अवतार’ है। जो कि आज साहित्य अकादमी के युवा पुरस्कार 2021 के हिंदी श्रेणी की शीर्ष सूची में स्थान मिलने तक का रहा।

5. आप अपनी पुस्तक अवतार के बारे में दर्शकों से क्या कहना चाहेंगे। क्या आपकी पुस्तक लोगों को जीवन से जोड़ती है?

उत्तर : लोगों से तो मैं इतना ही कहना चाहुंगा कि आप इस पुस्तक को एक बार जरूर पढ़ें। क्योंकि इसमें सिर्फ आपकी भविष्य के बारे में ही नहीं बल्कि आज के विज्ञान की भी ढेर सारी उलझी पहेलियों को भी सुलझा देगी। जैसे कि बरमूडा ट्रायंगल, बिग बैंग, पारस पत्थर, नागलोक का राज, क्षीरसागर, लाशाखोर, हालाहल विष, रावण की प्रजातियां आदि जैसे कई रोचक तथ्यों को अच्छे तरीके से समझाया गया है। जो सभी के जीवन से जोड़ता है। उन्हें इन सब जानकारियों के लिए पढ़ना पड़ेगा।

6. आपकी ये पुस्तक लोगों तक कैसे पहुंचेगी और कितना में मिल सकेगा?

उत्तर : ‘अवतार‘ अमेजॉन के कमर्शियल साइट पर उपलब्ध है, और आप से दुकान से भी खरीद सकते हैं। अमेजॉन 219, किंडल पर 109 की ऑफर प्राइस पर मिल रही है। साथ हीं प्रकाशक के साइट Flydreams पर भी उपलब्ध है। जिसका मूल प्राइस 299 है।

7. आप युवाओं से क्या उम्मीद करते हैं?

उत्तर : वैसे तो आज का युवा वर्ग पुस्तकों से दूरी बना लिए हैं और मोबाइल से लगाव हो गया है तो वे पुस्तकों को पढ़ना नहीं चाहते हैं। मैं उनसे गुजरिश करूंगा कि पुस्तक को पढ़ने में दिलचस्पी लें और मोबाइल से दूरी बनाए। क्योंकि विवेकानंद भी कहते थे “वेदों की ओर लौटो” और मैं युवाओं से कहना चाहुंगा कि मोबाइल छोड़ पुस्तकों को पढ़ो।

8. आपकी आने वाली पुस्तक कौन सी है?

उत्तर : मेरी आने वाली पुस्तक लोगों के जीवन से जोड़ते हुए एक प्यार की खट्टी-मीठी घटनाओं पर आधारित है जो कि तैयार तो है। लेकिन अभी तक उसका कोई नाम अभी तक फाइनल हुआ नहीं है। जब हो जायेगी तो दर्शकों को अवश्य बताऊंगा।

9. क्या आप सोच लिए हैं कि लेखन कार्य में ही अपना बहुमूल्य समय बिताना है?

उत्तर : इंसान को रूचिकर कार्य करना चहिए जो मैं कर रहा हूं। जहां तक लेखन की बात है तो यह मेरा कोई कार्य नहीं बल्कि मुझे इसमें रुचि जिसे अपना बहुमूल्य समय दे रहा हूं। इसके अलावा मैं एक पार्ट टाईम पत्रकार और एक दलित विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए कार्य करती है उस संस्था में शिक्षक भी हूं।