Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Trending उत्तर प्रदेश देश-विदेश

9 मस्जिद हिंदुओं को सौंपने की बात कह रिजवी योगी काल में हुए आक्रामक

नयी दिल्ली/लखनऊ : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी जो आज हिंदू जिंतेंद्र त्यागी बन गए, वे यूपी में भाजपा नीत योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से ही लगातार चर्चा के केंद्र में रहे। उन्होंने भारत की 9 मस्जिदों को हिंदुओं को सौंप दिये जाने की बात उठाई थी। यही नहीं, रिजवी ने दिल्ली स्थित कुतुब मिनार के अहाते में बनी मस्जिद को भी हिंदुस्तान के माथे पर कलंक बताया था। आइए जानते हैं कुरान की आयतें हटाने से लेकर किताब लिखने और उससे जुड़े विवाद तक के उनके सफर के बारे में।

मदरसों की शिक्षा पर किया कड़ा प्रहार

आज सोमवार को रिजवी इस्लाम छोड़ धर्म बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए। उन्होंने साफ कहा कि सनातन हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है। इसमें जितनी अच्छाइयां हैं, उतनी किसी और धर्म में नहीं। दरअसल, वसीम रिजवी पहली बार 2017 में चर्चा में आए। तब उन्होंने मरदसों की शिक्षा पर कड़ा प्रहार करते हुए उसे आतंकवाद से जोड़ा था। यही नहीं, उन्होंने कुरान की 26 आयतों पर सवाल भी उठाये और उन्हें हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की।

कुरान की 26 आयते हटाने को लेकर PIL

रिजवी के इस कदम के बाद बवाल मच गया। सुन्नी उलेमाओं ने फतवा जारी किया। सुन्नी समुदाय इस कदर भड़का कि उसने रिजवी को इस्लाम से निकाल दिया। उनके परिवार के लोग भी उनसे नाराज हो गए और कई ने नाता तोड़ लिया। अब उन्होंने एक बार फिर गाजियाबाद के मंदिर में हिंदू धर्म अपनाकर सबको चौंका दिया। वसीम रिजवी का मौलाना कल्वे जव्वाद से गहरे संबंध रहे हैं। रिजवी को मुलायम सिंह यादव के काल में 2004 में शिया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। हाल ही में वसीम रिजवी ने कुरान की आयतों को पृष्ठभूमि में रखकर एक किताब लिखी जिसका सुन्नी समुदाय काफी विरोध कर रहा है। अभी यह किताब विमोचित नहीं हुई है।