शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रिजवी ने इस्लाम छोड़ा, हिंदू धर्म अपनाया
नयी दिल्ली : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ बजाप्ता हिंदू धर्म अपना लिया। उन्होंने डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से हिंदू धर्म में शामिल होने की दीक्षा ली। वसीम रिजवी तब चर्चा में आये थे जब उन्होंने कुरान की कुछ आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी। हिंदू धर्म ग्रहण करने के बाद रिजवी ने महंत नरसिंहानंद के समक्ष कई तरह के अनुष्ठान भी किए। अब रिजवी हिंदुओं की त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे।
महंत नरसिंहानंद ने हिंदू धर्म में शामिल कराया
इस मौके पर श्री रिजवी ने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करते हैं। उन्होंने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे। रिजवी का धर्म परिवर्तन कराने वाले नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि 15 दिन पहले उनके पास वसीम रिजवी का फोन आया। वह हैरान थे कि एक मुसलमान उन्हें फोन कर रहा है क्योंकि उनका मुसलमानों से कोई संपर्क नहीं रहता है।
डासना मंदिर में की पूजा अर्चना, हवन भी किया
नरसिंहानंद ने कहा कि वसीम रिजवी ने उन्हें बताया कि उन्होंने एक किताब लिखी है उसका विमोचन होना है। कई अल्पसंख्यक संगठनों ने उनकी किताब को लेकर विरोध किया था। इसी के बाद उन्होंने उनसे हिंदू धर्म में प्रवेश दिलाने का आग्रह किया। हिंदू धर्मगुरुओं ने वसीम रिजवी के हिंदू बनने का स्वागत किया है।