जीवेश या कुछ और? पैदल विस आकर क्या बताना चाह रहे नीतीश

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पटना : विधानसभा सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पैदल ही विस परिसर पहुंचे। वे पुराना सचिवालय से विधानसभा तक पैदल गए। लेकिन उनके इस पदयात्रा से तरह—तरह की राजनीतिक अटकलें गर्म हो गईं। कुछ लोगों का मानना है कि वे इसके द्वारा मंत्री जीवेश मिश्रा और भाजपा पर निशाना साधना चाह रहे। तो वहीं कुछ अन्य का कहना है कि अपनी गिरती छवि को चमकाने की सीएम की एक कोशिश भर है।

गिरती छवि की चिंता या भाजपा का दबाव

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दरअसल, शराब कांड के बाद मुख्यमंत्री इस समय अपनी गिरती ​छवि से बहुत चिंतित हैं। लेकिन अभी एक दिन पहले भाजपा कोटे के मंत्री जीवेश मिश्रा के साथ जो विवादास्पद घटना हुई और उन्होंने चुप्पी साध ली, फिर भाजपा के अड़ने पर डीएम—एसपी को माफी मांगनी पड़ी। इससे भी वे दबाव में हैं। यही कारण है कि मंत्री के साथ हुए वाकये और डीएम और एसपी द्वारा माफी मांगने के ठीक अगले दिन सीएम नीतीश की पदयात्रा सामान्य घटना नहीं है।

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प्रशासनिक अफसरों पर ढीली होती पकड़

कुछ लोगों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री की पकड़ अपने प्रशासनिक अफसरों पर ढीली पड़ी है। ऐसे में संभव है कि वे पैदल वाक करके अफसरों को भी साफ संदेश देना चाह रहे हों। चाहे शराब से हुई मौतों का मामला हो या विधानसभा परिसर में दारू की खाली बोतल मिलने का। सीएम अपने प्रशासनिक अफसरों से बेहद खफा हैं। क्राइम का रेट भी हाई है। इन सबको लेकर राजद उनपर काफी हमलावर भी है।

राजेंद्र जयंती के बहाने संदेश देने की चाहत

उधर सीएम नीतीश के स्वभाव से वाकिफ लोगों के अनुसार उन्होंने पुराना सचिवालय से विधानसभा तक की पदयात्रा से भाजपा और जीवेश मिश्रा को ही टार्गेट किया करने की कोशिश की है। वे जीवेश मिश्रा वाले इस प्रकरण से खफा थे और नाराजगी जताना चाह रहे थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए यह पदयात्रा की। लेकिन राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा आम है कि ऐसा करके उन्होंने एकसाथ कई संदेश देने की कोशिश की है।

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