PM पर पर्सनल अटैक कर बुरे फंसे गवर्नर मलिक, किसान सर्मथक होने के ढोंग का पर्दाफाश

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नयी दिल्ली : मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भाजपा के गले की हड्डी बन गए हैं। कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार की नीतियों की लगातार आलोचना करने वाले मलिक ने इसबार सीधे प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए उन्हें घमंडी और झगड़ा करने वाला करार दिया। यहीं गवर्नर मलिक से चूक हो गई। क्योंकि इस एक चूक ने उनके किसान समर्थक होने के ढोंग को पूरी तरह बेपर्दा कर दिया।

मलिक की मंशा पर उठने लगे सवाल

दरअसल गवर्नर सत्यपाल मलिक ने खुद को किसान समर्थक जताने की जल्दबाजी में पीएम मोदी पर पर्सनल अटैक कर दिया। पीएम की नीतियों की आलोचना की जा सकती है, लेकिन उनपर पर्सनल हमले करना और उनके व्यक्तित्व तथा झगड़ा करने आदि जैसे वक्तव्यों को देकर शायद गवर्नर मलिक कुछ अलग करने की हड़बड़ी में थे। यही कारण है कि कांग्रेस जैसे राजनीतिक मंच पर तो उनके बयान को हाथोंहाथ लिया गया, लेकिन किसानों और किसान संगठनों ने तो कोई नोटिस भी नहीं लिया।

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क्या कहा था गवर्नर सत्यपाल मलिक ने

मलिक ने बीते दिन एक कार्यक्रम में कहा कि जब वो कृषि क़ानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे तो तब वो ‘घमंड’ में थे। हरियाणा के दादरी में हुए इस कार्यक्रम में गवर्नर मलिक ने कहा, “मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई उनसे। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो उन्होंने कहा-क्या वे मेरे लिए मरे हैं?”

टिकैत की जगह खुद बनना चाह रहे अगुआ

स्पष्ट है कि गवर्नर मलिक की मंशा किसानों के मुद्दे सुलझाने से ज्यादा प्रधानमंत्री पर हमला करने की थी। वे ऐसा कर अपने लिए थोड़ी जगह किसानों के आंदोलन से मिलने वाले नए राजनीतिक ठिकाने के रूप में ढूंढ रहे हैं। लेकिन यहां क्या राकेश टिकैत या अन्य मुखर किसान नेता उन्हें अपने हिस्से में एक और हिस्सा बंटाने देंगे? शायद यह भी एक वजह है कि गवर्नर मलिक ने पीएम पर पर्सनल अटैक कर वह कर दिया जो राकेश टिकैत भी नहीं कर रहे ​थे।

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