विशेष राज्य के दर्जे पर पारस और प्रिंस ने की भाजपा से बगावत!

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पटना : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग अब एक बार फिर से तेज हो गई है। जहां जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष राज्य की मांग की है तो वहीं, अब मोदी कैबिनेट में मंत्री और लोजपा (पारस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने भी इसकी मांग की है।

अपने भतीजे चिराग पासवान से अलग होकर पार्टी बनाने वाले और केंद्र में मंत्री बने पशुपति कुमार पारस अब नीतीश के प्रति वफादारी दिखा रहे हैं। पशुपति पारस ने कहा है कि विशेष दर्जे की मांग बेहद पुरानी रही है और केंद्र सरकार को इसे हर हाल में मानना चाहिए।

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बिहार को जरूर विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए

वहीं, पशुपति कुमार पारस के साथ ही साथ उनके ही पार्टी के नेता प्रिंस राज ने भी कहा कि बिहार को जरूर विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले के शासन की तुलना में बिहार निसंदेह आगे बढ़ रहा है, पहले की तुलना में बिहार की सड़कें अच्छी हुई है। बिहार में अपराध कम हुआ है। लेकिन नीति आयोग की जो रिपोर्ट आई है वह भी चिंताजनक है। इस रिपोर्ट के आधार पर विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। ताकि बिहार और तेजी से विकास कर सके।

जदयू एक बार फिर से मुखर

मालूम हो कि विशेष राज्य की मांग को लेकर जदयू एक बार फिर से मुखर हुआ है। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इसके लिए पीएम मोदी को ट्वीट कर कहा है कि बिहार को जल्द से जल्द विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करें। इसके लिए उन्होंने नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट को आधार बनाया है।

वहीं, राजद के तरफ से भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जदयू का समर्थन किया गया है। राजद की तरफ से राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने राज्यसभा में इस पर नियम 267 के तहत बहस कराने की मांग रखी है। मनोज कुमार झा की तरफ से दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव में नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।

दूसरी तरफ देखें तो इस मामले पर बिहार भाजपा की अलग राय है। बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, मंत्री जीवेश मिश्र और छपरा से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की मुखालफत कर चुके हैं।

लोकसभा में रुडी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के विकास के लिए राज्य सरकार के पास कोई नीति नहीं है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिहार की मदद कर रही है और ज्यादा करना चाहती है लेकिन जब राज्य सरकार के पास नीति ही नहीं होगी तो केंद्र सरकार कैसे मदद करेगी

ऐसे में अब यह सवाल एक बार फिर उठने लगा है कि क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पशुपति कुमार पारस, मनोज कुमार झा और जदयू केंद्र सरकार पर दबाव बना पाती है या नहीं और यदि जवाब नहीं बना पाती है तो उसके पीछे का कारण क्या है।

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