नेत्रदान से रोकने पर अशोका अस्पताल का पंजीयन निलंबित, सुमो ने की थी कठोर कार्रवाई की मांग
पटना : 19 दिसंबर को हरजीत कौर के निधन के उपरांत नेत्रदान की प्रक्रिया में राजेंद्र नगर अशोका अस्पताल द्वारा अमानवीय और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का मामला सामने आया था। इसको लेकर भाजपा नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने दोषी अस्पताल पर कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
मामला संवेदनशील होने के कारण जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच टीम गठित कर दी। जांच के उपरांत अस्पताल के स्पष्टीकरण से असहमत होते हुए पटना के सिविल सर्जन ने अस्पताल का निबंधन रद्द कर दिया।
सिविल सर्जन कार्यालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि दैनिक जागरण समाचार पत्र में प्रकाशित खबर “अस्पताल में नेत्रदान से रोका तो एम्बुलेंस में निकाला गया कार्निया” मामले में जाँच हेतु गठित जाँच दल द्वारा प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के अनुसार मृतक हरजीत कौर की मृत्यु होने के उपरान्त नेत्रदान हेतु दधिची देहदान समिति के आग्रह पर आई.जी.आई.एम.एस. से आई टीम को अशोका अस्पताल में नेत्रदान को प्रक्रिया को पूर्ण होने की अनुमति नहीं दी गयी, जिसके कारण टीम द्वारा कानिया निकालने की प्रक्रिया एम्बुलेंस ( शव वाहन) में पूरा किया गया तथा अस्पताल द्वारा किसी प्रकार का अपेक्षित सहयोग नहीं की गयी, जो कि Ethical Medical Practice के प्रतिकूल है तथा मानवीय मूलयों के आधार पर यह बहुत गंभीर मामला है।
इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना एवं अमानवीय आचरण से अंगदान जैसे मानवतावादी कार्य को आघात तथा मृतक के शव को अपमान पहुँचान के कारण निदेशक/ प्रबंधक अशोका अस्पताल रोड नं०-3ए, राजेन्द्रनगर, भहाल भवन के नजदीक, पटना-16 से अधोहस्ताक्षरी कार्यालय ज्ञापांक 14654 दिनांक 19.12.21 द्वारा स्पष्टीकरण पृच्छा की गई।
अस्पताल प्रबंधक द्वारा प्राप्त स्पष्टीकरण से असहमत होते हुए क्लिनिकल इस्टैब्लिस्टमेंट एक्ट के तहत निबंधन संख्या 713/2021 को अगले आदेश तक के लिए निलंबित किया जाता है।