कोरोना के प्रसार को रोकने हेतु राज्य सरकार ने पूर्व में लिए गए निर्णय में संशोधन किया है। पहले सूबे की 8वीं तक के बच्चों की कक्षाएं बंद थी। जबकि इससे ऊपर की सारी कक्षाएं 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ चल रही थी।
लेकिन, राज्य सरकार के आदेशानुसार मुख्य सचिव ने इसमें संशोधन करते हुए अब सभी विद्यालय, महाविद्यालय, प्रशिक्षण संस्थान, कोचिंग संस्थान और छात्रावास को तत्काल प्रभाव से बंद रखने का आदेश दिया है। जबकि कार्यालय 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोले जा सकेंगे तथा ऑनलाईन शिक्षण कार्य संचालित किये जा सकेंगे। केन्द्र तथा राज्य के आयोग द्वारा आयोजित नियोजन संबंधी परीक्षाएँ तथा विभिन्न विद्यालय बोर्डो द्वारा आयोजित परीक्षाएँ संचालित की जा सकेंगी।
वहीं, पुलिस एवं होम गार्ड के प्रशिक्षण संस्थान तथा चिकित्सा से संबंधित शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान और इससे जुड़े छात्रावास खुले रहेंगे। अन्य सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों के संबंध में संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा समुचित निर्णय लिया जा सकेगा।
विदित हो कि बीती दिन क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की उच्च स्तरीय बैठक में नीतीश कुमार ने बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रसार को लेकर अहम निर्णय लिया था। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिहार में 6 जनवरी से 21 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा, जो कि रात्रि के 10 बजे से लेकर सुबह के 5:00 बजे तक प्रभावी होगा।
मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम भी स्थगित रहेगा इसके साथ ही समाज सुधार अभियान यात्रा को भी स्थगित कर दिया गया है। सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर 50% उपस्थिति के साथ संचालित होंगे। दुकानें रात्रि के 8:00 बजे तक ही खुलेंगे। सार्वजनिक परिवहन 100 फीसदी क्षमता के साथ संचालित होंगे।
क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में कई चीजों को पूणतः बंद करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें सिनेमा हॉल, जिम और पार्क शामिल हैं। वहीं, रेस्टोरेंट्स ढाबे को 50% ग्राहक क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई है।
शादी विवाह में अधिकतम 50 लोग शामिल हो सकते हैं। वहीं, अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति है। मठ मंदिर के द्वारआम लोगों के लिए बंद रहेंगे। मंदिर में सिर्फ पुजारी पूजा करेंगे। सामाजिक राजनीतिक कार्यक्रम में अधिकतम 50 लोग जुटेंगे इसके लिए डीएम से परमिशन लेना होगा।