घोटाले के इस ‘जुगाड़’ से रेलवे भौंचक, बिहार के इस स्टेशन के बाहर लगे ईंजन को बेच डाला इंजीनियर
नयी दिल्ली/पटना : बिहार आते-आते भारतीय रेलवे भी अजब-गजब कारनामे के लिए चर्चित हो जाती है। जहां नित नए प्रयोग कर रेलवे को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है, वहीं सिस्टम में मौजूद तिकड़मबाज भी माल कमाने का जबर्दस्त जुगाड़ निकाल रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में समस्तीपुर रेलमंडल में एक इंजीनीयिर ने स्टेशन के बाहर मॉडल के तौर पर लगे रेल इंजन को ही बेच दिया। इसके लिए उसने घोटाले का जबर्दस्त जुगाड़ निकाला।
पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के बाहर खड़ा था स्टीम ईंजन
वाकया समस्तीपुर रेलमंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन का है। यहां स्टेशन के बाहर पिछले कई वर्षों से लगे स्टीम इंजन को रेलवे के इंजीनियर ने बेच डाला। इसका खुलासा तब हुआ जब वहां ऑन ड्यूटी तैनात सिपाही ने इस संबंध में अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
फर्जी आदेश, फर्जी इंट्री का जबर्दस्त आईडिया
जानकारी के अनुसार इंजीनियर ने डीएमआई का फर्जी आदेश दिखाकर छोटी लाइन का पुराना स्टीम इंजन बेच दिया और इसे स्क्रैप में भेजने की बात बनाई। किसी को इसकी भनक न लगे इसलिए एक दरोगा के साथ मिलकर स्क्रैप शेड के इंट्री रिजस्टर में एक पिकअप वैन की फर्जी इंट्री भी करवा दी। पता चला कि 14 दिसंबर 2021 को इंजीनियर राजीव रंजन झा ने हेल्पर सुशील यादव के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया। तब दोनों गैस कटर की मदद से पुराने इंजन को कटवा रहे थे। इसपर आउटपोस्ट के प्रभारी एमएम रहमान ने काम को रोका तो इंजीनियर ने फर्जी लेटर दिखाते हुए कहा कि इस इंजन का स्क्रैप वापस डीजल शेड तक पहुंचाना है।
सिपाही ने रजिस्टर की फर्जी इंट्री पकड़ी
अगले दिन 15 दिसंबर को वहां जब ड्यूटी पर तैनात सिपाही संगीता पहुंची तो उसने रजिस्टर में पिकअप वैन की इंट्री पहले से ही लिखी देखी। जब वह शेड में भीतर गई तो वहां इंजन या किसी और वस्तु का कोई स्क्रैप था ही नहीं। जब संगीता ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी तो हड़कंप मच गया। जांच की गई तो पता चला कि डीएमआई ने इंजन कटवाने का कोई आदेश दिया ही नहीं है। इसके बाद मामला खुल गया। अब अधिकारी उस इंजीनियर की तलाश कर रहे हैं जो आदेश दिखाकर इंजन कटवा रहा था। फिलहाल डीआरएम के आदेश पर इंजीनियर, हेल्पर और डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा को निलंबित कर दिया गया है।